यातायात दक्षता में सुधार

स्वच्छ उर्जा, स्वच्छ हावाका लागि लन्डनको दृष्टिकोण:
२० zero० सम्ममा एउटा शून्य कार्बन शहर
अक्टूबर London मा लन्डन ब्रीथलाइफ नेटवर्कमा विश्वको पहिलो मेगा-शहरको रूपमा सम्मिलित भयो जसले डब्ल्यूएचओको हवाको गुणवत्ता दिशानिर्देशहरूमा पुग्न प्रतिबद्धता यातायात दक्षता में सुधार जनायो। यी "सुनको मानक" वायु गुणस्तर को लागी सिफारिसहरु स्वास्थ्य हानिकारक प्रदूषकहरु मा गम्भीर सीमा सेट।
डब्ल्यूएचओले १० माइक्रोग्राम / क्यूबिक मिटरको स्वास्थ्य हानिकारक कण (पीएम २.)) को माथिल्लो सीमा सिफारिस गर्छ, र यो लन्डन २०२० सम्ममा पुग्ने लक्ष्य छ। लन्डनको एयर क्वालिटी डिपार्टमेन्टले विस्तृत विश्लेषण गरेको छ यो सुनिश्चित गर्नका लागि महत्वाकांक्षी तर यथार्थवादी लक्ष्य।
यो एक ठूलो लक्ष्य हो, तर गम्भीर विज्ञान र सरोकारवालाहरु सहमति द्वारा समर्थित यो पूरा गर्न लन्डनको व्यापक योजना छ। सहरको वायु गुणस्तरको रणनीति अर्को महत्वाकांक्षी लक्ष्य वरपर केन्द्रित छ: यातायात दक्षता में सुधार २० by० सम्म शून्य कार्बन शहर बन्न। यो दृष्टिकोण प्राप्त गर्न संस्थागत स्तरदेखि व्यक्तिसम्म व्यापक शहरव्यापी कार्यको आवश्यक पर्दछ।
यहाँ सफा हावाको लागि लन्डनको दृष्टिकोण र रणनीतिका केही प्रमुख पक्षहरू छन्।
दर्शनले
२०2041१ सम्ममा लन्डनवासीहरूले their० प्रतिशत पैदल यात्रा गर्नेछन् साइकल वा सार्वजनिक यातायातबाट (हालमा त्यो संख्या 80 64 प्रतिशत हो)।
सबै ट्याक्सीहरू यातायात दक्षता में सुधार र भाडामा कारहरू २०2033 सम्म शून्य उत्सर्जन हुनेछ; सबै बसहरू २०2037 by सम्म शून्य उत्सर्जन हुनेछ; २० London० सम्ममा लन्डनमा सबै नयाँ सवारी सवारी शून्य उत्सर्जन हुनेछ; र सम्पूर्ण यातायात प्रणाली २० 2040० सम्म शून्य उत्सर्जन हुनेछ।
२० London० सम्म लन्डन शून्य कार्बन शहर हुनेछ।
रणनीति
लचिलो, कम वा शून्य कार्बन ऊर्जा पूर्वाधार विकास गर्नुहोस् जसले लन्डनलाई आफ्नै ऊर्जाको अधिक उत्पादन गर्न अनुमति दिन्छ र सुरक्षित र स्केलेबल दीर्घकालीन हो।
पैदल यात्रीहरूका लागि स्थानीय सडकहरू बढी रमाइलो बनाउन कार ट्राफिकमा कटौती गरेर "स्वस्थ सडकहरू" दृष्टिकोण लागू गर्नुहोस्।
बायोडिजेल उद्योग बनाउनुहोस् सरकारी स्वामित्वको गाडीहरू ईन्धनको लागि - हरियो रोजगारहरूको लागि पनि उत्कृष्ट!
भवनहरूमा ऊर्जा दक्षता सुधार गर्नुहोस्। RE: नयाँले धेरै संगठनहरूलाई मर्मत सम्भार परियोजनाहरू मद्दत गर्दै भवनहरूलाई अझ ऊर्जा-कुशल बनाउन मद्दत गरिरहेको छ। जनवरी २०१ 2017 सम्म, RE: NEW ले १२127,500०० लन्डन घरहरू सुधार गर्न मद्दत गर्यो प्रति वर्ष ,46,000 2,००० टन सीओ २ को ऊर्जा बचतको साथ।
एक वर्ष 1 १०० टन कार्बन उत्सर्जन बचत गर्दै, लन्डनवासीहरूको अक्षम र टुक्रिएको बोयलरलाई £ १ मीटर बेटर बॉयलर कोषसँग बदल्नुहोस् र मर्मत गर्नुहोस्।
लन्डनको वायु गुणवत्ता योजनाको बारेमा थप जानकारी प्राप्त गर्नुहोस्:
११ अगस्तमा, मेयर सादिकले लन्डन वातावरण रणनीतिको मस्यौदा प्रकाशित गरे। यो योजना नोभेम्बर १ until सम्म सार्वजनिक टिप्पणीका लागि खुला छ। पूर्ण योजना अन्वेषण र दृष्टि मा आफ्नो प्रतिक्रिया प्रस्ताव।
“भारतीय नागर विमानन क्षेत्र में अगले 7 से 10 वर्षों में लगभग 400 मिलियन यात्रियों के आने की संभावना है” – ज्योतिरादित्य सिंधिया
केंद्रीय नागर विमानन और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) ने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के साथ आज गोवा में सिविल नेविगेशन सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (सीएएनएसओ) एशिया प्रशांत सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय “थिंक ग्लोबल, कोलैबोरेट रीजनल, एक्म्प्लीश लोकल” है। इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल, सीएएनएसओ के महानिदेशक साइमन होक्वार्ड, सीएएनएसओ के एशिया प्रशांत यातायात दक्षता में सुधार मामलों के निदेशक पोह थीन सोह उपस्थित थे। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सम्मेलन को वर्चुअल तौर पर संबोधित किया।
अपने वर्चुअल संबोधन में, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सम्मेलन ने पूरे एशिया प्रशांत के विशेषज्ञों को एक साथ लाया है, जिसका रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक हवाई यातायात में 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत का योगदान है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और नागरिक विमानन क्षेत्र में अगले 7 से 10 वर्षों में लगभग 400 मिलियन यात्रियों के आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का विषय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तहत भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि विमानन उद्योग लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर सृजित करता है, जोकि विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि हालांकि कोविड-19 महामारी के दौरान इस उद्योग को भारी नुकसान हुआ, लेकिन दुनिया भर में घरेलू स्तर पर स्थितियों में अब सुधार हो रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में विमानन उद्योग कोविड से पहले के यात्री यातायात के स्तर के लगभग 95 प्रतिशत हिस्से तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि एयर नेविगेशन सर्विस प्रोवाइडर (एएनएसपी) सेवाएं विमानन उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं। जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह ने विमानन उद्योग से प्रौद्योगिकी के स्तर पर सहयोग करने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “आने वाले समय में हवाई क्षेत्र का और आगे विस्तार होने वाला है। हमारे पास सिर्फ विमान ही नहीं, बल्कि कई हवाई उपकरण हैं। इसलिए, हमें नवीनतम तकनीकों को अपनाने की जरूरत है।”
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने बताया कि गोवा के नव-विकसित मोपा हवाई अड्डे को हाल ही में डीजीसीए से लाइसेंस मिला है। उन्होंने कहा कि नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा जल्द ही परिचालन शुरू करेगा, जिससे गोवा में पर्यटन के और अधिक अवसर खुलेंगे।
नागर विमानन सचिव राजीव बंसल ने भारत के लिए इस सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की जा रही है, वे यातायात दक्षता में सुधार सभी भारत में नागरिक विमानन के विकास की दृष्टि से बेहद प्रासंगिक हैं।
सिविल एयर नेविगेशन सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (सीएएनएसओ) के महानिदेशक साइमन होक्वार्ड ने दक्षता में सुधार पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग के लिए दक्षता में सुधार और अधिक स्केलेबल, टिकाऊ और लचीली प्रणाली का निर्माण करना कभी भी बहुत अधिक आवश्यक नहीं रहा है।
सीएएनएसओ के बारे में जानकारी
सिविल एयर नेविगेशन सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (सीएएनएसओ) – हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) उद्योग की वैश्विक आवाज है और हमारे भविष्य के आसमान को आकार प्रदान कर रही है। इसके सदस्य दुनिया के 90 प्रतिशत से अधिक हवाई यातायात को सहायता प्रदान यातायात दक्षता में सुधार करते हैं। इनमें हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाता, हवाई क्षेत्र के उपयोगकर्ता और ऑपरेटर, विनिर्माता और विमानन उद्योग आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। यह संगठन ज्ञान, विशेषज्ञता और नवाचार को साझा करने के लिए उद्योग को आपस में जोड़कर वैश्विक वायु यातायात प्रबंधन प्रदर्शन की देखरेख करता है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बारे में जानकारी
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) भारतीय महाद्वीपीय हवाई क्षेत्र और इसके आसपास के समुद्री हवाई क्षेत्र के ऊपर एयर नेविगेशन सेवाओं के प्रावधान के लिए जिम्मेदार है, जिसे आईसीएओ द्वारा भारत को सौंपा गया है। एएआई भारत में प्रमुख हवाईअड्डा संचालक के रूप में भी कार्य करता है, जो 133 हवाई अड्डों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 24 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, 78 घरेलू हवाई अड्डे, 10 कस्टम हवाई अड्डे और 21 सिविल एन्क्लेव शामिल हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का विजन दुनिया का अग्रणी एयरपोर्ट डेवलपर, ऑपरेटर और एयर नेविगेशन सेवा प्रदाता बनना है। इसका मिशन पूरे देश में एयर यातायात दक्षता में सुधार कनेक्टिविटी को बढ़ाना है और लागत प्रभावी, आधुनिक, सुरक्षित हवाईअड्डा परिचालन और हवाई नेविगेशन सेवाओं के लिए अत्याधुनिक और स्वदेशी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पर्यावरण के प्रति जागरूक स्थायी संगठन बनना है।
इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डासना, गाजियाबाद में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) पर भारत का पहला “इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम” (Intelligent Transport System) लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रणाली को ट्रैफिक को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विकसित किया गया था।
- इस अवसर पर, मंत्री ने कहा कि, भारत को अपनी सड़क इंजीनियरिंग में सुधार करने की आवश्यकता है, क्योंकि हर साल भारत में 5 लाख दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं।
एक्सप्रेसवे पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के बारे में :-
- ITS एक क्रांतिकारी अत्याधुनिक तकनीक है। यह कुशल बुनियादी ढांचे के उपयोग को बढ़ावा देकर, ट्रैफिक की समस्याओं को कम करके, ट्रैफिक के बारे में पूर्व सूचना प्रदान क करके, यात्रा के समय को कम करके और यात्रियों की सुरक्षा और आराम को बढ़ाकर यातायात दक्षता हासिल करेगा।
- यह प्रणाली किसी भी दुर्घटना का पता लगा सकती है और यह सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट प्राप्त कर सकती है कि एम्बुलेंस 10-15 मिनट के भीतर दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाए।
मेरठ और मुज़फ्फरनगर में हाईवे प्रोजेक्ट
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर में 240 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 9,119 करोड़ रुपये है। मंत्री के अनुसार, इन परियोजनाओं से किसानों के लिए अपनी फसल को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा, और इस तरह उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
भारतमाला परियोजना के तहत भिवानी- हांसी रोड को फोरलेन बनाने की मिली मंजूरी, 1322 करोड़ रूपये होंगे खर्च
हिसार :- हरियाणा वासियों के लिए एक अच्छी और राहत भरी खबर सामने आई है. खासकर भिवानी और हिसार के लोगों के लिए, आज की यह खबर उन्हें काफी खुश कर देगी. भारतमाला परियोजना के तहत NH 148b के भिवानी- हांसी सड़क खंड को फोरलेन बनाने के लिए 1322.13 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे दी गई है. इस परियोजना से हरियाणा में तेज आवाजाही और अच्छी अंतर- जिला कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी. इस खंड के विकास से लंबे मार्ग, यातायात और माल ढुलाई की समग्र दक्षता मे भी काफी सुधार होगा.
भिवानी- हांसी सड़क खंड को फोरलेन बनाने की मिली मंजूरी
जहां एक तरफ सफर काफी सुरक्षित होगा, वही यात्रा के समय में भी पर्याप्त कमी आएगी. यह परियोजना हरियाणा में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी. इससे यातायात दक्षता में सुधार आर्थिक विकास के कार्यों में भी तेजी आएगी. सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि भिवानी और हिसार जिलों में भारतमाला परियोजना के तहत nh148b के भिवानी हांसी सड़क खंड को फोरलेन बनाने के लिए 1322.13 रोड रुपए के बजट के साथ हरियाणा राज्य में एचएएम पर मंजूरी दे दी गई है.
इन राज्यों के लोगों को भी मिलेगा लाभ
इस हाइवे से कई राज्यों को फायदा होगा. इस मार्ग से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के साथ-साथ दक्षिण भारत आने वाले मालवाहक वाहनों के चालकों को भी राहत मिलेगी, उन्हें हरियाणा से गुजरने के लिए नया और छोटा रास्ता मिल जाएगा.अभी तक मालवाहक वाहन रोहतक -झज्जर- रेवाड़ी होते हुए जींद से राजस्थान में प्रवेश करते थे, इस रास्ते से उन्हें 50 से 60 किलोमीटर तक अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा था.
भारत में लगभग 46.90 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कों का विशाल नेटवर्क है. मौजूदा समय में भारत में सड़क घनत्व 1.43 किलोमीटर प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो कई देशों से बेहतर है.