ट्रेडर्स की पसंद

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ट्रेडिंग क्या है?- Trading कितने प्रकार की होती है
दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हों तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयर मार्केट के बारे में सारी जानकारी पता होनी चाहिए तभी आप शेयर मार्केट में निवेश कर अच्छा खासा पैसा बना पायेगे अगर आप बिना Share Market की जानकारी के शेयर बाजार में निवेश करते हों तो आपका पैसा डूब सकता है, शेयर मार्केट में आपने Trading शब्द जरुर सुना होगा लेकिन अगर आप ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते तो चलो आपको आज इस ब्लॉग पोस्ट में बताते है की आखिर ट्रेडिंग क्या है? ( trading kya hai ) ओर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है.
किसी वस्तु या सेवा को अच्छे दाम ट्रेडर्स की पसंद में खरीदना तथा कुछ ही समय में जब उस वस्तु या सेवा का दाम खरीदे गये दाम से ऊपर चले जाये उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाती है,
ट्रेडर्स का ट्रेडिंग करने का मुख्य मकसद किसी वस्तु या सेवा को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है. इसलिए आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है, बहुत सारे ट्रेडर्स शेयरों पर ट्रेडिंग कर हजारों से लेकर लाखों रुपये रोजाना कमा लेते है.
ट्रेडिंग को हिन्दी में क्या कहाँ जाता है?
ट्रेडिंग को हिन्दी भाषा में 'व्यापार ' कहते है यानी आसान भाषा में कहे तो खरीदने ओर बेचने का व्यापार.
शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में वैसे तो ट्रेडिंग बहुत प्रकार की होती है, लेकिन ज्यादातर ट्रेडर्स चार- पाँच प्रकार की ट्रेडिंग करना ही पसंद करते है , जो निम्न है
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- BTST और STBT Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
1- Scalping Trading
वह trade जो कुछ मिनटो के अंदर - अंदर कर दी जाती है मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स कुछ ही मिनट के भीतर शेयर बिक्री कर तथा उसे बेच मुनाफा कमा लेते है ऐसी ट्रेड को Scalping Trading कहते है, ओर इस ट्रेडिंग में trade कर रहे ट्रेडर्स को Scalpers कहाँ जाता है, इस ट्रेडिंग को बहुत रिस्की माना जाता है, क्योंकि इसमें आपको कुछ ही मिनटो के अंदर अपने अनुमान, सूझ - बूझ के चलते शेयर पर ट्रेडिंग कर उससे मुनाफा निकालना पड़ता है |
वह ट्रेड जिसको एक दिन के लिए ट्रेड किया जाता है उसे Intraday Trading कहते है, मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स सुबह मार्केट खुलने ( 9:15 am ) के बाद शेयर खरीद लेते है, ओर शाम को मार्केट बंद ( 3:30 pm ) होने से पहले शेयर को बेच कर मुनाफा कमाते है, इस प्रकार के ट्रेडर्स को Intraday Traders कहते है, Intraday ट्रेडिंग भी Scalping ट्रेडिंग के समान ही होती है लेकिन इसमें Scalping ट्रेडिंग ट्रेडर्स की पसंद से कम रिस्क होता है क्योंकि इसमें ट्रेडर्स शेयर को तभी खरीदता है जब शेयर के दाम कम हों ओर उसको लगता है, की उस शेयर के दाम कुछ मिनटो या घंटो में ऊपर जाने वाले है, ओर जैसे ही शेयर के दाम ऊपर जाते है, वह उसे बेच मुनाफा कमा ट्रेडर्स की पसंद लेता है|
3- BTST और STBT Trading
BTST का फुल फॉर्म होता है, BUY TODAY SELL TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज खरीदे कल बेचे यानी इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स आज इस उम्मीद के साथ शेयर खरीदता है, की कल उस शेयर की कीमत बढ़ जायेगी ओर जैसे ही अगले ट्रेडर्स की पसंद दिन मार्केट खुलता है ट्रेडर्स अपने ट्रेड किये गये शेयर को बेच कर मुनाफा कमा लेता है, इसमें ये होता है की ट्रेडर्स आज मार्केट बंद होने से पहले मार्केट को देखता है ओर उसको अगर लगता है की कल मार्केट में इन शेयर में उछाल देखने को मिलेगा तो वो शेयर buy कर लेता है ओर जब दूसरे दिन मार्केट खुलती है तो वो शेयर को Sell कर मुनाफा कमा लेता है |
STBT का फुल फॉर्म होता है, SELL TODAY BUY TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज बेचे कल खरीदे यानी यह ट्रेडिंग ठीक BTST के उलट होती है, इसमें आज सेल करना होता है, और अगले दिन शेयर की कीमत जब ओर गिर जाये तब उसे buy किया जाता है तथा Sell और Buy के बीच के अंतर को प्रॉफिट में गिना जाता है |
चाइनीज लोगों को पसंद आ रहे भारतीय मसाले, चिकन करी भी फेवरेट
- बीजिंग,
- 14 नवंबर 2017,
- (अपडेटेड 14 नवंबर 2017, 2:46 PM IST)
भारतीय मसाले और भारतीय खाद्य सामग्री चाइनीज लोगों को बेहद पसंद आ रही हैं। इस बात का खुलासा अलीबाबा ग्रुप के एनुअल सेल में हुआ। दरअसल अलीबाबा ग्रुप ने 'द सिंगल डे' नाम से एक सेल बीते शनिवार (11 नवंबर) को की। इसमें चाइनीज लोगों ने इंडियन फूड प्रोडक्ट और मसालों की जमकर खरीदारी की।
एक दिन का सेल 25.37 बिलियन डॉलर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चाइनीज लोगों की पसंद को देखते ट्रेडर्स की पसंद हुए अलीबाबा ग्रुप ने अपने सेल में काफी अधिक मात्रा में इंडियन आइटम रखे थे। इसमें इंडियन ग्रोसरी, रेडीमेड फूड, आयुर्वेदिक कॉस्मेटिक ब्राण्ड, मसाले, चाय और नमकीन जैसे सामान शामिल थे। अलीबाबा ग्रुप ने बताया कि उसके एक दिन का सेल 25.37 बिलियन डॉलर रहा। ये पिछले साल के मुकाबले 39 प्रतिशत अधिक है। इस सेल में करीब 1 लाख 40 हजार ब्रांड शामिल थे।
फ्लिपकार्ट और एमेजन की बढ़ सकती है मुश्किलें, सेल पर बैन लगाने की मांग हुई
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 15 Sep 2019 06:07 PM (IST)
नई दिल्ली: ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर दिवाली सेल का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लग सकता है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने सरकार को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा त्योहार के सीजन में भारी छूट देने पर रोक लगाने की मांग की है. ट्रेडर्स की यह प्रतिक्रिया फ्लिपकार्ट द्वारा 'दि बिग बिलियन डेज' सेल की तारीखों की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद ही आई है.
ट्रेडर्स ने फ्लिपकार्ट के अलावा इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी एमेजन और इस तरह की अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों की त्योहारों के सीजन में सेल पर नियंत्रण लगाने की मांग की है. हाल ही में फ्लिपकार्ट ने घोषणा की थी कि दिवाली और दशहरा से पहले उसकी हर साल होने वाली छह दिवसीय सेल 29 सितंबर से शुरू होगी. हालांकि एमेजन की ओर से अभी सेल की तारीख का एलान होना बाकी है.
राजस्थान में दीपालवी पर 800 करोड़ रु. के सोने-चांदी के सिक्कों की बिक्री का अनुमान, जयपुर सर्राफा कमेटी ने जारी किए ये सिक्के
जयपुर के बाजार त्योहारी रंगत में पूरी तरह रंग चुके हैं, इस दीपावली को शुभ और लाभ की बनाने में उत्पाद निर्माता भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी जयपुर ने परंपरागत रुप से खरीद के लिए सोने और चांदी के सिक्के जारी किए हैं, हॉलमार्का और शुद्वता के दावे के साथ ज्वैर्ल्स की सबसे बड़ी संस्था ने सिक्के जारी किए हैं.
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एक साल में दोगुना बढ़े भारत में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडर्स, 40 बिलियन डॉलर्स का लगा है दांव
बुधवार को बिटकॉइन के ट्रेडर्स की पसंद दाम लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )
क्रिप्टोकरेंसी aficionados का मंत्र है कि बिटकॉइन डिजिटल सोने के बराबर है। वहीं Chainalysis के अनुसार, भारत में, जहां परिवारों के पास 25,000 टन से अधिक सोना है, वहीं क्रिप्टो में निवेश पिछले वर्ष के मुकाबले काफी बढ़ गया है। पिछले साल जहां लगभग 200 मिलियन डॉलर का निवेश था वो अब बढ़कर लगभग 40 बिलियन डॉलर हो गया है। यह हालात तब हैं जब देश का केंद्रीय बैंक कई बार नकारात्मक टिप्पणियां कर चुका है। अब सवाल यह है कि आखिर देशा में यूथ के बीच ट्रेडिशनल निवेश यानी गोल्ड इंवेस्टमेंट को छोड़ क्रिप्टोकरेंसी की ओर क्यों मुड़ रहा है।