जमा बोनस और जमा नहीं बोनस

पूरा बोनस नकद चाहते थे राज्य कर्मचारी
कोविड-19 महामारी की वजह से राज्य कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता स्थगित है। ऐसे में कर्मचारी दिवाली के पहले बोनस का पूरा भुगतान नकद चाहते थे। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद राज्य के कर्मचारियों को इसकी पूरी उम्मीद भी थी। मगर, सरकार ने महामारी के दौर में अपने आर्थिक संसाधनों व प्राथमिकताओं को देखते हुए सामान्य दिनों की तरह केवल 25 प्रतिशत ही नकद देने का फैसला किया।
यूपी: 15 लाख कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस, 25 प्रतिशत नकद और 75 प्रतिशत जीपीएफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिवाली के पहले राज्य के 15 लाख कर्मचारियों को एक माह के बोनस भुगतान की मंजूरी दे दी है। पूर्व की तरह बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा नकद मिलेगा और जमा बोनस और जमा नहीं बोनस 75 प्रतिशत जीपीएफ में जमा होगा।
तदर्थ बोनस भुगतान के लिए मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा 7,000 रुपये तय की गई है। मार्च-2020 की वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000 रुपये मानते हुए 30 दिन का बोनस 6908 रुपये मिलेगा। 4,800 रुपये ग्रेड पे तक के अराजपत्रित कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। बोनस भुगतान से सरकारी खजाने पर करीब 1022.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
कर्ज चुकाएं, बोझ घटाएं
अगर आपने कोई लोन ले रखा है, तो सबसे पहले आपको बोनस में मिली रकम का इस्तेमाल अपना कर्ज चुकाने के लिए करना चाहिए. खास तौर पर उन कर्जों को तो सबसे पहले चुकाना चाहिए, जिन पर आपको भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ रहा है. मसलन, अगर आप पर क्रेडिट कार्ड का बकाया चढ़ा हुआ है तो बोनस का सबसे पहला इस्तेमाल उसे खत्म करने में करें, क्योंकि क्रेडिट कार्ड का कर्ज सबसे महंगा होता है. इसी तरह अगर आपने ऊंची ब्याज दर पर पर्सनल लोन ले रखा है, तो उसे भी चुका दें. हां, होम लोन चुकाने के बारे में आप थोड़ा आराम से सोच सकते हैं, क्योंकि आम तौर पर होम लोन का ब्याज सबसे कम होता है और फिर उसे चुकाने पर टैक्स में अतिरिक्त छूट भी मिलती है. लेकिन अगर आपका होम लोन काफी ज्यादा है, या उसकी मियाद काफी लंबी है, तो उसका कुछ हिस्सा चुकाकर आप उस बोझ को भी कम कर सकते हैं.
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लंबे समय के लक्ष्य को जमा बोनस और जमा नहीं बोनस ध्यान में रखकर निवेश करें
बोनस के रूप में हुई अतिरिक्त आमदनी का इस्तेमाल आप अपने जीवन के लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल यानी लंबे समय के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए भी कर सकते हैं. इसका एक आसान और बेहतर रिटर्न देने वाला तरीका किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में निवेश करने का हो सकता है. अगर आप बाजार में उथल-पुथल की वजह से निवेश की सही टाइमिंग को लेकर परेशान हैं, तो यह रकम आप एक बार में निवेश करने की जगह SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के तौर पर भी निवेश कर सकते हैं. SIP न सिर्फ बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करते हैं, बल्कि नियमित रूप से लंबे समय तक इनमें निवेश किया जाए तो आपको कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है. जिससे आपकी लगाई छोटी-छोटी रकम आगे चलकर काफी बड़ी हो जाती है.
अगर आपके पास पहले से पर्याप्त इमरजेंसी फंड नहीं है, तो बोनस का इस्तेमाल आप उसे मजबूत करने के लिए भी कर सकते हैं. आम तौर पर इमरजेंसी फंड इतना होना चाहिए, जोआपके छह महीने से लेकर एक साल तक के सभी खर्चों को कवर कर सके. आज के उथल-पुथल और आर्थिक जमा बोनस और जमा नहीं बोनस अनिश्चितताओं के दौर में एक साल के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड रखना बेहतर रहता है. खासतौर पर तब, अगर आप प्राइवेट सेक्टर की जॉब में हैं. इस इमरजेंसी फंड को आप ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD के रूप में रख सकते हैं, जिसे आसानी से तोड़ा जा सकता है. बैंकों के सैलरी एकाउंट के साथ जोड़कर ऑनलाइन क्रिएट किए जाने वाले एफडी सबसे जमा बोनस और जमा नहीं बोनस बेहतर होते हैं, जिन्हें आप जब भी जरूरत पड़े आसानी से कैश में तब्दील कर सकते हैं. ध्यान रखें कि इमरजेंसी फंड के लिए आप जो एफडी कराएं उनमें लॉकइन पीरियड पूरी तरह से फिक्स्ड न हों. इमरजेंसी फंड की सारी रकम एक बड़े एफडी की बजाय जमा बोनस और जमा नहीं बोनस छोटे-छोटे कई एफडी में बांटकर रखनी चाहिए, ताकि वक्त आने पर उतनी ही रकम निकाली जा सके, जितने की जरूरत है और बाकी पैसे एफडी के तौर पर आपके लिए बेहतर ब्याज कमाने का काम करते रहें.
टैक्स बचाना भी जरूरी है
अगर पिछले वित्त वर्ष के दौरान आप अपने रेगुलर इनवेस्टमेंट के जरिए टैक्स बचाने वाले निवेश की लिमिट का पूरा लाभ नहीं ले पाए थे, तो इस बार वित्त वर्ष की शुरुआत में ही आप अपने सालाना बोनस की मदद से उस कमी की भरपाई कर सकते हैं. इसके लिए आप लाइफ इंश्योरेंस स्कीम, हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, पीपीएफ (PPF) एकाउंट, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate), 5 साल के फिक्स्ड टर्म वाले टैक्स सेविंग एफडी, सरकार द्वारा घोषित टैक्स सेविंग बॉन्ड्स, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) या ऐसे ही किसी तरीकों पर विचार कर सकते हैं. लेकिन अगर आपके मौजूदा निवेश ही टैक्स सेविंग के लिए जरूरी सालाना निवेश की लिमिट पार रहे हैं, तो आपको ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में और पैसे फंसाने की जरूरत नहीं है.
बोनस में मिली रकम को आप अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जब आपको वेतन के रूप में नियमित आय मिलनी बंद हो जाएगी, तब यही निवेश आपके काम आएगा. अगर आपने हाल ही में जॉब करना शुरू किया है, तो भी ऐसा न सोचें कि अभी तो आप युवा हैं, फिर भला रिटायरमेंट के बारे में अभी से क्यों सोचें. दरअसल आप रिटायरमेंट के लिए जितनी जल्दी नियमित निवेश करना शुरू करेंगे उतनी ही बड़ा रिटायरमेंट फंड बना पाएंगे. इतना ही नहीं, करियर के शुरुआती दौर में, जब जिम्मेदारियां कम होती हैं, भविष्य के लिए पैसे निकालना ज्यादा आसान होता है. रिटायरमेंट के मकसद से निवेश करने के लिए आप पेंशन प्लान या NPS पर विचार कर सकते हैं. NPS का मतलब है नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) जो केंद्र सरकार की पहल है, जिसका लाभ सरकारी, निजी क्षेत्र या असंगठित क्षेत्र से जुड़े जमा बोनस और जमा नहीं बोनस कोई भी कर्मचारी उठा सकते हैं. इसमें निवेश पर रिटर्न के साथ ही साथ टैक्स में छूट का अतिरिक्त लाभ भी मिलता है.
इस कंपनी ने दिया कर्मचारियों को अजीब फरमान, जमा बोनस और जमा नहीं बोनस कहा- बोनस वापस करो नहीं तो सैलरी से काट लेंगे
Honda Bonus News: होंडा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के खाते में गलती से अधिक बोनस जमा करा दिया है, जिसे अब कंपनी द्वारा वापस मांगा जा रहा है. कंपनी ने कहा कि अगर आप बोनस वापस नहीं करते हैं, तो सैलरी से कट जाएगा.
Honda Bonus News: किसी भी कर्मचारी को महीने भर काम करने के लिए सैलरी मिलती है. लेकिन सैलरी मिलने से भी ज्यादा खुशी अगर कोई होती है, तो वो है बोनस मिलने की खुशी. लेकिन क्या हो अगर कंपनी आपको बोनस देने के बाद वापस मांग ले. जी हां. ऐसा ही कुछ हुआ है अमेरिका के ओहियो (Ohio) में होंडा मोटर्स (Honda Motors) में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ. जापानी कार कंपनी ने जमा बोनस और जमा नहीं बोनस ओहियो में अपने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें ओवरपेड बोनस दे दिया गया है, जिसे अब उन्हें वापस करना होगा.
सैलरी से कट जाएगा बोनस!
कंपनी ने इस मेमो में आगे कहा कि कर्मचारियों को यह अधिक मिला बोनस लौटाना होगा. यदि कर्मचारी इस अतिरिक्त बोनस को वापस नहीं करते हैं, तो यह उनके अगले महीने की सैलरी से काट लिया जाएगा.
कंपनी ने दी सफाई
मीडिया रिपोर्ट्स में अतिरिक्त बोनस वापस मांगने को लेकर कंपनी ने कर्मचारियों को मेमो भेजने की बात स्वीकारी है. कंपनी ने कहा कि उसका यह कदम पूरी तरह से कानूनी है और उसने कर्मचारियों को बोनस का कुछ हिस्सा वापस करने को कहा है. हालांकि कंपनी ने कर्मचारियों से कितनी राशि वापस मांगी है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
दीपावली बोनस का 75% पैसा खाते में आएगा, 6774 रूपए से ज्यादा नहीं मिलेगा बोनस; पीएफ खाते में भी जमा होगा
जयपुर (कार्यालय संवाददाता)। राजस्थान सरकार ने राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को दीपावली के मौके पर बोनस देने का फैसला लिया है। सीएम अशोक गहलोत के इस फैसले से प्रदेश के करीब 6 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। बोनस का यह पैसा गजेटेज अधिकारियों जमा बोनस और जमा नहीं बोनस को छोड़कर बाकी राज्य कर्मचारियों को दिया जाएगा। जो कर्मचारी राजस्थान सिविल सेवा नियम, 2017 के पे-मैट्रिक्स लेवल- 12 या ग्रेड पे- 4800 और इससे नीचे के लेवल की तनख्वाह ले रहे हैं, उन सभी को बोनस मिलेगा। पंचायत समिति, जिला परिषद के कर्मचारियों और कार्य प्रभारित कर्मचारियों को भी बोनस दिया जाएगा। बोनस की कैलकुलेशन साल 2021-22 के लिए अधिकतम पर्क्स 7000 रूपए और 31 दिन के महीने के आधार पर की जाएगी। यह बोनस 30 दिन के पीरियड के लिए दिया जाएगा। हर कर्मचारी को अधिकतम 6774 रूपए बोनस का पैसा मिलेगा। इसमें 75 प्रतिशत पैसा कैश दिया जाएगा और 25 प्रतिशत जीपीएफ खाते में जमा किया जाएगा। राजस्थान सरकार पर इस बोनस का 500 करोड़ रूपए वित्तीय भार आएगा।
तगड़ा बोनस पाकर खुश थे कर्मचारी, अब कंपनी का फरमान- वापस करो. वर्ना सैलरी से काट लेंगे!
- नई दिल्ली, जमा बोनस और जमा नहीं बोनस
- 23 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 23 सितंबर 2022, 9:51 AM IST)
किसी भी एंप्लाई में बोनस (Bonus) को लेकर खासा उत्साह रहता है और वो इसका इंतजार करता है. लेकिन, सोचिए कि उन्हें अच्छा बोनस मिल जाए और उनके खुशी मनाने से पहले कंपनी पैसे वापस मांगने लगे, तो उनकी क्या हालत होगी. कुछ ऐसा ही हुआ है जापानी ऑटोमेकर (Japanese Automaker) कंपनी होंडा (Honda) के कर्मचारियों के साथ. कंपनी ने पहले उन्हें बोनस देकर खुश किया और अब उन्हें पैसे वापस करने का आदेश दे दिया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?