विदेशी मुद्रा विश्लेषण

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है
ट्रिगर प्राइस क्या है?

What is Target - Stop loss in share market | Stop Loss और Target क्या होता है ?

Stop Loss कैसे करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजब आप एक नॉर्मल Buy या Sell Order (मार्केट या लिमिट) प्लेस करते हैं, तो फिर स्क्रीन पर Buy या Sell का विकल्प आएगा। जब आप इनमे से किसी एक विकल्प को चयन करते है तो अगले स्क्रीन पर “Stoploss order” सेट करने का ऑप्शन दिखाई देगा। “SL-Stoploss Order” विकल्प का चयन करें और “SL trigger price” वैल्यू दर्ज करें।

शेयर मार्केट में stop loss क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंस्टॉप-लॉस(Stop Loss Meaning in Hindi) वह प्राइस पॉइंट है जो आपको ट्रेड से बाहर निकलने में केवल विशिष्ट इकाइयों से दूर होता है। यदि आप एक बड़ा स्टॉप-लॉस लगाते हैं, तो आप करंट मार्केट प्राइस के पास आ रहे हैं और इस प्रकार, ट्रेडिंग में बने रहने के लिए बहुत कम जगह छोड़ते हैं।

स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमान लीजिये की आपने किसी कंपनी के स्टॉक को 100 रुपये में ख़रीदा है और अब आपको लगता है की उस स्टॉक की कीमत अब नीचे जाने वाली है तो आप उस स्टॉक को 90 रुपये के स्टॉप लॉस पर सेट करते है, लेकिन जिस प्राइस पर आप अपने आर्डर को ट्रिगर करना चाहते है उसके लिए आपको स्टॉप लॉस से ज़्यादा वैल्यू पर ट्रिगर प्राइस दर्ज़ करना होता है।

पिछला स्टॉप लॉस क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसका मतलब ये हुआ कि आपने 262 रुपये 25 पैसे पर शेयर खरीदा और आप 7 रुपये तक का नुकसान (255 रुपये) लेने को तैयार हैं। अगर शेयर की कीमत 255 रुपये तक गिर जाती है, तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव हो जाएगा और आप नुकसान के सौदे बाहर निकल जाएंगे। जब तक कीमत 255 नहीं पहुंचती, तब तक आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्टिव नहीं होगा।

ट्रिगर प्राइस क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसरल शब्दों में, ट्रिगर प्राइस वह प्राइस है जो प्राप्त होने पर, स्वचालित रूप से आपके ऑर्डर को लागू / निष्पादित करता है। अपस्टॉक्स के विशेष क्रम में ट्रिगर ऑर्डर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ इस लेख में, विभिन्न प्रकार के ऑर्डर और उनके संबंधित ट्रिगर ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है प्राइस की विस्तृत समीक्षा दी है।

ट्रिगर प्राइस का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंट्रिगर प्राइस आपके buy ओर sell के आर्डर को एक्टिवेट करने का काम करता है। इसका मतलब यह है कि ट्रिगर प्राइस आपके दोनों ऑर्डर में से किसी एक को एक्टिवेट करने का काम करता है। ट्रिगर ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है प्राइस का इस्तेमाल स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए किया जाता है।

शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंStop Loss वह मूल्य है जो शेयर मार्केट में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान होने से बचाता है। यह ट्रेडर्स के जोखिम को कम कर उन्हें सही समय पर मार्केट से बाहर निकलने की अनुमति देता है। शॉर्ट टर्म ट्रेड में स्टॉप लॉस की जरुरत और भी बढ़ जाती है क्योंकि यहां जोखिम की संभावना और भी ज्यादा होती है।

उपस्टेक्स में पैसे कैसे कमाए?

अपस्टॉक्स से पैसे कैसे कमाए?

  • Upstox प्लाट्फ़ोर्म पर ट्रेडिंग के ज़रिए जैसे की आपको ये मालूम है की Upstox एक stock broker है जो की आपकी मदद करता है shares को ख़रीदने में और बेचने में।
  • Upstox की Referrals के ज़रिए एक दूसरा तरीक़ा भी हैं Upstox से पैसे कमाने का वो ये की आप Referrals से पैसे कमा सकते हैं।

Upstox का मालिक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंअपस्टॉक्स के ओनर RKSV Securities है. इस कंपनी की शुरुआत Ravi Kumar, Raghu Kumar और Shrinivas Viswanath ने मिलकर 2009 में की थी उस समय इसका नाम आरकेएसवी सिक्योरिटीज दिया था लेकिन बाद इसे बदलकर Upstox का नाम दे दिया गया जिसके बाद अब यह इस नाम से काफी पॉपुलर हो रहा है.

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

What is Target - Stop loss in share market | Stop Loss और Target क्या होता है ?

शेयर मार्केट (share market) में निवेश के लिए स्टॉपलॉस (Stop loss) और टारगेट (Target) काफी महत्वपूर्ण रहते हैं। शेयर मार्केट में आने से पहले आपको यह बात पता होनी चाहिए कि शेयर मार्केट में जितना फायदा हो सकता है उतना ही आपको नुकसान भी शेयर मार्केट में हो सकता है ।

अगर आपको पता नहीं है कि स्टॉपलॉस और टारगेट क्या होता है तो आपके लिए यह बात जानना बेहद जरूरी है । आइए इसका मतलब जानने की कोशिश करते हैं । किसी भी शेयर का स्टॉप लॉस वह मूल्य है जिससे ज्यादा आप को नुकसान नहीं हो सकता । आइए इसको एक उदाहरण से समझे है ।

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