ट्रेडिंग सत्र क्या हैं?

दूसरा, चूंकि यह एक शुभ समय माना जाता है, इसलिए व्यापारी ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? और निवेशक दोनों ही स्टॉक बेचने से बचते हैं, जब तक कि बाजार के फंडामेंटल ऐसा नहीं सुझाते। सक्रिय सेलर्स की कमी का मतलब बाजार में लिक्विडिटी कम होती है, जो बाजार की भागीदारी को बाधित करता है।
दिवाली पर शेयर बाजारों में एक घंटे के लिए होगा ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? मुहूर्त ट्रेडिंग
हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दिवाली पर सोमवार को प्रमुख शेयर बाजार BSE और NSE में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा। यह सांकेतिक कारोबारी सत्र शाम को सवा छह बजे से सवा सात बजे के बीच होगा। ऐसी मान्यता है कि ‘मुहूर्त’ के दौरान लेन-देन करना शुभ होता है और यह वित्तीय समृद्धि लाता है।
मान्यता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में खरीदारी से निवेशक को सालभर होगा लाभ
मुहुर्त कारोबार के दौरान शेयर के अलावा जिंस वायदा, मुद्रा वायदा, शेयर वायदा एवं विकल्प जैसे क्षेत्रों में भी कारोबार ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? होगा। अपस्टॉक्स में निदेशक पुनीत माहेश्वरी ने कहा, ‘किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दिवाली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में धारणा सकारात्मक है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।’ उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल एक घंटे का है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है।
Diwali Muhurat Trading 2022: जानिए क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, निवेशक क्यों मानते हैं इसे बेहद शुभ?
By: ABP Live | Updated at : 18 Oct 2022 05:03 PM (IST)
Diwali Muhurat Trading 2022: 24 अक्टूबर, 2022 को देशभर में दीपों का उत्सव दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार मनाया जाएगा. दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और उसके निवेशकों के लिए बेहद खास रहता है. शेयर बाजार तो वैसे दिवाली के चलते बंद रहता है. लेकिन दिवाली की शाम देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद बाजार में दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग (Diwali Muhurat Trading) होती है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या होता मुहूर्त ट्रेडिंग और क्यों इसे बेहद शुभ माना जाता है.
दिवाली पर 1 घंटे ट्रेडिंग
24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली के दिन शेयर बाजार में स्पेशल ट्रेडिंग सेशन का आयोजन किया जाएगा जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Diwali Muhurat Trading 2022) कहा जाता है. मुहूर्त ट्रेडिंग के खास मौके पर शेयर बाजार में केवल एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होती है. शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार में निवेश करते हैं. मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश की परंपरा को बेहद खास और शुभ माना जाता है. 24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली के दिन बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. शाम 6.15 से 7.15 मिनट तक मुहूर्त ट्रेडिंग की जा सकती है. शाम 6 बजे से लेकर 6.10 बजे तक प्री-ओपन ट्रेडिंग सेशन ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? का सत्र होगा जो हमेशा शेयर बाजार के खुलने के पहले आयोजित किया जाता है. दिवाली के दिन बाजार में निवेश को बेहद शुभ ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? माना जाता है. निवेशक यही कामना करता है कि शेयर बाजार में पूरे साल में तेजी बनी रहे. मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशकों को बिकवाली पर जोर नहीं होता है बल्कि वे अच्चे स्टॉक्स में निवेश के लिहाज से खरीदारी करते हैं.
Muhurat Trading 2022: दीपावली पर शेयर बाजारों ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? में 1 घंटे के लिए होगी मुहूर्त ट्रेडिंग, जानें समय, इसका महत्व और बाकी डिटेल
हिंदू संवत वर्ष 2079 (Samvat 2079) की शुरुआत के पहले दिन दीपावली (Diwali 2022) पर सोमवार 24 अक्टूबर को प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र होगा, जिससे ‘मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading)’ कहा जाता है।
दोनों शेयर बाजारों ने अलग-अलग सर्कुलर में बताया कि यह कारोबारी सत्र शाम को 6:15 PM से 7:15 PM के बीच होगा। ब्लॉक डील सेशन शाम 5.45 से शाम 6 बजे तक होगा और प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से शाम 6.08 बजे के बीच होगा।
दिवाली और लक्ष्मी पूजन के कारण इस दिन नियमित ट्रेडिंग बंद रहेगी। शेयर बाजार बस Muhurat Trading के लिए शाम में एक घंटे के लिए खुलेंगे। यह एक प्रतीकात्मक और पुरानी परंपरा है जिसे ट्रेडिंग कम्युनिटी ने पिछले 100 सालों से अधिक समय से बनाए रखा है और इसे हर साल मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ‘मुहूर्त’ के दौरान सौदे करना शुभ होता है और यह वित्तीय समृद्धि लाता है।
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ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म अपस्टॉक्स (Upstox) के डायरेक्टर पुनीत माहेश्वरी ने न्यूज एजेंसी से पीटीआई से बातचीत में कहा, "किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव है और विभिन्न सेक्टर्स में खरीदारी हो रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।"
उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल एक घंटे का है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है।
Trading on Diwali : करें मुहूर्त ट्रेडिंग, पूरे साल होगी धनवर्षा
आज धनतेरस है. सिटी के मार्केट गुलजार हैं. वहीं, ऑनलाइन मॉर्केट में रौनक दिखाई दे रही है. वैसे दिवाली के दिन शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? होती है. इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है. इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है.
गोरखपुर (ब्यूरो).दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट तीनों में होती है। ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी, जो शाम के 7.15 तक चलेगी। गोलघर, बैंक रोड स्थित शेयर ब्रोकर्स ने लगातार दो दिनों से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई है।
हर्श् वोरा कि चेकलिस्ट मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के साथ-साथ लॉन्ग टर्म निवेश के फंडामेंटल वैसे तो साल के बाकी दिनों के समान ही रहते हैं, पर यह एक घंटे का सत्र ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह पहली बार 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक नए हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में ट्रेडिंग सत्र क्या हैं? शुरू हुआ था और तब से हर साल आयोजित किया जाता है। नए साल का स्वागत करने के लिए, निवेशक आमतौर पर टोकन के रूप में केवल थोड़ी मात्रा में स्टॉक खरीदते हैं।
पर थोड़ी मात्रा में ही क्यों? एक कारण, इस घंटे के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होते हैं। इसका कारण यह है कि, एक घंटे की सीमित अवधि में, निवेशकों को उन पोजीशंस को क्लोज करने का समय नहीं मिल पाता है जिन्हें वे सत्र की शुरुआत में ले सकते हैं। इसे देखते हुए वे यह करने से बचते हैं। चूंकि दिवाली पर छुट्टी होती है, इसलिए बाजार में लोग भी रोज़ की तरह सक्रिय नहीं होते हैं।