ADR क्या है?

कांग्रेस पार्टी की बात करें तो आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के जीतने की 38% संभावना थी और स्वच्छ रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के 33% संभावना थी. विश्लेषण से संकेत मिलता है कि 44% सांसद ADR क्या है? और विधायक जो स्नातक और उससे ऊपर तक पढ़े थे और 52% जिन्होंने 12वीं या उससे कम तक की पढ़ाई की थी, उन पर आपराधिक मामले दर्ज थे.
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वैकल्पिक विवाद निवारण (एडीआर) शब्द का उपयोग कानूनी विवादों के समाधान हेतु अन्य वैकल्पिक तरीकों ADR क्या है? के लिये किया जाता है। व्यापारिक दुनिया के साथ ही आम लोगों द्वारा भी यह अनुभव किया जाता है कि मुकदमा दायर कर समय पर न्याय प्राप्त करना कई लोगों के लिये अव्यावहारिक हो गया है। न्यायालयों के पास अत्यधिक लंबित मामलों के परिणामस्वरूप विवाद से जुड़ी पार्टियों (पक्षों) को अपने मुकदमों की सुनवाई और निर्णय के लिये इंतज़ार करना पड़ता है। विलंबित न्याय की इस समस्या को दूर करने के लिये ही एडीआर तंत्र विकसित किया गया है।
भारत में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र
UP Election: फर्स्ट फेज में किस्मत आजमा रहे 46 प्रतिशत कैंडिडेट करोड़पति, 25 प्रतिशत पर क्रिमिनल केस, पढ़ें और क्या बताती है ADR की रिपोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर
चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 46 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। बता दें कि इनकी औसत संपत्ति 3.72 करोड़ रुपये के आसपास आंकी गई है। इस फेज के 615 प्रत्याशियों में से 156(25% उम्मीदवार) करोड़पति हैं।
किस पार्टी में कितने दागदार: इसके अलावा इनमें 121 उम्मीदवारों ने खुद पर हत्या सहित गंभीर अपराधिक मामले घोषित किये हैं। बता दें कि एडीआर ने कहा है कि प्रमुख दलों के उम्मीदवारों में सपा के 28 उम्मीदवारों में से 21, आरएलडी के 29 उम्मीदवारों में से 17 प्रत्याशी, भाजपा के 57 उम्मीदवारों में से 29 और कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 21 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की पुष्टि की है।
Gujarat Election: आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना दोगुनी, ADR का विश्लेषण
गुजरात में 2004 से हुए चुनावों के एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चलता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना उन उम्मीदवारों की तुलना में अधिक है जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) से पहले एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसे जानकर राजनीति में गैर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को झटका लग सकता है. दरअसल, गुजरात में 2004 से हुए चुनावों के एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चलता है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना उन उम्मीदवारों की तुलना में अधिक है जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
अप नेक्स्ट
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बिहार के महागठबंधन सरकार में 72% मंत्रियों का 'दागी' चरित्र, 17 पर गंभीर आपराधिक केस
- News18Hindi
- Last Updated : August 18, 2022, 08:11 IST
पटना. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार में विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह (Law Minister Kartikey Singh) के अपहरण के एक मामले में वारंटी होने की बात सामने आने से बिहार की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है. इस बीच, चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report) सामने आई है. इसमें बिहार सरकार के 72 प्रतिशत मंत्रियों के किसी न किसी आपराधिक मामले में आरोपित होने की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) के 23 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. इनमें से 17 पर गंभीर क्रिमिनल मामले दर्ज हैं.
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एडीआर की रिपोर्ट- मतदाताओं ने औसत से कम आंका सरकार को
लखनऊ। इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स (एडीआर) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में किए गए सर्वेक्ष में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने जो कहा वह चौकाने वाला है। बेरोजागारी दूर करने, कृषि सुविधाएं देने और कानून व्यवस्था के मामले में यूपी सरकार को औसत ADR क्या है? से नीचे आंका है। सरकार के प्रदर्शन से किसान मतदाता भी खुश नहीं हैं।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने अपनी रिपोर्ट आज जारी की। रिपोर्ट में एडीआर ने कहा है कि उनके द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि सरकार से जनता खुश नहीं है। उन्होंने 31 बिन्दुओं के संदर्भ में जनता से सर्वे किया था इसमें पाया कि प्रशासन के मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन औसत के नीचे स्तर पर है। एडीआर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के सर्वेक्षण 2018 से पता चलता है कि समग्र रूप से उत्तर प्रदेश में 43 प्रतिशत मतदाता बेहतर रोजगार के अवसर पाने की इच्छा रखते हैं इसके साथी 35 प्रतिशत लोग बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकार चुनना चाहते हैं। 34 प्रतिशत लोग अच्छी पुलिसिंग चाहते हैं।