भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगा सकता है भारत
भारत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को प्रतिबंधित कर सकता है। नए नियमों के तहत भारत में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है या ऐसी डिजिटल संपत्ति (digital assets) रखने के लिए भी किसी पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
मुख्य बिंदु
जो बिल प्रस्तावित किया जाएगा वह क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ दुनिया की सबसे सख्त नीतियों में से एक होगा। यह बिल क्रिप्टो-एसेट्स (crypto-assets) रखने, जारी करने, माइनिंग, व्यापार और हस्तांतरण को आपराधिक बना देगा। यह बिल क्रिप्टोकरंसी के धारकों को लिक्विडेट करने के लिए छह महीने तक का समय प्रदान करेगा। छह महीने के बाद, जुर्माना लगाया जाएगा। यदि यह विधेयक एक कानून बन जाएगा, तो भारत पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जो क्रिप्टोकरेंसी को अवैध बनाएगी। हालांकि, चीन ने क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इसने क्रिप्टोकरेंसी रखने पर दंड की व्यवस्था नहीं की है।
दुनिया भर में बिटकॉइन लेनदेन
बिटकॉइन (Bitcoin) दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। 13 मार्च, 2021 को बिटकॉइन ने $60,000 का रिकॉर्ड उच्च स्तर छुआ। यह मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी थी। टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क (Elon Musk) जैसे हाई-प्रोफाइल समर्थकों के समर्थन से भुगतान के लिए इसकी स्वीकृति बढ़ गई है। भारत सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, इसके बावजूद भारत में इसकी लेनदेन की मात्रा बढ़ रही है। भारत में, लगभग 8 मिलियन निवेशक 100 अरब रुपये का निवेश कर रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी
यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।
क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।
- सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
- सरकार ने क्रिप्टो के भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार गया।
- भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।
यह भी पढ़ें | IND vs NZ: सूर्या और चहल के सामने न्यूजीलैंड का सरेंडर, भारत की आसान जीत
हालात और बुरे होने की आशंका
- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।
भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।
- सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
- सरकार ने क्रिप्टो के विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर गया।
- भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।
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हालात और बुरे होने की आशंका
- जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
- एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
- भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा भविष्य, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- सरकार इसे लेकर.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर वित्त मंत्री ने बयान दिया है.
Published: December 4, 2021 8:40 PM IST
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं है, लेकिन ये तय है कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बयान दिया है. सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के विनिमयन की तैयारियों के बीच उनका यह बयान आया है. सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कई तरह की अटकलें चल रही हैं और ये अटकलें अच्छी बात नहीं हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अच्छी तरह से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया विधेयक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद निश्चित रूप से संसद में आने जा रहा है.
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एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारी अटकलें चल रही हैं… ये बिल्कुल ठीक बात नहीं हैं.’’ क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का नियमन विधेयक, 2021 को लोकसभा के बुलेटिन-भाग दो में शामिल किया गया है. इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा. बुलेटिन में कहा गया है कि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक रूपरेखा तैयार करने से संबंधित है.
इसमें देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का प्रावधान भी है. हालांकि यह क्रिप्टोकरेंसी में अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने और उसके इस्तेमाल के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देता है. इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में सीतारमण ने कहा था कि नए विधेयक में वर्चुअल मुद्रा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का ध्यान रखा जाएगा और इसमें पुराने विधेयक की उन चीजों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले नहीं लिया जा सका था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार का मीडिया में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार है, उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशानिर्देशों का अध्ययन किया जा रहा है और उनके नियमनों पर भी गौर किया जा रहा है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर किसी तरह का रुख अपना सकें या कोई फैसला ले सकें. उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे हैं. यह काफी ऊंचे जोखिम वाला क्षेत्र है.
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भारत आने से पहले ही ठप न पड़ जाए इस क्रिप्टोकरेंसी का बिजनेस
डीएनए हिंदीः क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में इस समय उठा-पटक की स्थिति है. भारत में इसका भविष्य क्या होगा, ये एक डर प्रत्येक व्यक्ति के मन में बैठ गया है. इसकी वजह इन करेंसी के भाव में अनिश्चितता है. वहीं संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विशेष कानून आने की चर्चाएं भी हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बीच भी सिंगापुर की क्रिप्टोकरेंसी भारत में अपना व्यापार स्थापित कर रही है जिसका भविष्य अधर अटक सकता है.
भारत में शुरु ऑपरेशंस
देश में क्रिप्टोकरेंसी के बैन होने की खबरों के बीच ही सिंगापुर की क्रिप्टोकरेंसी ने भारत में अपने वर्किंग ऑपरेशंस शुरु कर दिए हैं. सिंगापुर की इस एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी का नाम कॉइनस्टोर है जिसे हाल ही में वेब एवं एप्लिकेशन के माध्यम से लॉन्च किया गया है. वहीं सिंगापुर में अपना बिजनेस मजबूत करने के बाद अब इस क्रिप्टो कंपनी ने भारत में अपने पैर पसारने की तैयारी कर ली है.
कंपनी का बिजनेस प्लान है कि वो भारत के बड़े शहरों बैंगलोर, नई दिल्ली और मुंबई में अपनी ब्रांच खोलेगी. इनके जरिए ही कंपनी भारत में अपनी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी को ऑपरेट करेगी.
भारत से आ रहे एक तिहाई यूजर
कॉइनस्टोर के प्रमुख चार्ल्स टैन (Charles Tan) ने कंपनी के भारत में सर्विसेज और ऑपरेंशस को लेकर कहा है कि कंपनी का एक तिहाई यूजर बेस भारत से ही आ रहा है. उन्होंने कहा, "हमारी ऐप पर आ रहा लगभग एक तिहाई यूजर भारत से है तो ऐसे में भारतीय बाजार में विस्तार करना कंपनी ने ठीक समझा है." भारत में इन क्रिप्टो के बैन होने को लेकर उन्होंने कहा, "पॉलिसी थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि चीजें पॉजिटिव रहेंगी. उम्मीद है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक हेल्थी फ्रेमवर्क प्रस्तुत करेगी."
वर्क फोर्स तैयार कर रही है कंपनी
वहीं भारत में अपने ऑपरेशंस शुरु करने के साथ ही कॉइनस्टोर ने 100 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने की भी योजन बनाई है. कंपनी भारत में क्रिप्टो करेंसी के ऑपरेशंस के लिए सर्विसेज पर करीब 20 मिलियन डॉलर का खर्च करने की योजना बना चुकी है. इन सभी तैयारियों के बीच भारत सरकार यदि क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ कोई कदम उठाती है तो ये कॉइनस्टोर एवं उसके प्रमुक के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा.