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दिन व्यापारी कौशल क्या हैं?

दिन व्यापारी कौशल क्या हैं?

मदरसा-वक्फ संपत्तियों पर सियासत: मंत्री कौशल किशोर बोले- अखिलेश का संबंध क्या है जो विरोध कर रहे हैं; बयानबाजी से ही मायावती की सिर्फ एक सीट बची

योगी सरकार ने मदरसों के बाद वक्फ की संपत्तियों के सर्वे के आदेश दिए हैं। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा सर्वे नहीं होना चाहिए। हम इसका विरोध करते हैं। PFI की तुलना RSS दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? से दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? किए जाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर भड़क गए। उन्होंने कहा कि तुलना करने से अच्छा है कि उनकी तरह काम करें। पता नहीं वक्फ संपत्तियों से अखिलेश का क्या संबंध है, जो उनको इतना डर लग रहा है।

मायावती ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के दिल्ली के एक मस्जिद और मदरसे में जाकर उलेमा से मुलाकात सवाल उठाया है। मायावती ने पूछा कि क्या इसके बाद बीजेपी और उनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद, मदरसों के प्रति नकारात्मक रूप से बर्ताव में बदलाव आएगा। इस पर कौशल किशोर ने कहा कि बसपा प्रमुख की राजनीति अब खत्म हो गई है। बयानबाजी के कारण उनकी बस एक सीट बची है।

  • दैनिक भास्कर ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे, PFI फंडिंग सहित कई मुद्दों पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर से बातचीत की। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश.

कौशल किशोर ने दैनिक भास्कर से बातचीत की।

सवाल: अखिलेश कह रहे हैं कि मदरसा-वक्फ संपत्तियों के सर्वे का विरोध करेंगे, ये गलत है क्या?
जवाब:
अखिलेश यादव का मदरसों और वक्फ संपत्तियों से क्या संबंध है, यह तो वहीं जानते होंगे। अखिलेश को यह मालूम होना चाहिए कि वक्फ की संपत्ति उनकी होती है जो लोग दीन हीन हैं। गरीब हैं, तलाकशुदा हैं। उनको उन संपत्तियों से उनका गुजारा कराया जाए। उनके पास अगर आवास न हो तो उनको आवास दिया जाए। वक्फ संपत्तियों पर दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? जो मालिक बन कर बैठे हैं, वो लोग क्या कर रहे हैं। अगर उनके खिलाफ जांच हो रही है तो अखिलेश यादव को भी खुश होना चाहिए, क्योंकि आम मुसलमान खुश है। अखिलेश यादव यह समझ रहे हैं कि अगर यह बात मैं कह दूंगा तो सभी लोग खुश हो जाएंगे और वोट दे देंगे।

सवाल: अखिलेश ने यूपी विधानसभा सत्र के आखिरी दिन वॉक आउट किया।
जवाब:
अखिलेश को वॉक आउट नहीं करना चाहिए था। अगर वह सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाना चाहते थे, तो उनको सदन में ही बैठे रहना चाहिए। जब तक उनकी बातों और उनकी मांगों की सदन में सुनवाई नहीं होती, तब तक नहीं उठना चाहिए था। सदन से वॉक आउट करके चले जाने से उन जनता को धोखा दिया है। जिन्होंने उनको चुन कर उनके मुद्दे उठाने के लिए विधानसभा में भेजा था।

सवाल : वक्फ संपत्तियों में क्या भ्रष्टाचार हुआ है, क्या जांच करवाई जा रही है?
जवाब:
जो मुसलमान भाई मदरसों में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं। वो खुद चाहते हैं कि उनके बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान हो विज्ञान, भौगोलिक ज्ञान हो और बुनियादी शिक्षा मिले। सभी लोग चाहते हैं कि गरीब तबके के लोग मदरसों में पढ़ें। इसीलिए हमारी सरकार भी चाहती है कि केवल धार्मिक ज्ञान न दिया जाए। सभी प्रकार की शिक्षा दी जाए। सरकार मदरसों और वक्फ संपत्तियों की जांच करवा रही है तो क्या दिक्कत है। इसमें आम लोग विरोध नहीं कर रहे हैं। मुसलमान विरोध नहीं कर रहा है। इसमें कुछ लोग ही विरोध कर रहे हैं।

सवाल: क्या ऐसा लगता है कि सरकार की भी संपत्ति पर कब्जा हुआ है?
जवाब:
देखिए ग्राम पंचायत क्षेत्र में सरकारी जमीन होती है, उसके कब्जा करने की बात सामने आती है। ऐसे ही संपत्तियों की जरूर जांच होंगी। जो वक्फ संपत्ति गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए बनाई गई है, उनका दुरुपयोग करके वहां कब्जेदारी जरूर किया गया है। ऐसी शिकायतें मिलती रहती हैं। अब सर्वे शुरू हो रहा है। सर्वे से ऐसे लोगों को चिह्नित जरूर किया जाएगा और उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।

सवाल: PFI की तुलना RSS से की जा रही है?
जवाब:
यह PFI पर कार्रवाई नहीं हो रही है। PFI के कुछ लोगों पर कार्रवाई हो रही है, जिनके द्वारा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए हैं। NIA ने पाया है कि जो कुछ गड़बड़ कर रहे हैं। उन्हीं के यहां छापेमारी हो रही है। बाकी के मेंबर जो धरना दे रहे हैं, उनको पुलिस कहां पकड़ रही है। मैं कहता हूं कि RSS जैसे कोई संगठन काम करें तो देश भक्त है। अगर PFI के लोग RSS के तरीके से बनना चाहते हैं तो वह उनकी तरीके से काम भी तो करें।

सवाल: RSS क्या काम कर रहा जो PFI से अलग है?
जवाब:
यह सबको मालूम है। वह लोगों को रोजगार दे रहा है। अलग-अलग तरीके के काम कर रहे हैं। वह देश में सबके दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? साथ सबका विकास के साथ काम करता है। इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री भी काम कर रहे हैं। RSS केवल किसी धर्म के विरोध में काम नहीं करता है। देश के निर्माण में दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? काम करता है।

सवाल: ओवैसी के प्रवक्ता कह रहे हैं कि मंदिर, मठ और अन्य ट्रस्ट का सर्वे क्यों नहीं हो रहा।
जवाब:
वे लोग यह जान लें कि योगी आदित्यनाथ की सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कर रही है। कोई भी अपराधी इस सरकार में बच नहीं रहा है। मुसलमान लोग न तो ओवैसी की बातों से भड़क रहे हैं, न कुछ लोगों की बातों में आ रहे हैं। आप देख सकते हैं कि योगी की 6 साल की सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ। वहीं आपने उत्तर प्रदेश में 2012 और 2017 तक अखिलेश यादव की सरकार में देखा होगा कि सैकड़ों दंगे UP में हुए थे।

सवाल: मायावती, मोहन भागवत के उलेमाओं से मुलाकात करने पर भड़क गई हैं।
जवाब:
हमारी सरकार सबके साथ-सबका विकास को लेकर काम कर रही है। इबादत हो या पूजा, शांति तरीके से की जाती है। ऊपर वाले को याद करके की जाती है, न कि सड़क दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? पर बैठकर अपनी पूजा, इबादत की जाती है। इसको मुद्दा बनाना और मायावती यही सब बातें बोल कर केवल एक सीट बचा पाई हैं। इनको इन सब बातों में नहीं पड़ना चाहिए। यह सिर्फ वोट बैंक के लिए बयानबाजी है।

वैश्विक कौशल 30 साल मनाता है

2020 में, वैश्विक कौशल गर्व से व्यापार में 30 साल मनाता है!

Rhona कासिडी और फिलिप नेविल हमारे स्थानीय समुदाय के लिए बेहतर सिलाई रोजगार कार्यक्रमों के लिए एक प्रतिबद्धता के साथ वैश्विक कौशल की स्थापना की । उनके पास एक व्यवसाय बनाने का मिशन था जो स्थानीय रूप से चलाया गया था और संचालित था . वे एक व्यक्तिगत और सार्थक सेवा की पेशकश करना चाहते थे जहां नौकरी चाहने वालों की आवाज थी और जहां नियोक्ता अपने समुदाय का समर्थन करने के लिए स्थानीय उम्मीदवारों से जुड़े थे ।

90 के दशक में एक व्यवसाय वापस चलाना आज हमारे व्यवसाय के प्रबंधन से दूर एक दुनिया है। अब हम पोस्ट ऑफिस ड्राइव करने के लिए एक फैक्स भेजने के लिए, या इंटरनेट डायल पर भरोसा करते हैं, एक प्रकार के लेखक पर हमारे निविदाएं टाइप या स्थानीय Centrelink कार्यालय के लिए हमारे नौकरी चाहने वालों चलना एक नौकरियां बोर्ड पर नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं । पिछले 30 वर्षों के लिए वैश्विक कौशल के साथ शामिल किया गया है, मैं सच में कह सकता हूं कि Rhona और फिलिप मिशन के लिए एक रोजगार सेवा है कि स्थानीय समुदाय की अपेक्षाओं और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है संरक्षित किया गया है और मनाया जा रहा है की पेशकश । दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? एक संगठन के रूप में हम कई के जीवन में सकारात्मक अंतर बनाने के मूल्यों के लिए सही रहे हैं, हम कड़ी मेहनत के माध्यम से बवाल हो गए हैं, हमारे पास एक मजबूत संगठनात्मक संस्कृति है और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हम केवल वही वादा करें जो हम पूरा कर सकते हैं । हर दिन मैं कर्मचारियों को मुझे फोन करने के लिए अद्भुत यात्रा और हमारे नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं की सफलताओं का हिस्सा है धंय लग रहा है । मुझे अपने इतिहास पर गर्व है, हमारा व्यवसाय क्या हो गया है और भविष्य में हमारी प्रतिबद्धताएं हैं ।

हम सामूहिक रूप से 19 कार्यालयों में लगभग १०० कर्मचारियों के लिए 2 कर्मचारियों के साथ एक घर कार्यालय से हमारी विनंर शुरुआत हो गई है । हमारे कर्मचारी हमारे रोजगार चाहने वालों के लिए रोजगार के अवसरों की पहचान करने और बनाने और हमारे नियोक्ताओं और स्थानीय सामुदायिक संगठनों के लिए समाधान बनाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं । Rhona और फिलिप की ओर से मैं अपने जुनून, लचीलापन और विनंरता के लिए हमारे कर्मचारियों के लिए अपने सबसे कठोर धंयवाद की पेशकश करना चाहते हैं । तुम सच में एक फर्क पड़ता है!

कनाडा में देह व्यापार करके पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं भारतीय मूल की लड़कियां, ऑनलाइन होता है सारा काम

नेशनल डेस्क: ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में भारतीय अंतरराष्ट्रीय छात्र तेजी से दलालों और ड्रग डीलरों के शिकार हो रहे हैं। और सबसे बुरी बात यह है कि उनका शोषण ज्यादातर उनके अपने भारतीय-कनाडाई समुदाय के लोग कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जीटीए के हालात इस कद्दर खराब हो चले हैं कि भारतीय मूल की लड़कियों को अपनी पढ़ाई का र्खचा उठाने के लिए देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगस्त में ब्रैम्पटन से तीन भारतीय-कनाडाई युवकों की देह व्यापार में 18 वर्षीय लड़की की तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि जीटीए में भारतीय छात्राओं का यौन शोषण तेजी से बढ़ रहा है। इस विशेष मामले में भारतीय मूल की लड़की को तीन लोगों ने बंदी बना लिया और देह व्यापार में इधर-उधर ले जाया जा रहा था। इन आरोपियों के और भी शिकार हो सकते हैं क्योंकि वे ऑनलाइन यौन सेवाओं का विज्ञापन दे रहे थे।

गर्भपात करवाने वाली छात्राओं की संख्या में वृद्धि
मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे भारतीय-कनाडाई सामाजिक कार्यकर्ता स्वीकार करते हैं कि जीटीए और उसके बाहर भारत की छात्राओं का यौन शोषण बढ़ रहा है। गर्भपात करवाने वाली छात्राओं की संख्या में वृद्धि की भी खबरें हैं। एक रिपोर्ट में ब्रैम्पटन की रहने वाली एक बुजुर्ग इंडो-कनाडाई कहते हैं कि हमारे परिवार की एक परिचित नर्स ने बताया कि वह हर महीने 10-12 गर्भपात करती हैं जिसमें भारतीय छात्राएं शामिल होती हैं। दुर्भाग्य से, यह भी एक ज्ञात तथ्य है कि बहुत से छात्र अपने खर्च का भुगतान करने के लिए स्वेच्छा से देह व्यापार में प्रवेश कर रहे हैं। समस्या यह भी है कि इनमें से अधिकतर लड़कियां अपने जीवन में पहली बार अपने परिवार से दूर हैं और वे स्वतंत्र महसूस करती हैं।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 90 प्रतिशत लड़कियां
टोरंटो स्थित एलस्पेथ हेवर्थ सेंटर फॉर विमेन की कार्यकारी निदेशक सुंदर सिंह महिलाओं के शोषण के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे हैं। वह बताती दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? हैं कि विशेष रूप से भारत से छात्राओं का बढ़ता यौन शोषण हमारे लिए चिंता का एक नया क्षेत्र है। सिंह कहती हैं कि वह और उनके कर्मचारी मानव तस्करों द्वारा महिलाओं का शोषण करने के मामलों को सक्रिय रूप से ट्रैक करते हैं और उन्हें एक नया जीवन फिर से शुरू करने में मदद करते हैं। सिंह के अनुसार शैक्षणिक परिसरों, गली-नुक्कड़, बस स्टॉप, कार्यस्थलों और यहां तक कि धार्मिक स्थलों पर भी दलाल अंतरराष्ट्रीय छात्राओं को अपना शिकार बना रहे हैं। यहां उल्लेखनीय यह है कि कनाडा आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 90 प्रतिशत लड़कियां हैं, और उनमें से ज्यादातर भारत के पंजाब राज्य से हैं।

ऐसे भारतीय लड़कियों को जाल में फांसते हैं दलाल
सिंह बताती हैं लड़कियों का शोषण दो तरह से होता है जिसमें पहला यह कि दलालों को पता होता है कि लड़कियां अकेली हैं और वे किसी से मिलना और बात करना चाहती हैं। यहीं वे पहले सोची-समझी चाल के तहत लड़कियों की अच्छी तारीफ के साथ शुरुआत करते हैं। दलालों के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए वह आगे कहती हैं कि एक बार जब एक दलाल एक लड़की से परिचित हो जाता है, तो वह उसके भरोसा जीतना के लिए उपहार और कीमती चीजों की बौछार करना शुरू कर देते हैं। एक बार जब उसने उसका विश्वास जीत लिया तो दलाल उसका शिकार करने के लिए आगे बढ़ता है। वह लड़की से एक एहसान की मांग करता है और कहता है कि मेरा एक दोस्त है जिसकी शादी टूट चुकी है और समय खराब है, मैं चाहता हूं कि आप उसके साथ जाएं ताकि वह बेहतर महसूस करे। अगर लड़की मना कर देती है तो उसे किए गए उपकार (उपहार) की याद दिला दी जाती है और उसे राजी कर लिया जाता है।

स्वेच्छा से इसलिए देह व्यापार के लिए हैं मजबूर
अपनी स्वेच्छा से देह व्यापार में प्रवेश करने वाली छात्राओं के बारे में बताते हुए हुए सिंह कहती हैं कि कई अपनी वित्तीय कठिनाइयों से इस रास्ते पर जाने के लिए मजबूर हैं। अनजाने में भारत में माता-पिता इन लड़कियों को इस भयानक स्थिति में धकेल रहे हैं। ये माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी किसी तरह कनाडा में आ जाए ताकि एक दिन वह पूरे परिवार को कनाडा आने के लिए प्रायोजित कर सके। वे इनके प्रथम वर्ष की फीस और यात्रा के शुरुआती खर्चों का भुगतान करते हैं। इसके बाद इन लड़कियों को कनाडा में खुद को संभालने के लिए छोड़ देते हैं। सिंह का तर्क है कि स्वेच्छा से देह व्यार करने का यह एक बड़ा कारण है। इस तरह एक लड़की एक आदमी की सेवा करके शुरू करती है, और फिर दूसरे और बहुत पैसा कमाती है। उसे यह आर्थिक रूप से बहुत आकर्षक लगता है और उसके साथ रहने वाले उसके दोस्त भी उसका अनुसरण करते हैं।

किराए के एवज में जमींदारों से जिस्म का समझौता
सिंह का कहना है कि यह समस्या ब्रैम्पटन से टोरंटो, वॉन और अन्य जगहों तक फैल रही है। ऐसे बहुत से केंद्र हैं जो मसाज और ब्यूटी पार्लर की आड़ में यह देह व्यापार कर रहे हैं। ब्रैम्पटन में यह समस्या व्यापक स्तर पर है क्योंकि भारत की अधिकांश छात्राएं एक ऐसे शहर में बसती हैं जहां भारत की एक बड़ी आबादी है और कई धार्मिक स्थान हैं। जमींदार कई छात्रों को अपने तहखाने में रहने की अनुमति देते हैं। विडंबना यह है कि सुश्री सिंह कहती हैं, कई छात्राओं के यौन शोषण की शुरुआत जमींदारों से होती है। कई लड़कियां जमींदारों के साथ समझौता करती हैं इसलिए उन्हें किराया नहीं देना पड़ता है।

एक लड़की से 230,000 डॉलर तक कमा सकता है दलाल
उनका कहना है कि भारत-कनाडाई युवा गिरोहों की उभरती हुई घटना भी इस समस्या में योगदान दे रही है। पंजाब में सुपर अमीर और शीर्ष अधिकारियों के बेटे छात्रों की आड़ में देह व्यापार के धंधे के लिए कनाडा में उतर रहे हैं। बड़े-बड़े मकान पट्टे पर ले रहे हैं, फिर 20 अन्य लड़कों को लाकर गिरोह बना रहे हैं। वे बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज के मालिक हैं, वे लड़कियों को लुभाते हैं। यह सब यहां हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भारी आमद तक यहां ऐसी कोई समस्या नहीं थी। सुश्री सिंह का अनुमान है कि एक दलाल साल में एक लड़की से 230,000 डॉलर तक कमा सकता है।

क्या कहती हैं कनाडा की समाजिक कार्यकर्ता सुंदर सिंह
एलस्पेथ हेवर्थ सेंटर फॉर विमेन की कार्यकारी निदेशक सुंदर सिंह कहती हैं कि पिछले साल सैकड़ों लोग हमारे पास आए और हमने कई महिलाओं को व्यापार कौशल बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होने में मदद की। अपने मिशन के बारे में बताते हुए सिंह कहती हैं कि एल्सपेथ हेवर्थ सेंटर फॉर विमेन न केवल नए लोगों, अप्रवासियों और शरणार्थियों को सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि यह महिलाओं और वरिष्ठों के बीच हिंसा की घटनाओं को कम करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। वह कहती हैं कि हम लोगों को कठिन परिस्थितियों से निकलने में मदद करते हैं और महिलाओं और युवाओं को उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाते हैं।

दिन व्यापारी कौशल क्या हैं?
इस दिन लग रहा साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए कब और कहां दिखाई देगा.

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साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ रहा है। यह साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। पूर्णिमा तिथि के दिन होने के कारण इस बार बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ रही है। इस चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक के साथ-साथ धार्मिक महत्व काफी अधिक है। बता दें कि भारत में चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा। जिसके कारण सूतक काल भी नहीं लगेगा। जानिए चंद्र ग्रहण का समय, किस देश में दिखाई देगा ये ग्रहण।

क्या है पूर्ण चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य परिक्रमा करते हुए प्रथ्वी उसके ठीक सामने आ जाती हैं तो उसके आगे चंद्रमा आ जाता है। ऐसी स्थिति में पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह से ढक लेती है, जिससे चंद्रमा तक सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है और यहीं पूर्ण चंद्र ग्रहण कहलाता है। साधारण शब्दों में कहे तो जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती हैं तो चंद्र ग्रहण पड़ता है। चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

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ज्योतिषों के अनुसार, साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लग रहा है जोकि वृश्चिक राशि में लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का असर कुछ राशियों के लिए शुभ होगा। लेकिन अधिकतर राशियों को किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। चंद्र ग्रहण का समय साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ये चंद्र ग्रहण अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका आदि देशों में दिखाई देगा।

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IAS अंकिता मिश्रा और IPS अक्षत कौशल की लव स्टोरी, जानिए कहां से हुई थी शुरू

Love story

Love story of IAS Ankita Mishra and IPS Akshat Kaushal: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों कैंडिडेट्स शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है. इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें कई साल की मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है. ऐसी ही कहानी फरीदाबाद के रहने वाले अक्षत कौशल की. आज हम आपको अक्षत कौशल और अंकिता मिश्रा की लव स्टोरी के बारे में बता रहे हैं.

आईएएस अक्षत कौशल ने साल 2012 में यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की और पहली बार साल 2013 में सिविल सेवा की परीक्षा दी, लेकिन वह इस एग्जाम को क्लियर नहीं कर पाए.

अंकिता मिश्रा का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था, जिनका गृहनगर गोरखपुर के रामनगर सुरस में है. वह हमेशा दिन व्यापारी कौशल क्या हैं? पढ़ाई करना पसंद करती थीं. भारत में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई करने के लिए विदेश चली गईं.

विदेश जाने के बाद उन्होंने अपना फोकस नहीं छोड़ा और यूपीएससी परीक्षा दी. उन्होंने 2015 और 2016 में दो बार परीक्षा का प्रयास किया लेकिन वह असफल रही. अपने तीसरे अटेंप्ट में 2017 में उन्होंने परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक 105 हासिल की.

लगातार दो बार फेल होने के बाद भी अक्षत कौशल ने हार नहीं मानी और तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम दिया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. चौथे प्रयास में भी अक्षत को सफलता हाथ नहीं लग पाई.

अक्षत कौशल और अंकिता मिश्रा साल 2017 बैच के अफसर हैं. दोनों की ट्रेनिंग एक साथ हुई थी. ट्रेनिंग के दौरान ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और दोनों की लव स्टोरी की शुरुआत वहीं से हुई. दोनों ने अपनी नौकरी जॉइन करने के बाद शादी कर ली थी.

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