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वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें

वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

1991 में भारत सरकार ने महत्‍वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्‍तुत कि‍ए जो इस दृष्‍टि‍ से वृहद प्रयास थे जि‍नमें वि‍देश व्‍यापार उदारीकरण, वि‍त्तीय उदारीकरण, कर सुधार और वि‍देशी नि‍वेश के प्रति‍ आग्रह शामि‍ल था । इन उपायों ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को गति‍ देने में मदद की तब से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बहुत आगे नि‍कल आई है । सकल स्‍वदेशी उत्‍पाद की औसत वृद्धि दर (फैक्‍टर लागत पर) जो 1951 - 91 के दौरान 4.34 प्रति‍शत थी, 1991-2011 के दौरान 6.24 प्रति‍शत के रूप में बढ़ गयी ।

कृषि‍

कृषि‍ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ है जो न केवल इसलि‍ए कि‍ इससे देश की अधि‍कांश जनसंख्‍या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्‍कि‍ इसलि‍ए भी भारत की आधी से भी अधि‍क आबादी प्रत्‍यक्ष रूप से जीवि‍का के लि‍ए कृषि‍ पर नि‍र्भर है ।

वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपायों के द्वारा कृषि‍ उत्‍पादन और उत्‍पादकता में वृद्धि‍ हुई, जि‍सके फलस्‍वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हुई । कृषि‍ में वृद्धि‍ ने अन्‍य क्षेत्रों में भी अधि‍कतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जि‍सके फलस्‍वरूप सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में और अधि‍कांश जनसंख्‍या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मि‍लि‍यन टन का एक रि‍कार्ड खाद्य उत्‍पादन हुआ, जि‍समें सर्वकालीन उच्‍चतर रूप में गेहूँ, मोटा वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें अनाज और दालों का उत्‍पादन हुआ । कृषि‍ क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रति‍शत प्रदान करता है ।

उद्योग

औद्योगि‍क क्षेत्र भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लि‍ए महत्‍वपूर्ण है जोकि‍ वि‍भि‍न्‍न सामाजि‍क, आर्थिक उद्देश्‍यों की पूर्ति के लि‍ए आवश्‍यक है जैसे कि‍ ऋण के बोझ को कम करना, वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश आवक (एफडीआई) का संवर्द्धन करना, आत्‍मनि‍र्भर वि‍तरण को बढ़ाना, वर्तमान आर्थिक परि‍दृय को वैवि‍ध्‍यपूर्ण और आधुनि‍क बनाना, क्षेत्रीय वि‍कास का संर्वद्धन, गरीबी उन्‍मूलन, लोगों के जीवन स्‍तर को उठाना आदि‍ हैं ।

स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात भारत सरकार देश में औद्योगि‍कीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्‍टि‍ से वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपाय करती रही है । इस दि‍शा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगि‍क नीति‍ संकल्‍प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारि‍त हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारि‍त हुआ । 1991 के आर्थिक सुधार आयात प्रति‍बंधों को हटाना, पहले सार्वजनि‍क क्षेत्रों के लि‍ए आरक्षि‍त, नि‍जी क्षेत्रों में भागेदारी, बाजार सुनि‍श्‍चि‍त मुद्रा वि‍नि‍मय दरों की उदारीकृत शर्तें ( एफडीआई की आवक / जावक हेतु आदि‍ के द्वारा महत्‍वपूर्ण नीति‍गत परि‍वर्तन लाए । इन कदमों ने भारतीय उद्योग को अत्‍यधि‍क अपेक्षि‍त तीव्रता प्रदान की ।

आज औद्योगि‍क क्षेत्र 1991-92 के 22.8 प्रति‍शत से बढ़कर कुल जीडीपी का 26 प्रति‍शत अंशदान करता है ।

सेवाऍं

आर्थिक उदारीकरण सेवा उद्योग की एक तीव्र बढ़ोतरी के रूप में उभरा है और भारत वर्तमान समय में कृषि‍ आधरि‍त अर्थव्‍यवस्‍था से ज्ञान आधारि‍त अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में परि‍वर्तन को देख रहा है । आज सेवा क्षेत्र जीडीपी के लगभग 55 प्रति‍शत ( 1991-92 के 44 प्रति‍शत से बढ़कर ) का अंशदान करता है जो कुल रोजगार का लगभग एक ति‍हाई है और भारत के कुल नि‍र्यातों का एक ति‍हाई है

भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्‍लेखनीय वैश्‍वि‍क ब्रांड पहचान प्राप्‍त की है जि‍सके लि‍ए नि‍म्‍नतर लागत, कुशल, शि‍क्षि‍त और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्‍ति‍ के एक बड़े पुल की उपलब्‍धता को श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए । अन्‍य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्‍यवसाय प्रोसि‍स आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परि‍वहन, कई व्‍यावसायि‍क सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधि‍त सेवाऍं और वि‍त्तीय सेवाऍं शामि‍ल हैं।

बाहय क्षेत्र

1991 से पहले भारत सरकार ने वि‍देश व्‍यापार और वि‍देशी नि‍वेशों पर प्रति‍बंधों के माध्‍यम से वैश्‍वि‍क प्रति‍योगि‍ता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति‍ अपनाई थी ।

उदारीकरण के प्रारंभ होने से भारत का बाहय क्षेत्र नाटकीय रूप से परि‍वर्तित हो गया । वि‍देश व्‍यापार उदार और टैरि‍फ एतर बनाया गया । वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश सहि‍त वि‍देशी संस्‍थागत नि‍वेश कई क्षेत्रों में हाथों - हाथ लि‍ए जा रहे हैं । वि‍त्‍तीय क्षेत्र जैसे बैंकिंग और बीमा का जोरदार उदय हो रहा है । रूपए मूल्‍य अन्‍य मुद्राओं के साथ-साथ जुड़कर बाजार की शक्‍ति‍यों से बड़े रूप में जुड़ रहे हैं ।

आज भारत में 20 बि‍लि‍यन अमरीकी डालर (2010 - 11) का वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश हो रहा है । देश की वि‍देशी मुद्रा आरक्षि‍त (फारेक्‍स) 28 अक्‍टूबर, 2011 को 320 बि‍लि‍यन अ.डालर है । ( 31.5.1991 के 1.2 बि‍लि‍यन अ.डालर की तुलना में )

भारत माल के सर्वोच्‍च 20 नि‍र्यातकों में से एक है और 2010 में सर्वोच्‍च 10 सेवा नि‍र्यातकों में से एक है ।

AFCA के पास वित्तीय शिकायत कैसे करें

हम अनेकानेक प्रकार की समस्याओं में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • बैंकिंग लेन-देन और क्रेडिट लिस्टिंग में गलतियाँ
  • यदि आपकी वित्तीय स्थिति बदल गई है, तो ऋण, क्रेडिट कार्ड और अल्पकालिक भुगतान करने में कठिनाई
  • बीमा के दावे की अस्वीकृति (जैसे कार, आवास और साजो-सामान, पालतू पशु, यात्रा, आय सुरक्षा और आघात)
  • अनुचित निवेश सलाह
  • सुपरएन्युएशन लाभ के वितरण के बारे में न्यासी का निर्णय।

हम क्या कर सकते हैं

यदि आप अपनी वित्तीय सँस्था के साथ सीधे अपनी वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें शिकायत को हल करने में असमर्थ हैं, तो आप AFCA से संपर्क कर सकते/सकती हैं।

हम अदालत में जाने के शुल्क और तनाव के बिना आपकी शिकायत को हल करने में मदद कर सकते हैं। यदि आप न चाहें, तो शिकायत दर्ज करते समय कानूनी या अन्य सलाह प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।

यदि मुझे वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो मैं क्या कर सकता/सकती हूँ?

व्यक्ति-विशेषों और छोटे व्यवसायों के लिए कभी-कभी ऐसी परिस्थितियाँ पैदा हो सकती हैं, जब वे किसी साख सुविधा (जैसेगृह-ऋण, व्यवसाय-ऋण या क्रेडिट कार्ड) के तहत अपनी पुनर्भुगतान आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। हम इसे वित्तीय कठिनाई कहते हैं।

दुभाषिया सेवा

यदि अंग्रेज़ी आपकी प्रथम भाषा नहीं है, तो हम आपके लिए एक नि:शुल्क दुभाषिया सेवा की व्यवस्था कर सकते हैं। नि:शुल्क दुभाषिया सेवा के लिए 131 450 पर कॉल करें, या हमें 1800 931 678* पर कॉल करें और हम आपके लिए एक दुभाषिए की व्यवस्था करेंगे।

हमसे संपर्क करें

हमारे कर्मचारियों से बात करने के लिए 1800 931 678* पर कॉल करें।

*सुबह के 9 बजे - शाम के 5 बजे, मेलबोर्न समय। ऑस्ट्रेलिया में लैंडलाइन से इस नंबर पर की गई कॉलें निःशुल्क हैं। मोबाइल फोन से की गई कॉलों के लिए शुल्क लग सकता है, कृपया अपने कैरियर से पता करें।

और अधिक जानकारी

हमारी सेवा के बारे में प्रतिक्रिया

हम आपकी प्रतिक्रिया को महत्व देते हैं। अपनी सेवा के बारे में प्रशंसाएँ, सुझाव और शिकायतें हमें सुधार करने में सहायता देती हैं।

हम अपने सभी ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने का प्रयास करते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि कभी-कभी गलतियाँ हो सकती हैं। यदि ऐसा होता है, तो आप हमें बता सकते/सकती हैं।

अन्य संपर्क विवरण

Australian Financial Complaints Authority

Melbourne VIC 3001

फैक्स: (03) 9613 6399

एक ऑडियो फाइल जिसमें यह बताया गया है कि AFCA लोगों को किसी वित्तीय उत्पाद या सेवा के बारे में शिकायतों का समाधान करने में, तथा हम किस प्रकार की शिकायतों पर विचार कर सकते हैं, इस बारे में सहायता कैसे करता है।

यदि आप AFCA के शिकायत फॉर्म को प्रिंट करके हाथ से भरना चाहते/चाहती हैं, तो इस संस्करण का उपयोग करें। फॉर्म में निर्देश दिए गए हैं।

HDFC म्यूचुअल फंड ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए #BarniSeAzadi अभियान का विस्तार किया

HDFC Mutual Fund: एक निवेशक शिक्षा पहल जिसका उद्देश्य महिलाओं को उनकी वित्तीय स्वतंत्रता यात्रा शुरू करने के लिए सशक्त बनाना और उनका समर्थन करना है.

देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंडों में से एक, HDFC म्यूचुअल फंड ने महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए अपने #BarniSeAzadi अभियान शुरू किया है. इसे सबसे पहले 2021 में शुरू किया गया था. इस अभियान के माध्यम से, कंपनी महिलाओं से अपने पैसे को पारंपरिक बचत के तरीकों से मुक्त करने और म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करने का अपील करती है, ताकि उनकी गाढ़ी कमाई पर अच्छा फायदा मिल सके. यह अभियान वित्तीय जागरूकता पैदा करने के लिए सचेत प्रयास के महत्व को दोहराता है.

यह अभियान इस अंतर्दृष्टि पर आधारित है कि भारतीयों ने हमेशा अपनी बचत को पारंपरिक साधनों जैसे बरनी, लॉकर, एफडी आदि में पैसा को लगाया है. यह एक मजबूत संदेश देता है कि भारतीय महिलाओं को पुरानी रूढ़ियों को तोड़ना चाहिए, और यह महसूस करना चाहिए कि सिर्फ अलग रखा गया पैसा कभी भी ओवरटाइम नहीं बढ़ेगा. उन्हें बचत और निवेश के बीच के अंतर को समझना होगा. महिलाओं के ध्यान में होने के कारण, यह इस बारे में जागरूकता पैदा करता है कि म्यूचुअल फंड जैसे साधनों में पैसे को स्वतंत्र रूप से बढ़ने देने की आवश्यकता क्यों है.

HDFC Mutual Fund expands its Barni Se Azadi campaign encouraging women to become financially independent

इस अभियान के तहत, HDFC म्यूचुअल फंड ने महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आरजे रोहिणी द्वारा आयोजित रेडियो नशा और फीवर FM के साथ एक रेडियो अभियान जैसी कई गतिविधियां शुरू की हैं. इसके माध्यम से, आरजे ने महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों, आगे की जाने वाली रणनीतियों, निवेश यात्रा कैसे शुरू करें, आदि के बारे में बातचीत शुरू की. HDFC MF ने दादर, मुंबई में अपने महिलाओं के विशेष कार्यक्रम के लिए उत्साहजनक मतदान प्राप्त किया.

HDFC Mutual Fund expands its Barni Se Azadi campaign encouraging women to become financially independent

इसके अलावा, HDFC म्यूचुअल फंड एक बहुत ही अनोखी बाहरी गतिविधि का आयोजन किया, जिसमें 13 से 15 अगस्त, 2022 तक बांद्रा के कार्टर रोड के पास एक विशाल बरनी स्थापित की गई. यहां कंपनी महिलाओं से अपना पैसा बरनी में नहीं डालने का संकल्प लेगी. उनके पैसे को बढ़ाने के लिए यह एक उपयुक्त साधन है.

HDFC Mutual Fund expands its Barni Se Azadi campaign encouraging women to become financially independent

HDFC MF ने महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय वेबिनार भी आयोजित किया और HDFC MF की प्रत्येक शाखा इस महीने के दौरान कम से कम एक जमीनी कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें महिलाओं को MF को समझने और बरनी से आजादी की प्रतिज्ञा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.

ऑनलाइन छात्रवृत्ति: छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करते हुए

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छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता की जरूरत है। आज उच्च शिक्षा पहले से कहीं अधिक महंगी है जिससे छात्रों को अपने पसंद के पाठ्यक्रम और कॉलेजों को वहन करना कठिन हो रहा है। प्रतिभाशाली भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा का खर्च वहन करने में वित्तीय चुनौतियों और कठिनाई का सामना करना पड़ता है इसलिए भारत सरकार वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें उन्हें छात्रवृत्ति देकर वित्तीय मदद प्रदान करती है । पहले विभिन्न शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया लंबी कागजी कार्रवाई के कारण छात्रों के लिए एक मुश्किल काम था। सरकार द्वारा शैक्षिक छात्रवृत्तियों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उन्हें एक जगह से दूसरी जगह दौड़ना पड़ता था।

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल एक अद्वितीय और सरल मंच है जो छात्रों के लिए एक कुशल और पारदर्शी तरीके से शैक्षिक वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें छात्रवृत्ति का लाभ उठानें में मदद करने के लिए बनाई गई है।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) एक समाधान है जिसके माध्यम से एक स्थान पर छात्रों के लिए सेवाओं - छात्र आवेदन, आवेदन प्राप्ति, प्रसंस्करण, मंजूरी और विभिन्न छात्रवृत्तियों के वितरण को सक्षम किया गया है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) के तहत मिशन मोड परियोजना के रूप में लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य एक मिशन उन्मुख, सरलीकृत, जवाबदेह, उत्तरदायी और पारदर्शी 'स्मार्ट' प्रणाली को उपलब्ध कराना है जिससे छात्रवृत्ति आवेदन का त्वरित एवं प्रभावी निपटान हो सके एवं बिना किसी लीकेज के धन का वितरण सीधे लाभार्थियों के खाते में किया जा सके।

  • छात्रों को छात्रवृत्ति का समय पर संवितरण सुनिश्चित करना
  • केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए एक पोर्टल प्रदान करना
  • छात्रों का एक पारदर्शी डेटाबेस बनाना
  • प्रसंस्करण में दोहराव से बचना
  • विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं और मानदंडों में एकरूपता लाना
  • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का अनुप्रयोग करना

राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल में उपलब्ध सेवाएं

  • छात्रों के लिए सरलीकृत प्रक्रिया
    • सभी छात्रवृत्तियों की जानकारी एक जगह उपलब्ध
    • सभी छात्रवृत्तियों के लिए एक एकीकृत आवेदन
    • प्रणाली वह योजना सुझाता है जिसके लिए छात्र योग्य है
    • डुप्लिकेट अधिकतम सीमा तक कम किया जा सकता (आधार अनिवार्य कर दिया जाता है तो पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है)
    • अखिल भारतीय स्तर पर संस्थानों और पाठ्यक्रमों वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें के लिए मास्टर डेटा
    • छात्रवृत्ति प्रसंस्करण

    Vidya Lakshmi Portal

    15 अगस्त 2015 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शैक्षिक ऋण पाने के इच्छुक छात्रों के लाभ के लिए एक विद्या लक्ष्मी नामक वेब आधारित पोर्टल शुरू किया गया। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मार्गदर्शन में एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एनएसडीएल ई-शासन) द्वारा विकसित एवं अनुरक्षित किया गया है।

    इससे पहले केंद्रीय बजट 2015-16 में केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से एक पूरी तरह से आईटी आधारित छात्र वित्तीय सहायता प्राधिकरण प्रशासन की स्थापना का प्रस्ताव शैक्षिक ऋण योजनाओं की निगरानी के लिए किया था जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी छात्र धन की कमी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। इस पोर्टल का शुभारंभ इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।

    विद्या लक्ष्मी पोर्टल अपनी तरह का एक पहला पोर्टल है जो छात्रों को बैंकों द्वारा प्रदान शैक्षिक ऋण के लिए जानकारी और आवेदन करने हेतु एकल खिड़की उपलब्ध कराता है। इस पोर्टल की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

    • बैंकों के शिक्षा ऋण योजनाओं के बारे में जानकारी
    • छात्रों के लिए सामान्य शैक्षिक वित्तीय स्वतंत्रता और स्वतंत्रता कैसे प्राप्त करें ऋण आवेदन पत्र
    • शैक्षिक ऋण के लिए कई बैंकों में आवेदन करने की सुविधा
    • छात्रों के ऋण आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए बैंकों को सुविधा
    • ऋण प्रसंस्करण स्थिति अपलोड करने के लिए बैंकों को सुविधा
    • छात्रों के लिए बैंकों को शैक्षिक ऋण से संबंधित शिकायतों/प्रश्नों को ईमेल करने के लिए सुविधा
    • छात्रों को अपने ऋण आवेदन की स्थिति को देखने के लिए डैशबोर्ड की सुविधा और
    • सरकारी छात्रवृत्ति के लिए जानकारी और आवेदन के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से लिंकेज

    इस पहल का प्रयास शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने के सभी बैंकों को साथ लाने का है। ऐसी उम्मीद है कि सभी बैंकों के विभिन्न शैक्षिक ऋण योजनाओं के लिए एक एकल खिड़की बनाने की सरकार की इस पहल से देश भर में छात्र लाभान्वित होंगें।

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