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ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है

ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है
डिजिटल गोल्‍ड सोने के सबसे शुद्ध यानी 25 कैरेट (99.9 फीसदी) में वर्चुअल रूप से निवेश कराता है. इसमें निवेश करने वालों को फिजिकल सोना नहीं मिलता, लेकिन कीमत और बाजार भाव फिजिकल सोने जैसा ही ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है रहता है. आप चाहें तो ऑनलाइन माध्‍यम से डिजिटल गोल्‍ड खरीद सकते हैं. आप जितना सोना खरीदते हैं, उसी अनुपात में फिजिकल सोने ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है को कंपनी खरीदकर सेफ में रखवा देती है. सबसे बड़ी बात कि आप इसमें 1 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. डिजिटल गोल्‍ड की खरीद पर आपको 3 फीसदी जीएसटी भी देना होगा.

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म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

Akshaya Tritiya special : खास मौके पर क्‍या खरीदें सोना, बॉन्‍ड, ईटीएफ या डिजिटल गोल्‍ड, एक्‍सपर्ट से समझें

इस अक्षय तृतीया पर बाजार में बंपर बिक्री की संभावना है.

इस अक्षय तृतीया पर बाजार में बंपर बिक्री की संभावना है.

फिजिकल सोने में निवेश करना अब पुरानी बात हो गई है. इस अक्षय तृतीया पर आप सोने के अन्‍य विकल्‍पों में पैसे लगाना चाहते हैं तो हम बताते हैं कि आपको कौन सा विकल्‍प चुनना चाहिए. अगर आपको सभी विकल्‍पों के नफा-नुकसान की जानकारी होगी तो चुनाव करना आसान हो जाएगा.

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 02, 2022, 17:45 IST

नई दिल्‍ली. ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है कल यानी मंगलवार 3 मई को ईद के साथ अक्षय तृतीया का भी त्‍योहार है. इस खास मौके पर सोने के आभूषण खरीदने का विशेष महत्‍व होता है. बदलते हालात के बीच अब सोने में निवेश का तरीका भी बदल रहा है.

पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि उपभोक्‍ता अब फिजिकल सोने की खरीद के बजाए गोल्‍ड बांड, ईटीएफ या डिजिटल सोने की खरीद में ज्‍यादा दिलचस्‍पी दिखा रहे हैं. इस अक्षय तृतीया के मौके पर भी अगर आप सोने में पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए चारों विकल्‍पों में से कौन सा बेहतर होगा. इसके नफा-नुकसान, टैक्‍स आदि की पूरी जानकारी दे रहे हैं.

अक्षय तृतीया पर सॉवरेन बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ, किसमें करें निवेश?

अक्षय तृतीया पर सॉवरेन बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ, किसमें करें निवेश?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश आप बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन, पोस्ट ऑफिस और NSE/BSE जैसे शेयर बाजार के जरिये कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ़ की यूनिट ब्रोकर के जरिये खरीद सकते हैं.

इन दोनों में से आपको किसमें निवेश करना चाहिए, हम आपको यहां बता रहे हैं:

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सरकार ने यह स्कीम साल 2015 में लॉन्च की थी. यह उन लोगों को ध्यान में रखकर लॉन्च किया गया था जो सोने में निवेश करना चाहते हैं. फिजिकल फॉर्म में सोना लेने और उसे बेकार घर में रखने की जगह आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर उस पर ब्याज कमा सकते हैं. यह निवेश के लिए हमेशा उपलब्ध नहीं होता. इसमें आप अभी निवेश कर सकते हैं.

वैल्थ क्रिएशन के लिए क्या करें!

13 नवंबर 2010

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद निवेशकों की उम्मीद रहती है कि उन्हें ढेर सारा रिटर्न मिलना चाहिए। वाइजइंवेस्ट एडवाइजर्स के सीईओ हेमंत रुस्तगी का कहना है कि निवेशकों को पोर्टफोलियो बनाते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए जिनसे पैसे की सुरक्षा भी बनी रहे और वैल्थ क्रिएशन भी हो।

म्यूचुअल फंड में वेल्थ क्रिएशन के लिए कौन सा विकल्प सही, डिविडेंड रिइन्वेस्ट या ग्रोथ-

हेमंत रुस्तगी का कहना है कि वैल्थ क्रिएशन के लिए कंपाउडिंग की ताकत को समझकर निवेश बनाए रखना चाहिए। निवेशकों को म्यूचुअल फंड में वेल्थ क्रिएशन के लिए ग्रोथ ईटीएफ के लिए कौन सा ब्रोकर चुनना है ऑप्शन चुनना चाहिए। केवल टैक्स बचाने के लिहाज से म्यूचुअल फंड में डिविडेंड रिइन्वेस्टमेंट ऑप्शन लेना सही रणनीति नहीं है। डिविडेंड रिइन्वेस्टमेंट ऑप्शन लेने के बाद कैपिटल गेन टैक्स से बचने के लिए मिले पैसे को एक साल में दुबारा निवेश करना जरूरी है।

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