आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

अगर आपके डिवाइस में बहुत कम स्टोरेज रह जाता है, तो हो सकता है कि WhatsApp ठीक से न चले. ऐसा होने पर WhatsApp से आपको स्टोरेज खाली करने का निर्देश मिल सकता है ताकि आप ऐप का इस्तेमाल जारी रख पाएँ.
WhatsApp पर स्टोरेज कैसे खाली करें
आप देख सकते हैं कि WhatsApp आपके डिवाइस में कितनी जगह ले रहा है और आप आइटम डिलीट करके स्टोरेज खाली कर सकते हैं.
- WhatsApp की सेटिंग्ज़ पर जाएँ.
- स्टोरेज और डेटा >स्टोरेज मैनेज करें पर टैप करें.
आपके डिवाइस की स्क्रीन पर सबसे ऊपर दिखता है कि WhatsApp मीडिया, ऐप्स और अन्य आइटम ने आपके डिवाइस में कितनी जगह ली है.
आप उन आइटम को आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है डिलीट करके स्टोरेज खाली कर सकते हैं जो ज़्यादा जगह ले रहे हैं या जिन्हें कई बार फ़ॉरवर्ड किया गया है. आप किसी चैट में मौजूद आइटम को भी डिलीट कर सकते हैं.
- WhatsApp की सेटिंग्ज़ पर जाएँ.
- स्टोरेज और डेटा >स्टोरेज मैनेज करें पर टैप करें.
- 5 MB से बड़े आइटम, कई बार फ़ॉरवर्ड किया गया पर टैप करें या किसी चैट को चुनें.
- सॉर्ट आइकन पर टैप करके आप सबसे नए, सबसे पुराने या सबसे बड़े के हिसाब से आइटम सॉर्ट कर सकते हैं.
- आइटम का साइज़ उसके सबसे ऊपर वाले कोने में दिखता है.
बहरापन से संबंधित सभी जानकारी
बहरापन एक आम संवेदी समस्या है जो आम तौर पर बढ़ती उम्र के साथ या लंबे समय तक जोरदार शोर के लगातार संपर्क के कारण विकसित होती है. यह दुनिया भर में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है. यदि आप आंशिक बहरापन से पीड़ित हैं, तो आप अपने परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहने के तरीके ढूंढ सकते हैं. यदि आप निम्न से पीड़ित नहीं हैं, तो आने वाले सालों तक आपकी सुनने की क्षमता को बरकरार रखने में मदद मिल सकती है.
बहरापन के दो मुख्य प्रकार हैं:
कंडक्टिव बहरापन जहां समस्या मध्य कान, ईयरड्रम या औसिक्ल्स में निहित है. कंडक्टिव ईयरड्रम और आंतरिक कान के बीच ध्वनि के पारित होने को प्रभावित करती है. ध्वनि ईयरड्रम से ईयर कैनाल और मध्य कान के माध्यम से गुजरती है, जहां ध्वनि कान के तीन हड्डियों द्वारा प्रेषित होती है जिसे अंदरूनी कान को औसिक्ल्स के नाम से बुलाया जाता है.
2. पहचानें कि खुशी आपकी मूल प्रकृति है
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने जीवन में क्या कर रहे हैं, चाहे वह कारोबार हो, सत्ता, शिक्षा या सेवा, आप ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आपके भीतर कहीं गहराई में एक भावना है कि इससे आपको खुशी मिलेगी। इस धरती पर हम जो कुछ भी करते हैं, वह खुश रहने की इच्छा से करते हैं, क्योंकि यह हमारी मूल प्रकृति है। जब आप बच्चे थे, तो आप यूं ही खुश थे। वही आपकी प्रकृति है। खुशी का स्रोत आपके भीतर है, आप उसे हमेशा के लिए एक जीवंत अनुभव बना सकते हैं।
आज सुबह, क्या आपने देखा कि सूर्य बहुत अद्भुत तरीके से उगा? फूल खिले, कोई सितारा नीचे नहीं गिरा, तारामंडल बहुत अच्छी तरह काम कर रहे हैं। सब कुछ व्यवस्थित है। आज समूचा ब्रह्मांड बहुत बढ़िया तरीके से काम कर रहा है मगर आपके दिमाग में आया किसी विचार का एक कीड़ा आपको यह मानने पर मजबूर कर देता है कि आज बुरा दिन है।
4. मन या दिमाग को उसके असली रूप में देखें
जिसे आप ‘मेरा मन’ कहते हैं, वह असल में आपका नहीं है। आपका अपना कोई मन नहीं है। कृपया इस पर ध्यान दें।जिसे आप ‘मेरा मन’ कहते हैं, वह बस समाज का कूड़ेदान है। कोई भी और हर कोई जो आपके पास से गुजरता है, वह आपके दिमाग में कुछ न कुछ डाल जाता है। आप वाकई यह चुन नहीं सकते कि किससे आपको चीजें ग्रहण करनी हैं और किससे नहीं करनी। अगर आप कहते हैं, ‘मुझे यह व्यक्ति पसंद नहीं है’, तो आप किसी भी और से ज्यादा उस इंसान से ग्रहण करेंगे। आपके पास कोई चारा नहीं है। अगर आपको इस बात की जानकारी हो कि उसे ठीक करके कैसे इस्तेमाल करना है, तो यह कूड़ेदान उपयोगी हो सकता है। असर और जानकारी का यह ढेर, जो आपने जमा किया है, वह सिर्फ दुनिया में जीवित रहने के लिए उपयोगी है। आप कौन हैं, इससे उसका कोई संबंध नहीं है।
जब हम किसी आध्यात्मिक प्रक्रिया की बात करते हैं, तो हम मन से अपने बुनियादी अस्तित्व की ओर जाने की बात करते हैं। जीवन का संबंध इस सृष्टि से है जो यहां मौजूद है - उसे पूरी तरह जानना और उसके असली रूप में उसका अनुभव करना, अपने मनमुताबिक उसे विकृत न करना - ही जीवन है। अगर आप अस्तित्व की हकीकत की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो सरल शब्दों में आपको बस इस बात का ध्यान रखना होगा कि जो आप सोचते हैं, वह महत्वपूर्ण नहीं है, जो आप महसूस करते हैं, वह महत्वपूर्ण नहीं है। आप जो सोचते हैं, उसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। उसका जीवन के लिए कोई बड़ा महत्व नहीं है। मन बस उन फालतू चीजों में उलझा रहता है, जो आपने कहीं और से इकट्ठा किया है। अगर आपको वह महत्वपूर्ण लगता है, तो आप कभी उसके परे नहीं देख पाएंगे।
Skin Care: चेहरे की अंदरूनी सफाई के लिए इस तरह करें फेस टोनर का इस्तेमाल
मेंस स्किन केयर एक्सपर्ट निक्की शमीम बताते हैं टोनर को चेहरे पर दूसरे स्टेप में लगाना चाहिए। सबसे पहले स्टेप में क्लेंजर या फेस वॉश से चेहरा धोना चाहिए। फिर दूसरे स्टेप में टोनर और तीसरे में स्क्रबिंग व चौथे में स्किन मॉयस्चराइजिंग के बाद लास्ट स्टेप में स्किन से मिलता सनस्क्रीन लगाया जाता है। अगर सभी स्टेप्स को फॉलो किया जाए तो त्वचा की देखभाल करना बहुत आसान हो जाता है। तकरीबन एक महीने में चेहरा आकर्षक दिखने लगता है।
टोनर और एस्ट्रिंजेंट में अंतर
एस्ट्रिंजेंट को आमतौर पर सॉल्वेंट आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है एल्कोहॉल से बनाया जाता है। टोनर में एक्कोहॉल भी हो सकता है, लेकिन यह एल्कोहॉल-फ्री भी हो सकता है। एल्कोहॉल-फ्री टोनर, किसी एस्ट्रिंजेंट की तुलना में त्वचा पर ज्यादा माइल्ड होता है। चेहरे की त्वचा की सफाई करने के लिए इनका उपयोग हर दिन भी किया जा सकता है। फेशियल टोनर की तरह, एस्ट्रिंजेंट चेहरे पर दिखने वाले रोमछ्रिद्रों में कमी लाते हैं। हालांकि, एल्कोहॉल स्किन को ज्यादा ड्राई बना सकता है, खासतौर पर अगर त्वचा सेंसिटिव हो तो यह ड्राईनेस और ज्यादा हो सकती है।
सावधानियां और चेतावनी
एमआरआई टेस्ट कराने से पहले ये बातें भी जान लें
एमआरआई टेस्ट के पहले आपको कुछ सवालों के सही-सही जवाब देने होते हैं। इन प्रश्नों के जवाबों के माध्यम से डॉक्टर आपके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाते हैं। इन सवालों के माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट ये भी जान लेते हैं कि पहले आपकी किसी तरह की सर्जरी तो नहीं हुई या कोई डिवाइस आपके शरीर में लगाया तो नहीं गया। क्योंकि एमआरआई के दौरान ऐसी स्थिति में समस्या पैदा हो सकती है।
एमआरआई स्कैनर तस्वीरें लेते वक्त बहुत आवाज करता है और यह बेहद सामान्य है। हो सकता है डॉक्टर इस दौरान आपको किसी तरह के हैडफोन लगाने के लिए दे सकता है या आप गाने भी सुन सकते हैं।
अगर इस टेस्ट में डाई या कॉन्ट्रास्ट की मदद होती है तो इसे इंजेकशन के माध्यम से आपकी नसों में डाला जा सकता है। इससे ठंडक जैसा अहसास होता है। डाई के माध्यम से शरीर के कुछ अंग ठीक तरह से तस्वीर में नजर आते हैं।
प्रक्रिया
कैसे होती है एमआरआई टेस्ट की तैयारी?
इस टेस्ट के लिए यूं तो किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती, पर टेस्ट के पहले आपको हॉस्पिटल गाउन पहनना होता है। इसके अलावा इस बात का ख्याल रखा जाता है कि आपके पास किसी तरह का धातु ना हो, क्योंकि इस तकनीक में बेहद शक्तिशाली चुंबक का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में ज्वैलरी उतारने की भी सलाह दी जाती है।
इसके अलावा डॉक्टर जरूरत पड़ने पर आपके शरीर में डाई या कॉन्ट्रास्ट का इंजेक्शन लगाता है, जिससे कई बॉडी टिशू और अंग साफ नजर आएं। इसके बाद मरीज को एमआरआई स्कैनर में लेटने के लिए मदद की जाती है।
जानिए क्या होता है
क्या होता है एमआरआई टेस्ट के दौरान?
स्कैनर पर आपको लिटाए जाने के बाद बेल्ट से कसकर बांध दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे आप आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है स्कैनिंग के दौरान हिलें नहीं। इस दौरान आपके शरीर को कोई खास हिस्सा या पूरा आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है शरीर स्कैनर के अंदर किया जा सकता है।
इसके बाद एमआरआई मशीरन आपके शरीर के अंदर एक बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र बना देती है। इसके बाद इन तरंगों के माध्यम से कंप्यूटर शरीर के अंदर का नक्शा तैयार करता है।
आप इस दौरान मशीन की जोर से आवाज सुन सकते हैं। यह आवाज इसलिए आती है क्योंकि मशीन फोटो लेने के लिए अत्यधिक चुंबकीय उर्जा बनाती है। इसी वजह से ईयरफोन लगाए जा सकते हैं।
टेस्ट के दौरान आपको शरीर में खिंचाव जैसे महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एमआरआई आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है मशीन नसों को उत्तेजित करती है। यह सामान्य है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं।