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DSO क्या है

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लुन्करणसर से देशनोक के लिए ट्रेन

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लुन्करणसर से देशनोक तक चलने वाली सबसे तेज़ ट्रेन:

लुन्करणसर से देशनोक तक पहुँचने के लिए, 22998 Sgnr Jlwc Exp सबसे तेज़ ट्रेन है। लुन्करणसर से देशनोक पहुंचने में 2घंटे 27मिनट का समय लगता है। यह ट्रेन लुन्करणसर से 21:28:00 बजे प्रस्थान करके देशनोक में 23:55:00 बजे पहुँचती है। यह ट्रेन Tues, Wed, Sat को चलती है।

लुन्करणसर से देशनोक तक चलने वाली सबसे सस्ती ट्रेन:

लुन्करणसर से देशनोक के लिए सबसे सस्ती ट्रेन 22982 Sgnr Kota Sf. है। लुन्करणसर से देशनोक जाने के लिए ट्रेन को Sgnr Kota Sf का समय लगता है। यह ट्रेन लुन्करणसर से 21:28:00 बजे निकलती है और 23:55:00 बजे देशनोक पहुँचती है। यह ट्रेन Mon, Thur, Fri, Sun को चलती है।

लुन्करणसर से देशनोक के लिए अंतिम ट्रेन:

लुन्करणसर से, 22998 Sgnr Jlwc Exp अंतिम ट्रेन है जिससे आप देशनोक पहुँच सकते हैं। लुन्करणसर से देशनोक जाने में इस ट्रेन को 2घंटे 27मिनट का समय लगता है। यह ट्रेन लुन्करणसर से 21:28:00 बजे छूटकर 23:55:00 बजे देशनोक पहुँचती है। 22998 Sgnr Jlwc Exp Tues, Wed, Sat को चलती है।

लुन्करणसर से देशनोक के लिए पहली ट्रेन:

लुन्करणसर से देशनोक के लिए सबसे पहले चलने वाली ट्रेन 14722 Abs Ju Express है। यह ट्रेन लुन्करणसर से लगभग 3घंटे 26मिनट में देशनोक पहुंचती है। यह ट्रेन लुन्करणसर से 01:46:00 बजे निकलती है और 05:12:00 बजे देशनोक पहुँचती है। यह ट्रेन Mon, Tues, Wed, Thur, Fri, Sat, Sun को चलती है।

लुन्करणसर से देशनोक तक चलने वाली मेरी ट्रेन अभी कहाँ है?

लुन्करणसर से देशनोक के लिए ऑनलाइन PNR स्टेटस देखें:

अगर यात्रा लुन्करणसर से शुरू होती है और देशनोक पर समाप्त होती है, तो यूज़र PNR स्टेटस ixigo पर ऑनलाइन देख सकते हैं। यह अपडेटेड PNR की जानकारी प्रदान करता है।

लुन्करणसर से देशनोक ट्रेन सीट उपलब्धता

ixigo पर लुन्करणसर से देशनोक की ट्रेन के लिए सीट की उपलब्धता (train seat availability) देख सकते हैं। ट्रेन का नाम या नंबर दर्ज करें और सर्च बटन दबायें। आपको अगले 120 दिनों के किराये के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के लिए सीट की उपलब्धता मिल जायेगी। आप विभिन्न कोटा के लिए उपलब्धता की जाँच भी कर सकते हैं।

हरियाणा में 15 DSO के तबादले, देखिये पूरी लिस्ट

हरियाणा में 15 DSO के तबादले, देखिये पूरी लिस्ट

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डीएसओ की तानाशाही से खौफजदा फरियादी

डीएसओ की तानाशाही से खौफजदा फरियादी

AGRA। शासनादेश के अनुसार सुबह 10 से 12 बजे तक सभी प्रशासनिक अधिकारी अपने ऑफिस में फरियादियों से मिलने को प्राथमिकता देंगे, लेकिन यहां फरियादी पढ़ा-लिखा नहीं हो, बावजूद इसके उसका ऑफिस के गेट पर रजिस्टर में एंट्री करना जरूरी है। इसके बाद भी अगर अधिकारी का मूड हुआ तो वह समस्या लेकर पहुंचे लोगों से मिलना जरूरी समझती हैं, नहीं तो फरियादी नारेबाजी करें या हंगामा, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। जिला पूर्ति अधिकारी के ऑफिस पर कुछ ऐसी ही मुश्किलों से अपनी शिकायत लेकर पहुंचने वाले फरियादियों को रोज जूझना पड़ता है।

कालाबाजारी की शिकायत करने पहुंची महिलाएं

जयपुर हाउस में जिला पूर्ति अधिकारी का ऑफिस है। यहां जिला पूर्ति अधिकारी के रूप में हाल ही में बागपत से स्थानांतरण होकर आई विजय प्रभा ने पदभार संभाला है। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की अध्यक्ष सरोज सिंह व सचिव किरन सिंह के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में महिलाएं राशन की कालाबाजारी की शिकायत करने यहां पहुंची। इस दौरान जिला पूर्ति अधिकारी अपने ऑफिस में बैठी हुई थीं। जैसे ही महिलाएं ऑफिस के गेट पर पहुंची, तो बाहर बैठे सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोक दिया।

ऑफिस का गेट बंद करा दिया

शिकायत करने पहुंची महिलाओं ने गार्ड को अधिकारी से मिलने के बारे में जानकारी दी, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं था। शोरगुल की आवाज सुनकर ऑफिस में बैठीं महिला अधिकारी ने गार्ड से पूछा DSO क्या है कि 'शोरगुल की आवाज कहां से आ रही है, इन्हें हटाओ यहां से'। इसके बाद ऑफिस का दरवाजा बंद करा दिया। इस पर फरियाद लेकर पहुंची महिलाओं का पारा चढ़ गया।

हंगामा होते देख बैकफुट पर आई

महिला अधिकारी का ऐसा रुख देखकर महिलाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। गेट पर खड़े गार्ड से महिलाओं की जमकर नोकझोंक हुई। हंगामा होते देख अधिकारी बैकफुट पर आ गई। ऑफिस का गेट खुलवाया। इसके बाद भी फरियाद लेकर पहुंची महिलाओं से मुलाकात करने के लिए अपनी शर्त रख दी। इसके तहत कुछ ही महिलाओं ऑफिस में आने की अनुमति दी।

राशन की हो रही कालाबाजारी

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की पदाधिकारियों ने बताया कि खंदारी, बापूनगर, बूढ़ी का नगला, जेपी नगर, मऊ रोड, लोहामंडी, जगदीशपुरा, नौबस्ता, बाग मुजफ्फरखां, पीपलमंडी, नगला देवजीत में राशन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है। दो महीने में एक बार ही राशन बंटता है। वे भी मानक के अनुसार नहीं मिलता है। गेहूं तो ऐसा मिलता है, कि जानवर भी उसे न खाएं। दुकानों का खुलने का कोई समय निर्धारित नहीं है। फरियादियों में मोनिका सिंह, रामा, उमा, पुष्पा, कलावती, पुष्पा, विनती, कांति, श्यामदेई, सरोज सिंह, किरन सिंह समेत तीन दर्जन महिलाएं मौजूद रहीं।

फरियादी ही नहीं स्टाफ भी परेशान

करीब 20 दिन पहले जिला पूर्ति अधिकारी का पदभार संभालने वालीं विजय प्रभा की कार्यप्रणाली से सिर्फ फरियादी ही परेशान नहीं हैं, बल्कि उनका स्टाफ का भी कुछ ऐसा ही हाल DSO क्या है है। हालांकि खुले तौर पर इस पर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं होता, लेकिन दबी जुबान में कर्मचारी इस पर अपनी सहमति जताते दिखते हैं।

20 दिनों में ऑफिस से बाहर नहीं निकलीं

जिला पूर्ति अधिकारी विजय प्रभा ने DSO क्या है एक अगस्त को कार्यभार संभाला। इन 20 दिनों में जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा अभी तक ना तो कहीं निरीक्षण और ना ही राशन वितरण का भौतिक सत्यापन किया गया। जबकि शासन के निर्देश हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, लेकिन राशन कार्ड फीडिंग का जो डाटा पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी नीरज कुमार सिंह के समय में था, वहीं स्थिति अब भी है। डाटा फीडिंग का काम भी रूका हुआ है।

हर समय जनता के लिए तैयार

अगर पूर्व जिला पूर्ति अधिकारी की कार्यप्रणाली पर नजर डालें तो, वे बिना रोक-टोक के किसी भी समय अपने कार्यालय में जनता से मुलाकात करते थे, शिकायत पर तुरन्त एक्शन लेते थे। उनके कार्यकाल में तमाम बड़ी कार्रवाइयां हुई, जिसमें काले तेल का कारोबार, गैस एजेंसियों पर छापे, राशन की दुकानों के निलम्बन की दर्जनों कार्रवाइयां शामिल हैं।

सीएम सन्दर्भ शिकायतों पर भी नहीं गंभीर

जिला पूर्ति विभाग में सीएम सन्दर्भ में तमाम शिकायतें लम्बित पड़ी हुई हैं, उन पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं कि जब सीएम सन्दर्भ की शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा

DSO क्या है

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह DSO क्या है चौहान ने बुधवार सुबह 7 बजे श्योपुर जिले की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान कड़े तेवर दिखाते हुए उन्होंने श्योपुर जिले के खाद्य अधिकारी (DSO) को सस्पेंड कर दिया। राशन वितरण से जुड़ी गलत जानकारी देने पर CM ने उनके खिलाफ ये एक्शन लिया। वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं पर टू-द-पॉइंट बात की।

जिले की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, जो काम के बदले दाम मांगे, उन्हें नौकरी से बाहर करो। CM ने कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं।

बिजली सप्लाई पर बोले, बेहतर प्लानिंग करनी पड़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा- CM हेल्पलाइन में शिकायत आई हैं। बिजली सब्सिडी पर 23-24 हजार करोड़ सरकार भर रही है। बिजली विभाग का किसान और उपभोक्ता के बीच सद्भाव का संबंध हो। हमको बिजली सप्लाई की बेहतर प्लानिंग करनी पड़ेगी। इस महीने बेहतर प्लानिंग करो। बिजली से संतुष्टि का स्तर बढ़ना चाहिए। पीएम किसान सम्मान और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के हितग्राहियों में डिफरेंस क्यों है।

ये अंतर कम भी है, तो क्यों हैं इसकी मुझे रिपोर्ट भेजें। रोजगार दिवस पर 5000 लोगों को इस माह रोजगार की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को गंभीरता से लें। जिन्हें आवश्यकता है, उन्हीं को लाभ मिले, इस पर ध्यान दें। इस पूरी कवायद का मतलब जनता को सुशासन देना है। गरीब कल्याण की योजनाएं ठीक चले। हितग्राहियों को समय पर लाभ मिले।

5 दिन में तीन खाद्य अधिकारियों पर एक्शन लिया
पांच दिन के अंदर ये तीसरा मौका है जब CM ने किसी जिला खाद्य अधिकारी पर एक्शन लिया है। इससे पहले 23 सितंबर को डिंडौरी के DSO टीकाराम DSO क्या है अहिरवार को सस्पेंड किया था। समय रहते पात्र लोगों के प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कार्ड नहीं बनने पर शिवराज DSO टीकाराम से नाराज हुए थे। 25 सितंबर को CM ने झाबुआ के जिला खाद्य अधिकारी एमके त्यागी को जिले से हटाने और उनके खिलाफ लापरवाही बरतने की जांच के निर्देश दिए थे।

श्योपुर की समीक्षा बैठक में CM ने अफसरों से इन योजनाओं के भी हाल जाने.

CM जनसेवा अभियान

  • CM: सबसे पहले बताएं कि लोगों का कैसा रिस्पॉन्स आ रहा है?
  • कलेक्टर: 10,500 शिविर लगाए गए अब तक। रिस्पॉन्स बहुत अच्छा है। आयुष्मान भारत के लिए लोग ज्यादा आवेदन कर रहे हैं। ग्रामीण जनता में जन सेवा अभियान के प्रति जनजागरूकता बढ़ी है।

जलजीवन मिशन

  • कलेक्टर: 69,502 कनेक्शन दिए।
  • CM: कितनी योजनाओं पर काम चल रहा?
  • कलेक्टर: कुल 210 योजनाओं के तहत कार्य किया जा रहा है।
  • कलेक्टर: 77 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 78 पर काम जारी है।
  • CM: अगर घटिया काम हुआ तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।

आवास योजना शहरी

  • CM: अभी मुझे ये बताओ कि काम की गति धीमी क्यों है? अभी आपके हर महीने के टारगेट क्या हैं? ग्रामीण आवास की क्या स्थिति है?
  • कलेक्टर: DSO क्या है कुल 30 हजार आवास बनाना है।
  • CM: कैसे हम सस्ती रेत उपलब्ध करा पाएं। इसके प्रयास किए जाएं।
  • कलेक्टर: सीमेंट और रेत की एकमुश्त सप्लाई की हमारी बात हो गई है। सप्लाई भी शुरू हो गई है।
  • CM: पैसे के लेनदेन की शिकायत तो नहीं है?
  • कलेक्टर: 1 पर FIR , 4 को सस्पेंड किया है।
  • CM: जिनकी शिकायत आई है, उनकी सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाए। मैं फिर कह रहा हूं कि हम सभी योजनाओं का लाभ बिना कठिनाई के हितग्राहियों तक पहुंचाएं।

अमृत सरोवर

  • कलेक्टर: 104 में से 52 पूरे, 17 इस सप्ताह में पूरे हो जाएंगे।
  • CM: फोटोग्राफ्स भेजिए, मैं देखना चाहता हूं।

ODOP (एक जिला एक उत्पाद)

  • कलेक्टर: अमरूद को लिया गया है। जूस का बोटलिंग प्लांट लगाया गया। महिला समूहों को कार्य दिया गया है।
  • CM: ये केवल कागजी न रहें। ये उत्पाद आजीविका का साधन बनें।

आजीविका मिशन

  • कलेक्टर: 57 हजार दीदियां जुड़ी हैं। 30 हजार एग्रीकल्चर, 12 हजार पशुपालन, 6800 लघु वन उपज से जुड़ीं हैं।
  • CM: बहनों के सशक्तिकरण में कोई कमी न रहे। प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम की योजना के क्रियान्वयन में आपने बेहतर कार्य किया है। अनुशासित कार्यक्रम था। आपको बधाई देता हूं।

पोषण आहार

  • CM: अंडरवेट बच्चों का वजन ठीक हो, इसके लिये क्या प्रयास हो रहे हैं?
  • कलेक्टर: 1346 लोगों ने DSO क्या है आंगनवाड़ियों को अडॉप्ट किया है।
  • CM: आंगनवाड़ी अगर ठीक हो गई तो कुपोषण के कलंक से मुक्ति दिला सकते हैं।

The Naradmuni Desk

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Comments

  • Reply Henry kendel October 31, 2018

There’s such a thing as “too much information”, especially for the companies scaling out their sales operations. That’s why Attentive was born

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