बाजार का समय

बाजार का वर्गीकरण
स्थानीय बाजार से अभिप्राय उस बाजार से है जो किसी गांव अथवा छोटे क्षेत्र मे सीमित होता है। स्थानीय बाजार उन वस्तुओं के लिये सहयोगी होता है जिनकी मांग व्यापक नही होती अथवा उन वस्तुओं को एक स्थान के आस-पास ही क्रय अथवा बेजा जा सकता है। स्थानीय बाजार की वस्तुओं मे दूध, दही, सब्जी इत्यादि के साथ-साथ रेत, पत्थर, ईंट आदि को शामिल किया जाता है।
(ब) क्षेत्रीय बाजार
क्षेत्त्रीय बाजार का क्षेत्र स्थानीय बाजार से व्यापक होता है। यहां वस्तु की मांग एवं पूर्ति एक खास क्षेत्र अथवा प्रांत की सीमा तक विस्तृत रहती है। इन प्रातीय सीमाओं के अंतर्गत वस्तु की मांग और प्रतिपूर्ति क्षेत्रीय बाजार माना जाता है जैसे राजस्थान मे लंहगा चुनरी का व्यापार, जम्मू-कश्मीर मे टोपी का व्यापार आदि।
(स) राष्ट्रीय बाजार
राष्ट्रीय बाजार का क्षेत्र पूरे देश तक फैला होता है। अर्थात् जिन बाजार का समय वस्तुओं की मांग देश की सीमाओं को छूती है उन वस्तुओं का बाजार राष्ट्रीय बाजार कहलाता है। उदाहरणार्थ भारत की सिल्क की साड़ियां, भारत की बनी चूड़ियां इत्यादि।
(द) अंतर्राष्ट्रीय बाजार
जिन वस्तुओं के क्रेता और विक्रेता विश्व के विभिन्न क्षेत्रों मे फैले होते है उसे हम अंतर्राष्ट्रीय बाजार कहते है। उदाहरणार्थ सोने चांदी एवं जवाहरात आदि का व्यापार।
2. समय के आधार पर बाजार का वर्गीकरण
समय के आधार पर बाजार का वर्गीकरण इस प्रकार है--
(अ) दीर्घकालीन बाजार
दीर्घकालीन बाजार वह बाजार है जिसमे विक्रेता के पास पूर्ति मे वृद्धि करने के लिए पर्याप्त लम्बा समय होता है। इस बाजार मे मांग और पूर्ति की शक्तियों मे पूर्ण समायोजन हो जाता है। फलतः मूल्य के निर्धारण मे मांग और पूर्ति दोनों का समान प्रभाव पड़ता है।
(ब) अति दीर्घकालीन बाजार
इस बाजार मे विक्रेता के पास इतना अधिक समय होता है कि वह उपभोक्ता के स्वभाव, रूचि और फैशन के अनुसार उत्पादन कर सकता है।
(स) अल्पकालीन बाजार
अल्पकालीन बाजार वह बाजार है जिसकी पूर्ति कुछ सीमा तक बढ़ाई जा सकती है, किन्तु यह वृद्धि मांग के अनुपात मे नही होती है।
(द) अति अल्पकालीन बाजार
जब वस्तु के विक्रेता के पास पूर्ति मे वृद्धि करने का समय बिल्कुल भी उपलब्ध नही होता, तब इस प्रकार के बाजार को अति अल्पकालीन बाजार कहते है। जैसे-- हरी बाजार का समय सब्जियां, दूध, दही आदि।
3. प्रतियोगिता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण
प्रतियोगिता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण इस प्रकार से है--
(अ) पूर्ण प्रतियोगिता बाजार
जब बाज़ार मे किसी वस्तु के क्रय-विक्रय के लिए क्रेताओं व विक्रेताओं के बीच प्रतियोगिता होती है तब बाजार को पूर्ण प्रतियोगिता बाजार कहा जाता है। इस प्रकार के बाजार मे क्रेता और विक्रेता को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
(ब) अपूर्ण प्रतियोगिता बाजार
अपूर्ण बाजार की व्याख्या करते हुए बेन्हम ने लिखा है," अपूर्ण बाजार उस दशा मे कहा जायेगा जब क्रेताओं और विक्रेताओं को या कुछ क्रेताओं और कुछ विक्रेताओं को एक दूसरे के द्वारा दिया हुआ या मांग हुआ मूल्य का ज्ञान नही होता है।"
इस बाजार मे क्रेताओं और विक्रेताओं की संख्या कम होती है तथा उन्हे बाजार का भी पूर्ण ज्ञान नही होता है। प्रमुख रूप से इस बाजार मे वस्तु विभेद बाजार का समय किया जाता है।
एकाधिकार बाजार उस उस दशा को कहा जायेगा जिसमे वस्तु का अकेला उत्पादन होता है और उसकी स्थानापन्न वस्तु का भी कोई और उत्पादन नही होता है।
4. कार्य के आधार पर बाजार का वर्गीकरण
कार्य के आधार पर बाजार का वर्गीकरण इस प्रकार से है--
(अ) विशिष्ट बाजार
कभी कभी कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण कुछ वस्तुओं का बाजार एक साथ कुछ क्षेत्रों मे या स्थानों मे क्रेन्द्रित हो जाता है। उसे विशिष्ट बाजार कहा जाता है।
(ब) मिश्रित बाजार
जब एक ही बाजार मे एक से अधिक वस्तुओं या मिली-जुली वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है, तब उस बाजार को मिश्रित बाजार या सामान्य बाजार कहा जाता है।
(स) नमूनों द्वारा बाजार
वर्तमान समय मे बड़े पैमाने का क्रय विक्रय नमूनों के आधार पर किया जाने लगा है। माल बेचने वाली मिलों व फर्मों के द्वारा अपने प्रतिनिधियों को वस्तुओं के नमूने दे दिये जाते है, और वे उन नमूनों को दिखाकर माल का आर्डर बुक कर लेते है। इस प्रकार की व्यवस्था कपड़े, ऊन तथा रंग-पेण्ट, आदि मे अधिकाधिक लोकप्रिय होती जा रही है।
(द) श्रेणियों के आधार पर बाजार
वर्तमान मे ग्रेज के द्वारा वस्तुओं के क्रय-विक्रय को बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। इस व्यवस्था मे वस्तु को कई ग्रेडों मे बांट दिया जाता है और इन्हीं ग्रेडों के आधार पर वस्तुओं का सौदा किया जाता है।
5. वैधानिकता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण
वैधानिकता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण इस प्रकार है--
जिस बाजार मे ग्राहकों को सरकार द्वारा निर्यात किये गये मूल्यों पर वस्तुएं मिलती है, उसे वैध बाजार कहा जाता है। जैसे, राशन की दुकान आदि।
जब किसी वस्तु का क्रय विक्रय सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से कम या अधिक होता है, तब उस बाजार को अवैध बाजार कहा जाता है।
6. वस्तु की प्रकृति के आधार पर बाजार का वर्गीकरण
वस्तु की प्रकृति के आधार पर बाजार का वर्गीकरण इस प्रकार है--
जिस बाज़ार मे उत्पादित वस्तुओं के क्रय-विक्रय के सौदे होते है, उसे उपज बाजार कहा जाता है।
(ब) स्कन्ध बाजार
जिस बाज़ार मे अंश, प्रतिभूतियों तथा स्टाॅक, आदि के सौदे होते है, उसे उपज बाजार कहते है।
जिस बाज़ार मे सोने-चांदी के क्रय-विक्रय के सौदे होते है, उसे धातु बाजार कहा जाता है।
बाजार खुलने का समय बढ़ेगा, वीकेंड कर्फ्यू की घट सकती है अवधि, आज जारी होगी गाइडलाइन
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में गिरावट को देखते हुए बाजार खुलने का समय बढ़ाने और वीकेंड कर्फ्यू की अवधि घटाने की तैयारी कर ली है। अब दोपहर 12 बजे बाद से अगली सुबह 5 बजे तक लागू कर्फ्यू में राहत देकर नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था शुरू की जा सकती है।
Updated: June 07, 2021 10:47:20 am
पत्रिका बाजार का समय न्यूज नेटवर्क
जयपुर। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में गिरावट को देखते हुए बाजार खुलने का समय बढ़ाने और वीकेंड कर्फ्यू की अवधि घटाने की तैयारी कर ली है। अब दोपहर 12 बजे बाद से अगली सुबह 5 बजे तक लागू कर्फ्यू में राहत देकर नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। शाम 7 से अगली सुबह 5 बजे तक का कर्फ्यू लागू हो सकता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने त्रिस्तरीय जन अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन-2 के तहत मंगलवार से छूट बढ़ाने के संबंध में मंत्रियों के सुझाव जानने के लिए रविवार रात मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई। गहलोत ने इन सुझावों के आधार पर गृह विभाग को दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश दिए, जिन्हें सोमवार को जारी किया जाएगा। बैठक में चर्चा की गई कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। कई देशों में अनलॉक के बाद संक्रमण बढ़ा है और वहां तीसरी लहर बाजार का समय आने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की भी सलाह है कि लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट एकसाथ देने के बजाय संक्रमण संबंधी आशंकाओं को ध्यान में रखकर निर्णय करना चाहिए।
अधिकतर मंत्री बाजार खोलने की अवधि बढ़ाने के पक्ष में
बैठक में अधिकतर मंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण तेजी से घटा है। अब लोगों की आजीविका पर आए संकट के मद्देनजर छूट बढ़ाई जा सकती है। लगभग सभी मंत्रियों ने बाजार शाम 4 बजे तक खोलने की पैरवी की।
वीकेंड कर्फ्यू में यह मिल सकती है राहत
सूत्रों ने बताया कि कुछ मंत्रियों ने वीकेंड कर्फ्यू में भी रियायत देने की मांग की। फिलहाल प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 12 से मंगलवार प्रात: 5 बजे तक जन अनुशासन वीकेंड कर्फ्यू लागू है। इसकी अवधि घटाकर शुक्रवार शाम 7 से सोमवार सुबह 5 बजे तक की जा सकती है।
आठ जून से मिल सकती हैं ये रियायतें
- बाजार: राज्य सरकार बाजारों को सुबह 11 के बजाय शाम 4 बजे तक खोलने की छूट दे सकती है। फिलहाल दवा, किराणा और डेयरी की दुकानों को शाम 5 से 7 बजे तक और खोला जा रहा है।
- सरकारी-निजी दफ्तर: सरकारी व निजी दफ्तर 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ शाम तक खोल सकेंगे। वर्तमान लागू गाइडलाइन में निजी दफ्तरों को दोपहर 2 बजे तक ही खोलने की इजाजत है।
- निजी वाहन: सुबह 5 से दोपहर 4 बजे तक राज्य में कहीं भी आने-जाने की छूट और सार्वजनिक परिवहन के वाहनों को 10 जून को अलग से आदेश जारी कर कुछ शर्तों के साथ शुरू किया जा सकता है।
इन पर जारी रह सकती हैं पाबंदियां
- सरकार इस महीने शादी समारोहों, किसी भी तरह के सामूहिक भोज आयोजन, बड़े-छोटे धार्मिक स्थल खोलने की छूट नहीं देगी।
- एसी मॉल्स, मल्टीप्लैक्स, सिनेमा, स्वीमिंग पूल, जिम, मनोरंजन पार्क, हाट बाजार, सार्वजनिक उद्यान, थिएटर, खेल मैदान, पिकनिक स्पॉट, मेलों पर रोक जारी रहेगी।
ब्लैक फंगस, टीकाकरण पर भी चर्चा
- ब्लैक फंगस की दवा की कम आपूर्ति की समस्या दूर करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न कम्पनियों से सम्पर्क करेगी।
- मंत्रियों ने प्रभार वाले जिलों में दौरों का फीडबैक दिया। संक्रमण व टीकाकरण की स्थिति, लॉकडाउन से संक्रमण में आई गिरावट, ऑक्सीजन की उपलब्धता व प्लांट स्थापना की प्रगति, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं संबंधी जानकारी दी।
- राज्य में वैक्सीन डोज की वेस्टेज लगभग 2 प्रतिशत है, जो वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत एवं केंद्र की अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से काफी कम है।
- मंत्रिपरिषद ने युवाओं के लिए वैक्सीन की उचित आपूर्ति नहीं होने पर चिंता जताई और कहा कि वैक्सीनेशन के बिना संक्रमण की चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा।
बाजार का समय
शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पल भर में कोई राजा तो कोई रंक बन सकता है। एक तरफ इस मार्केट में पैसा लगाने से लोगों की किस्मत चमकती है वहीं दूसरी तरफ पैसा डूब भी जाता है। इसीलिए शेयर मार्केट में पैसा बाजार का समय लगाने से पहले सावधानी रखनी बेहद जरूरी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो भी जातक शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहता है उसे अपने कुंडली को एक बार जरूर करना चाहिए। कहीं ग्रह दशा के कारण वह इस बाजार में अपना पैसा हार ना जाए। चलिए जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में शेयर मार्केट के लिए उपाय-
ज्योतिष में शेयर मार्केट का महत्व (Jyotish aur Share Market)
शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा बाजर है, जिसमें करोड़ों लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं। जहां एक तरफ कुछ लोगों का भाग्य उनका साथ देता है वहीं दूसरी तरफ भाग्य की कमी के कारण कुछ लोगों को शेयर मार्केट में नुकसान का सामना करना पड़ता है। यह बाजार किसी लॉटरी से कम नहीं होता। लेकिन इसमें जातक के भाग्य का भी काफी महत्व होता है।
आपको बता दें कि राहु और चंद्रमा का बुरा प्रभाव शेयर मार्केट में व्यक्ति का पैसा डूबा करता है। गुरु और बुध का सकारात्मक प्रभाव से जातक को काफी मुनाफा होता है। इसीलिए ज्योतिष शास्त्र अनुसार शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले उसके नियम आदि जानना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि बहुत से लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले ज्योतिष की सलाह लेते हैं ताकि उन्हें लाभ हो सकें।
शेयर मार्केट और ग्रह दशा
- आपको बता दें कि व्यक्ति की कुंडली में पांचवें, आठवें और 11 भाव में अचानक धन लाभ के योग बनते हैं।
- इसी के साथ अगर किसी व्यक्ति कि कुंड़ली में यह भाव मजबूत मौजूद रहे है, तो शेयर मार्केट में आने वाला उछाल जातक लिए काफी लाभदायक साबित होता है।
- जातक की कुंडली में पांचवा भाव मजबूत होना चाहिए। और शेयर बाजार लाभ पाने के लिए इस भाव का मजबूत होना बेहद जरूरी है। इस भाव में ऐसे ग्रह की शुभ नजर होनी चाहिए जो शेयर मार्केट का कारक माने जाते हैं।
- आपको बता दें कि राहु और चंद्रमा से शेयर बाजार के लाभ और हानि निर्धारित होने के योग बनते हैं।
- साथ ही बुध और बृहस्पति ग्रह का प्रभाव शेयर बाजार पर देखने को मिलता है।
- ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति और बुध की दशा अच्छी होती है वह व्यक्ति शेयर मार्केट से खूब पैसा कमाता है।
- आपको बता दें कि राहु को वैसे तो छाया ग्रह कहा जाता है और पापी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन जातक की कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है, तो यह शेयर मार्केट में जातक को अधिक लाभ देता है।
जानें कौन सा ग्रह शेयर मार्केट से संबंध रखता है
सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह राजकोष, म्युचुअल फंड, लकड़ी और औषधि बाजार से संबंधित रखता है।
चंद्रमा ग्रह
आपको बता दें कि चंद्रमा ग्रह का शीशा, दूध वाली वस्तु से संबंधित रखता है और अगर चंद्रमा की स्थिति सही होती, तो जातक को इन व्यापार में लाभ होता है।
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह चाय, खनिज पदार्थ, भूमि, भवन, कॉफी आदि बाजार से जुड़ा है। अगर जातक की कुंडली में मंगल की दशा अच्छी होती है, तो जातक को इस बाजार में काफी लाभ होता है।
बुध ग्रह
यह आयात निर्यात, बैंकिंग, सहकारिता से संबंधित रखता है।
बृहस्पति ग्रह
यह ग्रह पीले, अनाज, आर्थिक क्षेत्र, सोना, पीतल आदि से जुड़ा हुआ है।
शुक्र ग्रह
आपको बता दें कि शुक्र ग्रह चीनी, चावल, सौंदर्य प्रसाधन, फिल्म इंडस्ट्री और केमिकल क्षेत्र से जुड़ा है।
शनि ग्रह
काली वस्तुएं, फैक्ट्री, इंडस्ट्री, लोहा, पेट्रोलियम आदि से जुड़ा है।
राहु और केतु ग्रह
आपको बता दें कि यह ग्रह बाजार के उतार-चढ़ाव, विदेशी वस्तुओं तथा इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र से जुड़े हैं।
इन ग्रहों के सहयोग से बनते हैं शेयर मार्केट में लाभ और हानि के योग (Share market me labh aur hani ke yog)
- यदि कुंडली में पंचम भाव और इसका स्वामी मजबूत होता है, तो शेयर मार्केट में जातक को खूब सफलता मिलती है।
- इसी के साथ अगर बाजार का समय राहु अनुकूल दशा में होता है, तो व्यक्ति को शेयर मार्केट में बड़ी सफलता मिलती है।
- वही बृहस्पति के अनुकूल होने पर व्यक्ति को कॉमेडीटी के बाजार में लाभ होता है।
- आपको बता दें कि बुध के अनुकूल होने पर व्यक्ति शेयर संबंधित अच्छी सलाह देता है। साथ ही शेयर बाजार का अच्छा व्यवसाय भी करता है। लेकिन कुछ शेयर बाजार में बहुत सफल नहीं होता।
- यदि कुंडली में सूर्य राहु चंद्र राहु या गुरु राहु का योग बनता है, तो शेयर बाजार से दूर ही रहना चाहिए। यह जातक के लिए सहयोग नहीं है।
- इसी के साथ अगर धन भाव में राहु होता है, तो शेयर बाजार में जाने पर व्यक्ति आर्थिक रूप से निराशा का सामना करता है। और उसे बर्बादी का सामना भी करना पड़ता है।
- आपको बता दें राहु केंद्र स्थान में मौजूद हो, तो एक समय व्यक्ति शेयर बाजार बाजार का समय में बड़ी सफलता पाता है। लेकिन उसके बाद वह दरिद्र हो जाता है।
ज्योतिष अनुसार शेयर मार्केट के लिए उपाय (Share market me labh ke jyotish upay)
राहु यंत्र
आपको बता दें कि राहू जातक के लिए शुभ और अशुभ प्रभाव दोनों लेकर आता है। साथ ही राहु यंत्र ताबीज में स्वयं राहु ग्रह का वास होता है। इसे सदा अपने पास रखने से जातक को हर मुश्किल विपत्ति से बचाता है और उसे धन का भी लाभ होता है।
गाय को हरा चारा खिलाना
अगर आप अधिक पैसा कमाना चाहते है, तो आप को गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। इससे आपको काफी लाभ होगा।
बकरियों का दान
अगर आप शेयर मार्केट में जीत हासिल करना चाहते हैं, तो आपको बकरियों का दान करना चाहिए।
बुधवार का उपाय
आपको बुधवार के दिन जरूरतमंद लोगों को हरी वस्तुओं का दान करना चाहिए। इससे आपको काफी लाभ होगा।
जानवर और पक्षी को खाना खिलाना
आपको जानवर और पक्षी को खाना खिलाना चाहिए। पक्षी के लिए एक बर्तन में पानी रखना चाहिए। इससे आपको काफी लाभ होता है।
तांबे की चीजें
तांबे की कोई चीज पहनने से आपको काफी लाभ होता है और इससे धन लाभ होता है।
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बाजार का समय
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Spoken English Practice - Day # 10 - बाजार जाते समय अंकल से बातचीत
Good morning, uncle!
नमस्ते, अंकल!
Good morning! Where are you going Om?
नमस्ते! कहाँ जा रहे हो, ओम?
I am going to market.
मैं बाजार जा रहा हूँ।
Could you do me a favour?
क्या आप मेरा एक काम कर सकते हैं?
Yes, Please tell me.
हाँ, कृपया मुझे बताइए।
Bring me a big pack of biscuits.
मुझे बिस्कुट का एक बड़ा पैक ला दीजिये।
Yes, I’ll do. There is a baker round the corner.
हाँ, मैं करूँगा। एक बेकर पास ही है।
Also bring me some sweets.
मेरे लिए कुछ मिठाई भी ले आइए।
There is no sweet seller in the proximity of this locality. I’ve to travel two kilometers for the sweets.
इस इलाके के पास में कोई मिठाई विक्रेता नहीं है। मुझे मिठाई के लिए दो किलोमीटर जाना पड़ेगा।
Take my bike. You can reach early.
मेरी बाइक ले जाओ। आप जल्दी पहुँच सकते हैं।
Ok, uncle.
ठीक है, अंकल।
But, wait a minute. Have you got a licence?
लेकिन, एक मिनट रुको। क्या आपके पास लाइसेंस बाजार का समय है?
Yes, uncle. I have my licence.
हाँ, अंकल। मेरे पास मेरा लाइसेंस है।
Ok. Now go quickly, but don’t be rash.
ठीक है। अब जल्दी जाओ, लेकिन जल्दबाजी मत करना।
Ok, uncle. I’ll come बाजार का समय as early as I can.
ठीक है, अंकल। मैं जितना जल्दी होगा आ जाऊँगा।
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रूई मंडी : व्यापारियों ने तय किया लोडिंग-अनलोडिंग का समय, सदर बाजार में भीड़ बरकरार
दिल्ली के बाजारों के कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का उल्लंघन (Violating Corona Protocol) बढ़ रहा है. इसी के चलते दूसरे दिन भी रूई मंडी (Sadar बाजार का समय Bazar Cotton Market) बंद रही. मंगलवार को सदर बाजार में भीड़ दिखी, लेकिन इन सबके बीच व्यापारियों का कहना है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ ही प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करेंगे. व्यापारियों ने अब बाजार में लोडिंग-अनलोडिंग का समय तय कर दिया है.
नई दिल्ली : जिस तरह से दिल्ली के बड़े बाजारों में कोविड प्रोटोकॉल (Violating Corona Protocol) का उल्लंघन हो रहा है, यह बेहद चिंताजनक विषय है. पहले लक्ष्मी नगर उसके बाद लाजपत नगर फिर नांगलोई के बाजारों में जिस तरह से कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों के उल्लंघन को लेकर तस्वीरें सामने आईं, वह अपने आप में चिंता बढ़ाने वाला है. बीते दिनों बाद सदर बाजार रूई मंडी (Sadar Bazar Cotton Market) में कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का बड़े स्तर पर उल्लंघन देखने को मिला है, जिसके चलते डीडीएमए द्वारा सदर बाजार की रूई मंडी को 2 दिनों के लिए बंद कर दिया है.
आज ईटीवी भारत ने कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के उल्लंघन को लेकर सदर बाजार की रूई मंडी का जायजा लिया. यहां आज भी दूसरे दिन मार्केट पूरी तरीके से बंद था. हालांकि कुछ व्यापारी दुकानों के बाहर जरूर खड़े थे. वहीं प्रशासन की तरफ से दूसरे दिन सदर बाजार में पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे. पहले दिन जहां बैरिकेड लगाने के साथ-साथ सुरक्षा बल के जवान भी नियमों का पालन करवाने के लिए सदर बाजार में मौजूद थे. वहीं आज दूसरे दिन सिर्फ बैरिकेड लगे हुए थे. नियमों का पालन करवाने के लिए सुरक्षा बल के जवान पूरी तरीके से नदारद थे.
स्थानीय व्यापारियों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अपनी परेशानी जाहिर करते हुए कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर जिस तरह से बाजार को बंद किया गया है, उससे व्यापारी काफी परेशान हैं. व्यापारी नियमों के पालन को लेकर प्रशासन के साथ हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं. चाहें वह सोशल डिस्टेंसिंग का हो या फिर मास्क पहनने का. व्यापारी आज भी लोगों को नियमों को लेकर जागरूक कर रहे हैं.
दरअसल सदर बाजार एशिया के सबसे बड़े होलसेल बाजारों में से एक है. ऐसे में हर रोज यहां बड़ी संख्या में लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिसकी वजह से यहां पर कोविड नियमों का पालन करवाना कई बार मुश्किल हो जाता है. ऐसे में व्यापारियों ने कहा है कि वे प्रशासन के साथ मिलकर इस पर काम करेंगे. सदर बाजार की रूई मंडी (Sadar Bazar Cotton Market) की बात करें तो इसमें ग्राउंड फ्लोर पर सड़क के दोनों तरफ 80-80 दुकानें हैं. साथ ही ऊपरी मंजिलों पर भी कुछ दुकानें हैं. रूई मंडी से लगभग 9 से 11 छोटी-छोटी संकरी गलियां जुड़ती हैं, जिनके अंदर हजारों की संख्या में दुकानें हैं और इन सभी दुकानों और रूई मंडी से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है और उनके परिवार का पेट भरता है.
इन छोटी छोटी गलियों में माल की लोडिंग-अनलोडिंग की जगह नहीं है, जिसकी वजह से लोग रूई मंडी में आकर माल की लोडिंग-अनलोडिंग करते हैं. जिस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में न सिर्फ दिक्कतें आती हैं बल्कि बाजार में भीड़ भी लगती है. बता दें कि माल की लोडिंग-अनलोडिंग का समय तय हो जाने से व्यापारी वर्ग लोगों में थोड़ा मतभेद भी है. साथ ही रूई मंडी की सड़क चौड़ी होने की वजह से यहां पर कई लोग अपनी मनमर्जी से गाड़ी पार्क करके चले जाते हैं.
इसकी वजह से भी नियमों के अनुपालन में परेशानियां आती हैं, जबकि बड़ी संख्या में मजदूर यहां काम करते हैं. जो दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते लगातार मास्क लगाने में लापरवाही बरत रहे हैं. व्यापारियों द्वारा इन सभी मजदूरों को मास्क लगाने के प्रति न सिर्फ जागरूक किया जा रहा है बल्कि वैक्सीन लगवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
कोविड नियमों के पालन को लेकर व्यापारियों ने अब बाजार में लोडिंग अनलोडिंग का समय शाम 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक का निर्धारित कर दिया है. साथ ही रूई मंडी के अंदर किसी प्रकार के वाहन को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की इजाजत के बाद बकायदा रूई मंडी के मेन मार्केट के एंट्रेंस पर दोनों तरफ छोटे-छोटे पोल्स बाजार का समय लगाए जा रहे हैं, ताकि मार्केट के अंदर सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन किया जा सके. जबकि बाकी नियमों के अनुपालन को लेकर भी व्यापारी सरकार और प्रशासन के साथ सहयोग करने को तैयार हैं.