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पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?
Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।

Difference Between Trading and Investing

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

जब भी कोई ब्रेकआउट देखा जाता है तो ट्रेडर्स लॉन्ग पोजीशन लेते हैं यदि ऊपर की ओर हुआ हो और नीचे की ओर अगर होता है तो वे शॉर्ट पोजीशन लेते हैं।

आपको ब्रेकआउट कैंडल से ऊपर ही प्रवेश लेना चाहिए। ब्रेकआउट कैंडल की ऊंचाई से नीचे कभी भी खरीदारी न करें

Breakout trading stop loss

आपको स्टॉप लॉस को ब्रेकआउट कैंडल के लो के नीचे रखना चाहिए। यदि कैंडल बहुत बड़ी है तो आप ब्रेकआउट कैंडल के 50-60% पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।

यदि ट्रेड 1:2 रिस्क रिवॉर्ड दे रहा है तो ट्रेड को ही लें अन्यथा ट्रेड को छोड़ दें या अलग ट्रेड की तलाश करें। लाभ को अधिकतम करने के लिए टारगेट पर 75% पोजीशन से बाहर निकलें और डे कैंडल के निचे स्टॉप लॉस के साथ शेष 25% पोजीशन आगे बढ़ाये |

ट्रेडिंग क्या है

जब भी आप कोई शेयर खरीदते है और उसी दिन बेचते है तब इसे ट्रेडिंग कहते है. मतलब आप स्टॉक ट्रेडिंग में स्टॉक को ज्यादा समय तक अपने पास नही रख सकते. मान लीजिए आपने 500 रुपये का एक शेयर खरीदा और उसी दिन आपने उसे 550 रुपये यानि 50 रुपये के लाभ में बेच दिया. इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहा जाता है.

व्यापार करते समय पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? व्यापारी हमेशा तकनीकी विश्लेषण के साथ जाते है. जिससे उस कंपनी के शेयर की कीमत का कुछ समय के लिए शेयर की कीमत का अंदाजा हो जाता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कंपनी क्या करती है, भविष्य के लिए क्या योजनाएं पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? है. केवल यह देखा जाएगा कि शेयर की कीमत किस दिशा पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? में जा रही है.

इसलिए ट्रेडिंग करते समय खबरों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. क्योंकि कोई भी अच्छी खबर किसी भी स्टॉक को ऊपर ले जा सकती है. और बुरी खबर आपको तुरंत नीचे भी ला सकती है.

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग के प्रकार ― ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है पर मुख्य रूप से तो तीन ही प्रकार की होती है पर उन्हें अलग अलग रूप मे देखा जाए तो ट्रेडिंग 5 प्रकार की होती है. ताकि हर छोटा बड़ा व्यापारी ट्रेडिंग करके पैसा कमा सके.

इस प्रकार की ट्रेडिंग में निवेशक स्टॉक को कुछ समय के लिए रख सकता है. इसलिए Day Trading को पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? इंट्राडे ट्रेडिंग भी कहा जाता है. बाजार बंद होने से पहले व्यापारी को शेयर बेचना पड़ता है, इसमें व्यापारी छोटे-छोटे क्षणों में स्टॉक में हो रहे उतार-चढ़ाव से अपना लाभ कमा सकते है.पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

Scalping Trading

डे ट्रेडिंग और स्कैल्पिंग दोनों एक ही प्रकार के होते है. इस ट्रेडिंग में खरीद-बिक्री की जाती है. लेकिन इसे दिन में कितनी भी बार ट्रेड किया जा सकता है. आपने किस प्रकार की प्रवृत्ति की है इसके आधार पर आप लाभ के साथ-साथ हानि भी कर सकते है.

इस ट्रेडिंग में आप खरीद-बिक्री पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? कर सकते है. अगर आपने जिस दिन खरीदा है उस दिन आपको नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन स्टॉक न बेचकर भी कुछ दिनों के लिए होल्ड कर सकते है. फिर जब प्रॉफिट आता है तो आप बेचकर प्रॉफिट कमा सकते पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? है.

Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye 2022

इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).

Trading के बारे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।

शेयर मार्केट में Trading करना पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)

ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।

इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? है।

शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

Breakout trading stop loss

आपको स्टॉप लॉस को ब्रेकआउट कैंडल के लो के नीचे रखना चाहिए। यदि कैंडल बहुत बड़ी है तो आप ब्रेकआउट कैंडल के 50-60% पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।

यदि ट्रेड 1:2 रिस्क रिवॉर्ड दे रहा है तो ट्रेड को ही लें अन्यथा ट्रेड को छोड़ दें या अलग ट्रेड की तलाश करें। लाभ को अधिकतम करने के लिए टारगेट पर 75% पोजीशन से बाहर निकलें और डे कैंडल के निचे स्टॉप लॉस के साथ शेष 25% पोजीशन आगे बढ़ाये |

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