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अतिरिक्त कमाई

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petrol diesel excise duty: सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर बढ़ा दी एक्साइज ड्यूटी

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कुंदौर गांव में मनरेगा से बांध

मध्य प्रदेश के सीधी जिले के कुंदौर गांव में मनरेगा से बांध बनाया जा रहा है। यह जिले की बिरतुमानिया नदी पर निर्माणाधीन है (फोटो: नचिकेता शर्मा)

जल संरक्षण कार्यों से दर्जनों गांव में न केवल फसल चक्र बदला बल्कि इससे अतिरिक्त आय के स्त्रोत भी खुले मध्य प्रदेश अतिरिक्त कमाई का सीधी जिला राज्य के कुल 55 जिलों में सबसे गरीब जिलों की श्रेणी में आता है। वर्तमान में यह गरीबी के मामले में 16वें स्थान पर है। यह बात जिला पंचायत विभाग अतिरिक्त कमाई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरके शुक्ला ने बताई। 11,27,033 की आबादी वाले इस जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापान करने वाले परिवारों का प्रतिशत 50.2 है। जिले में मनरेगा योजना 2005-06 में शुरू हुई थी। तब से अब तक यानी 2020-21 तक जिले में कुल 19,590 जल संबंधित कार्यों को पूरा किया गया। इन जल संरक्षण कार्यों पर अब तक कुल खर्च 165 करोड़ रुपए हुए।

जिला मनरेगा अधिकारी के अनुसार जिले में किए गए जल संरक्षण कार्यों में निजी और सामुदायिक जल संरक्षण संबंधी कार्यों का अनुपात 35:65 है। जिले के मनरेगा जल संरक्षण विभाग के तकनीकी अधिकारी नर्मदा प्रसाद तिवारी ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जलस्तर में पहले के मुकाबले सुधार हुआ है। पिछले डेढ़ दशकों में हुए जल संरक्षण कार्यों का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि गांव में औसतन 10-12 फीट की गहराई पर पानी मिल जाता है। इसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को हुआ है क्योंकि पानी ढोने की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है। जिला मनरेगा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मनरेगा से निर्मित जल संरक्षण का सर्वाधिक लाभ जिले की 29.9 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 11.9 प्रतिशत अनुसूचित जाति समुदाय को हुआ। चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 43,265 लोगों ने रोजगार की मांग की थी और इनमें से 35,198 को रोजगार उपलब्ध कराया गया। जिले के ग्राम रोजगार सहायक शिवम सिंह बताते हैं कि चूंकि यहां रोजगार की बहुत कमी थी। पहले वर्ष में जब यह योजना शुरू हुई थी तब इस बारे में ग्रामीणों को जानकारी कम थी। ऐसे मेंं कम संख्या में लोग काम के लिए आए। लेकिन जैसे-जैसे लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी मिलती गई, लोग आसपास के कस्बों में रोजगार की तलाश में जाने की जगह अपने गांव में ही रुककर काम करने लगे।

जिले में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों का निर्णय ग्राम सभा में ही होता है। कुसमी ब्लॉक के कुंदौर गांव के सरपंच अमर सिंह बताते हैं अतिरिक्त कमाई कि जब से यह योजना शुरू हुई है तब से अब तक गांव स्तर पर मनरेगा के अंतर्गत किए जाने वाले कामों के प्रस्ताव को ग्राम सभा में सभी ग्रामीणों की उपस्थित में रखा जाता है। जब किसी योजना पर सहमति बनती है तब ही उस प्रस्ताव को जिलाधीश कार्यालय भेजा जाता है। इस प्रकार से ग्राम सभा से आए प्रस्तावों पर सीधी जिले के कलेक्टर रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हमारे जिले में शुरू से ही इसी प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई और इसका नतीजा है कि जिले में हुए कुल कार्यों में जल संपत्तियाें के निर्माण का प्रतिशत लगभग 75 है।

जिले में किए गए जल संरक्षण के कार्यों से जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर बसे बरमानी गांव के दिन बदल गए हैं। गांव के पूर्व सरपंच नेपाल सिंह ने बताया, “15 साल पहले लगभग पूरा गांव रोजीरोटी की तलाश में आसपास के कस्बों में जाने को मजबूर था। गांव में किसी प्रकार से आय के स्त्रोत नहीं थे। गेहूं-चावल खरीदना पड़ता था और अब डेढ़ दशक बाद गांव का एक भी आदिवासी बाहर काम की तलाश में नहीं जाता। आय के स्त्रोत के रूप में अब गांव वाले अच्छी खासी सब्जी उगाते हैं। गेहूं-चावल इतना होता है कि कई ग्रामीण इसका विक्रय भी करते हैं। इन सब परिवर्तनों के लिए मनरेगा जिम्मेदार है।” नेपाल सिंह से आज से ठीक 15 साल पहले डाउन टू अर्थ तब भी रूबरू हुआ था, जब यह योजना 2005-06 में शुरू हो रही थी। एक बार फिर डाउन टू अर्थ इसी गांव में पहुंचा और उसी आदिवासी किसान से रूबरू हुआ। सिंह ने कहा कि यहां आपको बताने व दिखाने के लिए बहुत कुछ है।

आज से 15 साल पहले जब मनरेगा योजना शुरू हो रही थी, तब डाउन टू अर्थ इस बरमानी गांव में पहुंचा था। अब एक बार फिर से यहां पहुंचा और देखा कि मनरेगा के तहत बने जल स्त्रोतों ने गांव का सूरतेहाल बदला है (फोटो: राजकुमार वर्मा)

बरमानी गांव में 15 साल पहले केवल तिलहन-दलहन की ही फसल होती थी लेकिन अब अधिकांश गांव वाले गेहूं और धान भी उपजा रहे हैं क्योंकि गांव में सिंचाई के लिए चार तालाब बन गए हैं। नेपाल सिंह ने बताया कि अब गांव में एक और बड़ा तालाब मनरेगा के तहत बन रहा है, जिसकी क्षमता 400 एकड़ खेतों को सींचने की है। बरमानी गांव के ही वर्तमान पंचायत में पंच राकेश सिंह बताते हैं कि हमें पहले गेहूं-चावल खरीदना पड़ता था लेकिन अब सिंचाई की पर्याप्त सुविधा होने के कारण हम गेहूं अासानी से उगाने लगे हैं। नेपाल सिंह कहते हैं कि गांव वालों की आमदनी बढ़ी है क्योंकि अधिकांश लोग अपने घर के आसपास के खेतों में सब्जी का उत्पादन करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अभी मैंने पत्ता गोभी एक एकड़ के खेत में लगाई है और यह पिछले दो माह से हर हफ्ते 50 से 60 किलो निकलती है। चूंकि हम रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते हैं तो हमें ठीक-ठाक भाव मिल जाता है। यही नहीं अब हमारे गांव में लगभग दो दर्जन परिवार गेहूं-चावल भी बेचने लगे हैं।

बरमानी गांव की आबादी लगभग 2,300 है और इसमें लगभग 700 आदिवासियों को काम वर्तमान में भी मनरेगा के तहत मिल रहा है। लॉकडाउन के समय तो यहां लगभग एक हजार लोगों को लगातार काम मिला। अपने घर के सामने ही तालाब की नहर पर काम कर रही है इंद्रवती सिंह कहती हैं कि पहले गांव में दूसरी ओर काम होता था तो काम पर नहीं जा पाती थी लेकिन अब घर के सामने ही काम मिल रहा है तो पिछले तीन माह से काम कर रही हूं। वह कहती हैं कि इस तालाब के निर्माण से हमारे घर के कुएं में पानी आ गया है। वह बताती हैं कि मनरेगा से होने वाली अतिरिक्त कमाई के कारण ही हम बच्चों को पढ़ने के लिए गांव की जगह कस्बे में भेज पा रहे हैं।

मनरेगा ने जिले एक और गांव पौड़ी की भी काया पलटी है। कुसमी ब्लॉक में 2,492 की आबादी वाले इस गांव में 2007-08 में मनरेगा योजना शुरू हुई। तब से इस गांव में मनरेगा के तहत जल स्त्रोतों के निर्माण के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अब तक इस गांव में कुल 21 जल स्त्रोतों का निर्माण किया जा चुका है। अब गांव की ही एक बरसाती नदी पर बने स्टॉपडैम के कैचमेंट एरिया बढ़ाया जा रहा है। अब तक इस नदी से गांव की केवल 60 एकड़ जमीन सिंचित होती थी लेकिन कैचमेंट एरिया बढ़ाने से लगभग 100 एकड़ जमीन सिंचित हो सकेगी। गांव में बने डेढ़ दर्जन से अधिक तालाबों का नतीजा है कि पिछले दस सालों में फसल चक्र ही बदल गया है। एक दशक पूर्व गांव में केवल कुटकी, कोदव, मक्का और बाजरा की फसल थोड़ी बहुत हो पाती थी। पिछले 15 सालों में गांव में बने 21 जल स्त्रोतों के निर्माण से गांव की 250 एकड़ जमीन पूरे साल भर के लिए सिंचित हो गई है।

ग्राम रोजगार सहायक शिवम सिंह ने बताया कि गांव में तालाब केवल सिंचाई के लिए ही नहीं बल्कि मछली पालन के लिए भी तैयार किए गए हैं। गांव में तीन तालाबों में मछली पालन हो रहा है। मछली के बीज डालने के छह माह में मछली विक्रय योग्य हो जाती है। निजी तालाब के मालिक विजय सिंह ने बताया कि अगले छह माह तक लगभग 50 क्विंटल रूपचंद्र प्रजाति की मछली तैयार होती है और बाजार में 150 रुपए किलो के हिसाब से बिकती है। इससे छह महीने में लगभग 75,000 रुपए की आमदनी हो जाती है।

गांव में जल स्त्रोतों के निर्माण के कारण 52 कुओं में पानी अब पूरे साल भर बना रहता है। मनरेगा के अंतर्गत छोटे-बड़े जल स्त्रोतों के अनगिनत उदाहरण हैं लेकिन जिले के कुंदौर गांव में बन रहे बांध के कैचमेंट एरिया (जलग्रहण क्षेत्र) को देखकर कई ग्रामीण इसे “सरदार सरोवर बांध” कहने से नहीं चूक रहे। यह बांध 2012-13 में बनना शुरू हुआ था। गांव की बिरतुमानिया नदी पर बांध का निर्माण किया जा रहा है। बांध की मेड़ की चौड़ाई लगभग हाइवे के तीन लेन के बराबर है। अब 2.9 किलोमीटर नहर का निर्माण हो रहा है। इससे गांव की 700 एकड़ जमीन सिंचित हो सकेगी। गांव के सरपंच अमर सिंह ने बताया कि बांध की नहर एक साल में तैयार हो जाएगी। इस बांध के अलावा इस गांव में 14 और तालाबों का निर्माण किया गया है।

2022 FIFA World Cup: 4 वर्ष की कमर्शियल डील्स से FIFA ने छुआ रिकॉर्ड 7.5 अरब डॉलर रेवेन्यु का मार्क

2022 FIFA World Cup: 4 वर्ष की कमर्शियल डील्स से FIFA ने छुआ रिकॉर्ड 7.5 अरब डॉलर रेवेन्यु का मार्क

फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा (FIFA) ने कतर में विश्व कप 2022 (Football World Cup 2022) से जुड़े चार वर्षों के व्यावसायिक सौदों से रिकॉर्ड 7 अरब 50 करोड़ डॉलर का राजस्व हासिल किया है. एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फीफा ने अपने 200 से अधिक सदस्य देशों के अधिकारियों के समक्ष आय का खुलासा किया. रूस में 2018 में हुए विश्व कप से जुड़े चार साल के कमर्शियल साइकिल में हुई राजस्व कमाई से यह एक अरब डॉलर अधिक है.

फीफा विश्व कप कतर 2022, 20 नवंबर से 18 दिसंबर तक खेला जाएगा. 32 टीमों के साथ टूर्नामेंट के 64 मैच आठ स्थानों पर होंगे. फीफा का कहना है कि विश्व कप के मेजबान देश के साथ हुए व्यावसायिक अनुबंधों से यह अतिरिक्त कमाई हुई है. कतर एनर्जी, शीर्ष स्तर के प्रायोजक के रूप में जुड़ी है और तीसरे टीयर के प्रायोजकों में कतर का बैंक क्यूएनबी और टेलीकॉम कंपनी ओरेडू शामिल है. फीफा के साथ इस साल दूसरे टीयर के प्रायोजक के तौर पर वित्तीय कंपनी क्रिप्टो.कॉम भी जुड़ी.

इस वर्ष के फुटबॉल विश्व कप के लिए प्रमुख ब्रॉडकास्ट सौदों पर हस्ताक्षर दो-टूर्नामेंट डील्स में सेप ब्लैटर की अध्यक्षता के दौरान किए गए थे. इन दो टूर्नामेंट्स में रूस और कतर टूर्नामेंट शामिल थे. प्रमुख ब्रॉडकास्ट सौदों में संयुक्त राज्य अमेरिका में फॉक्स और कतरी ब्रॉडकास्टर बीईएन स्पोर्ट्स के सौदे शामिल थे.

रेवेन्यु बढ़कर 2.5 अरब डॉलर होने का अनुमान

COVID-19 महामारी के बावजूद फीफा का राजस्व बढ़कर लगभग 2.5 अरब डॉलर हो जाएगा. फीफा 2020 में अनिश्चितता के उस दौर में सदस्यों की मदद के लिए नकदी का उपयोग करने के लिए तैयार था, जब राष्ट्रीय टीम फुटबॉल और विश्व कप क्वालीफाइंग खेल लगभग पूरी तरह से बंद हो गए थे.

अगले 4 वर्षों में कहां पहुंचेगी कमाई

महिला फुटबॉल के लिए एक नई वित्तीय रणनीति और संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा व मैक्सिको में विस्तारित 2026 विश्व कप की बदौलत फीफा का राजस्व अगले चार वर्षों में 10 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2023 विश्व कप के लिए महिला फुटबॉल के लिए अलग प्रायोजक सौदों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं. 2026 के पुरुष टूर्नामेंट में 32 के बजाय 48 टीमें होंगी.

पैसे कमाने में आपकी मदद करेंगी ये तीन बातें

आपके सपने, जरूरी कुशलता और कड़ी मेहनत मिलकर ही आपके स्वर्णिम भविष्य की राह तैयार करते हैं.

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1. सपने जरूर देखें
सपने देखने का मतलब है इमेजिनेशन. यह आपको कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करता है. जब आप कुछ बड़ा काम करने के सपने देखेंगे तो उसे पूरा करने के लिए जरूरी योग्यता हासिल करने की तरफ बढ़ेंगे. आपको इन सपनों को कैसे पूरा करना है, इस बारे में किसी कुशल व्यक्ति से दिशानिर्देश लेने की भी जरूरत है.

2. अपनी कुशलता की पहचान करें
आपको खुद के बारे में यह जानना होगा कि आप कौन सा काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं. अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर आप मनमाफिक नतीजे पा सकते हैं.

अगर आपको लगता है कि आपमें कुशलता है, लेकिन उसे और निखारने की जरूरत है तो आप उससे संबंधित प्रयास कर अपनी कुशलता को विकसित करिये.

मसलन आपको लगता है कि आप बढ़िया खाना पका सकते हैं तो अपनी इस कुशलता को निखारने के लिए आप होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल कर पेशेवर सेफ बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.

यह ध्यान रखें कि जीवन में सफलता और पैसा कमाने के लिए अतिरिक्त कमाई दिमाग का सही दिशा में इस्तेमाल करना जरूरी है.

3. कड़ी मेहनत का विकल्प नहीं
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ऑनलाइन रम्मी मैच कैसे खेलें और अतिरिक्त कमाई करें?

एक त्वरित रम्मी मैच खेलना कार्यालय में थकाऊ दिन से अपने मन को आराम करने या काम से 10 मिनट का ब्रेक लेने का एक शानदार तरीका है। ऑनलाइन रमी खेलने के बारे में जो प्रेरित कर रहा है वह यह है कि यह न केवल आपके मूड को फिर से जीवंत करता है बल्कि आपको मैच जीतने पर अतिरिक्त धन कमाने में मदद करता है।

आपको सिर्फ ऑनलाइन रम्मी खेलने की तकनीक सीखने की ज़रूरत है और आप निश्चित रूप से अपनी जीवनशैली में बदलाव पा सकते हैं। यह आपको फ़ोकस और समय प्रबंधन के बुनियादी कौशल सीखने में मदद करता है और आपको मैच और टूर्नामेंट जीतने पर अच्छे पुरस्कार जीतने में भी मदद करता है।

ऑनलाइन रम्मी मैच कैसे खेलें और अतिरिक्त कमाई करें?

यदि आप रम्मी खेल से प्यार करते हैं, तो आप हमेशा अपने कार्यालय के दौरान खेल खेलने में अपना समय निवेश कर सकते हैं बजाय इसे सामान्य तरीके से खर्च करने के। खेल आपको कार्यालय के काम और पर्यावरण से एक ब्रेक लेने में मदद करेगा और साथ ही साथ आपको कार्यालय में जो भी कमाता है, उसके अतिरिक्त अतिरिक्त कमाई में भी आपकी मदद कर सकता है।

  • IRCTC SE TICKET BOOKING KAISE KARE?
  • जीबन में पैसा ही सबकुछ मायने नहीं रखता है
  • बेटी बचाओ इससे जुड़े हुए एक सच्चा काहानी जोह आपके दिल को छू ले
  • लडकियों के साथ कैसे दोस्ती करे?
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यदि आपने अभी 10 मिनट या उससे अधिक समय के लिए अपने काम से ब्रेक लिया है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस समय टेबल पर रमी खेलने में निवेश करें। आप उस तालिका को चुन सकते हैं जिसमें आप शामिल होना चाहते हैं और खेल शुरू करने के लिए मांगी गई राशि का निवेश कर सकते हैं। यदि आप खेल में कुशल हैं, तो आप अपने विरोधियों को हराकर इन 10 मिनटों में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। यदि समय वास्तव में आपको 10 मिनट से अधिक खेलने से मना कर रहा है, तो आप गेम को छोड़ सकते हैं और दूसरों को खेलने दें जबकि आप अपनी जीती हुई राशि के साथ काम करने के लिए फिर से शुरू कर सकते हैं।

टूर्नामेंट में भाग लेना:

जल्दी पैसा लगाने के लिए आप टूर्नामेंट में भी भाग ले सकते हैं। इसमें कुछ और समय लगेगा जैसे कि एक-एक घंटा। अलग-अलग टूर्नामेंट में राउंड की अलग-अलग संख्या हो सकती है और प्रत्येक राउंड 25 मिनट या इसके बाद तक हो सकता है। टूर्नामेंट में 3 से 4 राउंड हो सकते हैं और अंतिम राउंड जीतने पर आप वास्तव में बड़ी कमाई कर सकते हैं। यहां ट्रिक तेज और कुशल होना है ताकि आप कम समय में अच्छी कमाई कर सकें।

विशेष टूर्नामेंट से बाहर न हों:

हालांकि टूर्नामेंट और टेबल हैं जो नियमित रूप से साइटों पर हैं, वहाँ भी विशेष टूर्नामेंट और त्योहारों पर विभिन्न विशेष अवसरों पर होने वाले कार्यक्रम हैं। इन विशेष टूर्नामेंटों में विजेताओं के लिए बड़े पुरस्कार और बोनस पुरस्कार होते हैं। इसलिए, यदि आप अपने खेल में पर्याप्त कुशल और विश्वास रखते हैं, तो आप निश्चित रूप से इन विशेष टूर्नामेंटों में भाग ले सकते हैं और वास्तव में बड़े पुरस्कार जीत सकते हैं।

रम्मी खेलना वास्तव में आपको कम समय में बड़ी जीत दिला सकता है यदि आप नियमों से ठीक से परिचित हैं और यदि आप खेल में कुशल हैं। आपको बस नियमित रूप से खेलों का अभ्यास करने की आवश्यकता है ताकि आप सही समय पर सही चाल और चाल का उपयोग कर सकें ताकि आप तालिकाओं और टूर्नामेंटों में दिए गए पुरस्कारों को रम्मी साइटों द्वारा जीत सकें।

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाया टैक्स, तंगी के दौर में होगी 1.6 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई

excise duty on petrol and diesel: सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि पेट्रोल पर 10 रुपए बढ़ाए गए टैक्स में से 8 रुपए रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस में जाएंगे। वहीं, 2 रुपए स्पेशल एक्साइज ड्यूटी के तौर पर वसूले जाएंगे। इसी तरह डीजल पर 13 रुपए टैक्स वृद्धि की गई है।

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाया टैक्स, तंगी के दौर में होगी 1.6 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई

petrol diesel excise duty: सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर बढ़ा दी एक्साइज ड्यूटी

कोरोना वायरस के संकट के चलते राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में इजाफे का रुख किया है। सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। इस फैसले से सरकार को 1.6 लाख करोड़ रुपये की कमाई होगी। हालांकि इसका असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस फैसले से अर्थव्यवस्था में मांग में कमी देखने को मिल सकती है। दरअसल एक बड़े तबके को यह उम्मीद थी कि सरकार कच्चे तेल में बड़ी गिरावट का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई एक्सपर्ट्स का कहना था कि यदि पेट्रोल और डीजल की कीमतें गिरती हैं तो मांग में तेजी देखने को मिलेगी और इससे अर्थव्यवस्था को ग्रोथ मिलेगी।

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले महीने ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 18.10 बैरल अतिरिक्त कमाई प्रति डॉलर के लेवल तक पहुंच गई थी। यही नहीं अमेरिकी कच्चा तेल तो माइनस 40 डॉलर प्रति बैरल के लेवल तक गिर गया था। खाड़ी युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब दुनिया भर में क्रूड ऑयल में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।

सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि पेट्रोल पर 10 रुपए बढ़ाए गए टैक्स में से 8 रुपए रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस में जाएंगे। वहीं, 2 रुपए स्पेशल एक्साइज ड्यूटी के तौर पर वसूले जाएंगे। इसी तरह डीजल पर 13 रुपए टैक्स वृद्धि की गई है। इसमें से 8 रुपए प्रति लीटर रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस और 5 रुपए अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी खाते में जाएंगे।

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इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी पेट्रोल में 1.67 रुपये और डीजल में 7.10 रुपये बढ़ाने का फैसला लिया था। फिलहाल दिल्ली में डीजल की नई कीमत 69.39 रुपये प्रति लीटर है जो पहले 62.29 रुपये प्रति लीटर थी. पेट्रोल का भाव 71.26 रुपये लीटर हो गया है। पिछले ही दिनों इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्य़ू में ब्रूकिंग्स इंडिया के चेयरमैन विक्रम एस. मेहता ने कहा था कि यदि मांग में इजाफा करना है तो फिर सरकार को क्रूड ऑयल में कमी का लाभ जनता तक पहुंचाना चाहिए।

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