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कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन

कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन
अक्‍टूबर महीने में ज्‍यादातमर बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं वाले देशों के शेयर बाजारों में सुधार देखने को मिला है. अक्‍टूबर में भारतीय बाजारों मे मंथली बेसिस पर 5 फीसदी की बढ़त रही. दूसरे बाजारों से तुलना करें तो Russia MICEX (15% MoM), US (+8% MoM), चीन (-4% MoM) ब्राजील (5% MoM), UK (+3% MoM), जापान (6% MoM), दक्षिण कोरिया (6% MoM), इंडोनेशिया (1% MoM) बढ़त या गिरावट के साथ बंद हुए.

बाजार में सालाना 12-13% रिटर्न संभव, रामदेव अग्रवाल और सुनील सिंघानिया से जानें किस सेक्टर में होगी तगड़ी कमाई

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि अगर आपके पास पैसा है तो बाजार में निवेश करें। 15 साल फाइनेंशियल सेक्टर के लिए अच्छे रहे है

दिवाली से अब तक भारतीय बाजार ने दूसरे उभरते बाजारों औऱ ग्लोबल बाजारों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत की इकोनॉमी का आउटलुक मजबूत बना हुआ है। ऐसे में सीएनबीसी -आवाज की दिवाली से दिवाली तक की सीरीज में MOFSL के रामदेव अग्रवाल और Abakkus Asset Manager LLP के सुनील सिंघानिया के समृद्धि के मंत्र समझने की कोशिश करेंगे । हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि बाजार के मौजूदा हालात में भी अगली दिवाली तक कौन से सेक्टर्स में पैसा बन सकता है।

बाजार के आगे के आउटलुक पर सीएनबीसी-आवाज से बातचीत में रामदेव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय बाजार आउटपरफॉर्म कर रहे हैं। बुल मार्केट में FIIs ने काफी बिकवाली की है लेकिन मौजूदा बाजार में FIIs बिकवाली करने से डर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाजार की चाल का अंदाजा लगाना मुश्किल है। बाजार का वैल्युएशन अच्छा है। हालांकि अर्निंग ग्रोथ का अनुमान थोड़ा घटाया गया है।

रुपये में गिरावट से स्टार्टअप्स की फंडिंग और वैल्युएशन पर लग रहा ग्रहण, क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

रुपये में गिरावट से स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग की राह हो रही मुश्किल.

रुपये में गिरावट से स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग की राह हो रही मुश्किल.

रुपये में गिरावट से न केवल महंगाई बढ़ रही है बल्कि स्टार्टअप्स के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है. अब स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग जुटाना या वैल्युएशन बढ़ाकर यूनिकॉर्न बनना और मुश्किल होता जा रहा है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 13, 2022, 13:30 IST
रुपये में गिरावट से स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग जुटाना हो कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन रहा मुश्किल.
रुपये के अलावा वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां भी बन रही फंडिंग में रुकावट का कारण.
इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 7 फीसदी टूट गया है.

नई दिल्ली. रुपया इस वर्ष में अब तक लगभग 7 फीसदी गिरकर डॉलर के मुकाबले 79.74 तक पहुंच गया है. इसकी वजह से आयात महंगा हुआ है और मुद्रास्फीति बढ़ी है. रुपये में गिरावट केवल महंगाई नहीं बढ़ा रही बल्कि स्टार्टअप्स को भी प्रभावित कर रही है. इससे स्टार्टअप्स का मूल्यांकन और उनकी फंडिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में गिरावट के साथ-साथ अन्य आर्थिक कारकों ने भी स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग पर नकारात्मक असर डाला है.

बाजार रोज बना रहा है रिकॉर्ड; मुनाफे की तैयारी कर लें म्यूचुअल फंड निवेशक, बनाएं सटीक स्ट्रैटेजी

शेयर बाजार जब रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है और बहुत से शेयरों में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. ऐसे में क्या म्यूचुअल फंड निवेशकों को दूसरे एसेट क्लास से पैसे निकालकर इक्विटी में लगाना चाहिए.

बाजार की रिकॉर्ड तेजी में म्यूचुअल फंड निवेशकों को मुनाफे कमाने के लिए सही स्ट्रैटेजी बनाकर निवेश करना जरूरी है. (image: pixabay)

Mutual Fund Strategy: शेयर बाजार लगातार रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा है और बाजार की इस तेजी में कई स्टॉक ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इस साल अबतक सेंसेक्स ने जहां 16.5 फीसदी रिटर्न दिया है, वहीं निफ्टी में 18.5 फीसदी तेजी आई है. हालांकि इस तेजी में इक्विटी का वैल्युएशन भी बहुत ज्यादा हो चुका है. अब सवाल उठता है कि म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगाने वाले निवेशकों को आगे भी मोटा मुनाफा कमाने के लिए क्या करना चाहिए. क्या उन्हें डेट या दूसरे एसेट क्लास से पैसे इक्विटी में ट्रांसफर करने चाहिए. या ज्यादा लालच की बजाए एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी पर चलना चाहिए. SIP निवेशकों को टॉप अप करना चाहिए या गिरावट पर निवेश बढ़ाना चाहिए.

क्या पूरा पैसा इक्विटी में ट्रांसफर करें

BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार का वैल्युएशन हाई है. यहां अगर कोई भी निगेटिव सेंटीमेंट आता है तो बाजार में एक करेक्शन देखने को मिल सकता है. हालांकि अभी बाजार को लेकर बहुत ज्यादा चिंता नहीं दिख रही है, फिर भी निवेशकों को ज्यादा लालच में नहीं आना चाहिए. अगर पहले से एसेट अलोकेश स्ट्रैटेजीर पर चल रहे हैं तो उस पर फिलहाल बने रहें. ऐसा नहीं होना चाहिए कि डेट या एसेट क्लास में किसी गोल के तहत निवेश किया है तो उसमें से पैसे निकालकर इक्विटी में लगाएं. बाद में अगर बाजार कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन करेक्शन के बाद सही वैल्युएशन पर आता है तो डेट या देसरे एसेट से धीरे धीरे इक्विटी में ट्रांसफर करें.

अगर आप ए म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स हैं तो एसेट अलोकेशन फंड में पैसे डाल सकते हैं. यहां आपका पैसा इक्विटी औ डेट के अलावा गोल्ड व दूसरे एसेट में भी निवेश होता है. इससे बाजार को जोखिम कम होगा. इक्विटी में करेक्शन आता भी है तो दूसरे एसेट क्लास में यह नुकसान कवर हो सकता है.

इमरजेंसी फंड को ना टच करें

अगर आप म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स हैं और शॉर्ट टर्म मेच्योरिटी वाली स्कीम में आपने इमरजेंसी फंड तैयार करने के लिए निवेश किया है, तो वह पैसा बिल्कुल ना टच करें. इमरजेंसी फंड को बने रहने दें और कीम के मेच्योर होने का इंतजार करें. अगर स्कीम मेच्योर हो चुकी है तो वापस आप उस फंड को इमरजेंसी फंड के रूप में इन्वेस्ट कर दें.

निगम का कहना है कि SIP में निवेश जारी रखें. लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर ही चलें. वहीं अगर बाजार में कमजोरी आती है तो SIP को टॉप अप कराएं. इससे गिरावट के बाद बाजार में तेजी आने का आपको पूरा फायदा मिलेगा.

कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि बाजार का वैल्‍युएशन कंफर्टेबल है. निफ्टी के लिए 12 मंथ फारवर्ड P/E अभी 18.8के मल्‍टीपल पर है. जबकि 12 मंथ ट्रेलिंग P/E अभी 21.8 के मल्‍टीपल पर है जो LPA से 9 फीसदी ज्‍यादा है. मार्केट कैपिटलाइजेशन टु GDP रेश्‍यो FY22 के हाई से गिरा है, लेकिन 100 फीसदी लेवल के पार बना हुआ है.

2QFY23 में कॉरपोरेट अर्निंग नुमान के मुताबिक रहे हैं. हैवीवेट शेयरों में RIL, HDFC Bank, TCS, ICICI Bank और Infosys के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं. ब्रोकरेज द्वारा कवर किए जाने वाले कंपनियों में 70 फीसदी की अर्निंग या तो उम्‍मीद के मुताबिक या बेहतर रही है. BFSI और ऑटो में अच्‍छी ग्रोथ देखने को मिल रही है. कमोडिटी की कीमतों में नरमी का फायदा कंपनियों की अर्निंग पर दिखा है. निफ्टी अभी 22x FY23E पर ट्रेड कर रहा है. यह कंफर्ट रूप से LPA के पार है और नियर टर्म में इसमें लिमिटेड तेजी की गुंजाइश है. ब्रोकरेज हाउस ने BFSI, ऑटो, कंज्‍यूमर और IT पर ओवरवेट रेटिंग दी है. जबकि एनर्जी, फार्मा और यूटिलिटीज पर अंडरवेट की.

टॉप लार्जकैप स्‍टॉक

रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL), Infosys, ICICI Bank, SBI, भारती एयरटेल (Bharti Airtel), ITC, Maruti Suzuki, Titan Company, अल्‍ट्राटेक साीमेंट, IndusInd Bank, Hindalco, अपोलो हॉस्पिटल्‍स, मैक्रोटेक डेवलपर्स

वरुण बेवरेजेज, Ashok Leyland, जुबिलेंट फूडवर्क्‍स, Metro Brands, विनाती ऑर्गेनिक्‍स, Cams Services, Angel One, लेमन ट्री होटल, VRL लॉजिस्टिक्‍स

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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FIIs रहे नेट बॉयर्स

रिपोर्ट के अनुसार अक्‍टूबर में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन ग्‍लोबल पियर्स की तुलना में बेहतर रहा है. FIIs की बात करें तो उन्‍होंने बाजार कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन से 100 करोड़ डॉलर निवेश किए हैं. जबकि सितंबर में 160 करोड़ डॉलर निकाले थे. अक्‍टूबर में DIIs नेट बॉयर्स रहे. वहीं इस साल DIIs ने 3000 करोड़ डॉलर का निवेश किया.

अक्‍टूबर में भारत की बात करें तो PSU Banks इंडेक्‍स में 16 फीसदी तेजी रही, Capital Goods इंडेक्‍स में 7 फीसदी तेजी रही. टेक्‍नोलॉजी इंडेक्‍स में 6 फीसदी तेजी रही तो प्राइवेट बैंक इंडेक्‍स में 6 फीसदी तेजी रही है. जबकि कंज्‍यूमर और मीडिया इंडेक्‍स में कमजोरी रही.

कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि बाजार का वैल्‍युएशन कंफर्टेबल है. निफ्टी के लिए 12 मंथ फारवर्ड P/E अभी 18.8के मल्‍टीपल पर है. जबकि 12 मंथ ट्रेलिंग P/E अभी 21.8 के मल्‍टीपल पर है जो LPA से 9 फीसदी ज्‍यादा है. मार्केट कैपिटलाइजेशन टु GDP रेश्‍यो FY22 के हाई से गिरा है, लेकिन 100 फीसदी लेवल के पार बना हुआ है.

2QFY23 में कॉरपोरेट अर्निंग नुमान के मुताबिक रहे हैं. हैवीवेट शेयरों में RIL, HDFC Bank, TCS, ICICI Bank और Infosys के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं. ब्रोकरेज द्वारा कवर किए जाने वाले कंपनियों में 70 फीसदी की अर्निंग या तो उम्‍मीद के मुताबिक या बेहतर रही है. BFSI और ऑटो में अच्‍छी ग्रोथ देखने को मिल रही है. कमोडिटी की कीमतों में नरमी का फायदा कंपनियों की अर्निंग पर दिखा है. निफ्टी अभी 22x FY23E पर ट्रेड कर रहा है. यह कंफर्ट रूप से LPA के पार कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन है और नियर टर्म में इसमें लिमिटेड तेजी की गुंजाइश है. ब्रोकरेज हाउस ने BFSI, ऑटो, कंज्‍यूमर और IT पर ओवरवेट रेटिंग दी है. जबकि एनर्जी, फार्मा और यूटिलिटीज पर अंडरवेट की.

टॉप लार्जकैप स्‍टॉक

रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL), Infosys, ICICI Bank, SBI, भारती एयरटेल (Bharti Airtel), ITC, Maruti Suzuki, Titan Company, अल्‍ट्राटेक साीमेंट, IndusInd Bank, Hindalco, अपोलो हॉस्पिटल्‍स, मैक्रोटेक डेवलपर्स

वरुण बेवरेजेज, Ashok Leyland, जुबिलेंट फूडवर्क्‍स, Metro Brands, विनाती ऑर्गेनिक्‍स, Cams Services, Angel One, लेमन ट्री होटल, VRL लॉजिस्टिक्‍स

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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