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हिन्दुस्तान 4 दिन पहले भाषा

श्रद्धा हत्याकांड: शव के टुकड़े करने में आरी-दांत वाले चाकू का इस्तेमाल? फॉरेंसिक विशेषज्ञों की क्या है राय

श्रद्धा हत्याकांड: फॉरेंसिक विशेषज्ञों और वकीलों को संदेह है कि आफताब आमीन पूनावाला ने अपराध को अंजाम देने के लिए बड़े आरी-दांत वाले चाकू का इस्तेमाल किया था। ये फॉरेंसिक विशेषज्ञ और वकील कई ऐसे मामलों को देख चुके हैं, जिनमें अपराध को अंजाम देने के बाद शव के कई टुकड़े कर दिए गए। पूनावाला (28) पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस अभी तक हथियार बरामद नहीं कर पाई है। हालांकि सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ खबरों में अपराध में एक बड़े चाकू या आरी के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है।

पुलिस ने मामले में पूनावाला को गिरफ्तार किया है और ऐसा कहा जा रहा है कि उसने अपराध स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उसके वकील ने इस दावे को खारिज किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सामने आए ऐसे मामलों में इस्तेमाल किए गए हथियार या तो बिजली के कटर या 18 से 20 इंच के आरी-दांत वाले चाकू थे। आपराधिक मामलों के वकील आर. वी. किनी ने 2008 में फिल्म निर्माता नीरज ग्रोवर हत्याकांड में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था।

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शव के 30 से अधिक टुकड़े किये थे

उन्होंने मामले के दोषियों मारिया मोनिका सुसैराज और एमिल जेरोम जोसेफ का जिक्र करते हुए कहा कि नीरज के शव के 30 से अधिक टुकड़े किए गए थे। इन टुकड़ों को एक बैग में डालकर उसे मुंबई के बाहरी इलाके में जलाने की कोशिश की गई। किनी ने कहा, 'उन्होंने दो हथियारों का इस्तेमाल किया था। एक तेज धार वाले चाकू और आरी जैसे दांतों वाले चाकू का. जो हैंडल समेत करीब 18 इंच लंबा था। शव को इतने हिस्सों में काटा गया था कि उसके कुल कितने टुकड़े किए गए यह बताना आसान नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वे 30 से अधिक थे।' किनी ग्रो ऍप क्या है ने कहा, 'मुझे लगता है कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड में भी इसी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया।'

पत्नी के 70 से अधिक टुकड़े किये थे

ऐसा ही एक अन्य मामला साल 2010 का है, जिसमें देहरादून में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और कथित तौर पर लोहे के कटर, लकड़ी काटने के उपकरण और पत्थर काटने के उपकरण से उसके शव के 70 से अधिक टुकड़े किए थे। पुलिस को लोहे के कटर का इस्तेमाल करने के निर्देश संबंधी एक पुस्तिका भी बरामद हुई थी। उत्तराखंड सरकार के उप महाधिवक्ता जे.एस. विर्क ने बताया कि गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या के बाद उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके शव के कई टुकड़े किए और इसके लिए कई हथियारों का इस्तेमाल किया। विर्क ने कहा, 'खबरों के अनुसार शव के 70 से अधिक टुकड़े किए गए, लेकिन ये गलत है। मुझे कुल मिलाकर इतना याद है कि उसने शव के कई टुकड़े किए करीब 30 या 40 और उसे एक 'डीप फ्रीजर' में रख दिया।'

गुलाटी और आफताब मामले में क्या है समानता..

उन्होंने कहा, '' गुलाटी और आफताब ने जिस तरह अपराध को अंजाम दिया उसमें काफी समानता है। दोनों ने शव के कटे हुए टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक कर ठिकाने लगाने की कोशिश की।'' सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ फ़ॉरेंसिक विशेषज्ञ ने नाम उजागर न करने की शर्त पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्होंने कई ऐसे मामलों में शवों के टुकड़ों का पोस्टमार्टम किया है। मानव शरीर की शारीरिक रचना को देखते हुए जोड़ों से एक शरीर को आसानी से 12 से 13 टुकड़ों में काटा जा सकता है। उन्होंने कहा, ' शव के 13 से अधिक टुकड़े करने के लिए किसी को भी बिजली से चलने वाली आरी या कटर की जरूरत होगी। ऐसे हथियारों से शव को कुछ मिनट में ही कई टुकड़ों में काटा जा सकता है।'

आरी त्वचा पर आसानी से नहीं चलती

उन्होंने कहा, 'बिजली के कटर काफी आवाज करते हैं इसलिए अपराधी अक्सर हाथ से चलने वाली आरी का इस्तेमाल करते हैं जिसमें काफी समय लगता है। ऐसे कई मामले भी हैं जहां पहले धारदार चाकू से त्वचा को हटाया जाता है और फिर हड्डियों को आरी-दांत वाले चाकू से काटा जाता है।' उन्होंने बताया कि आरी त्वचा पर आसानी से नहीं चल सकती लेकिन एक बार त्वचा निकल जाने के बाद हड्डी को काटना आसान हो जाता है।

गौरतलब है कि पूनावाला और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग एप के जरिए हुई थी। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए। अलग-अलग धर्म से नाता रखने के कारण उनके माता-पिता को उनके रिश्ते से ऐतराज़ था इसीलिए ही वे दिल्ली आ गए थे। दोनों के बीच कथित तौर पर 18 मई को शादी को लेकर बहस हुई, जिसके बढ़ने पर पूनावाला ने श्रद्धा की हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए। पूनावाला ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर पर करीब तीन सप्ताह तक इन टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा। वह कई दिन तक आधी रात को उन्हें शहर भर में फेंकने के लिए जाता था।

Groww App क्या है – Groww App Hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम इस लेख में आपको बताएंगे की Groww ऐप क्या है? Groww ऐप में अकाउंट कैसे बनाएं? आप भी ग्रो ऐप से पैसे कमाना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें. यदि आपको शेयर मार्केट में इंटरेस्ट है. तो आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके पैसा कमा सकते हैं.

आज वर्तमान में कई ऐप आ चुकी हैं. जहां पर आप फ्री में Demat अकाउंट खोल सकते हैं. उसमें से groww ऐप एक है. आप आज से ही groww ऐप में अकाउंट बनाकर पैसे कमा सकते हैं. ग्रो ऐप को 2016 ग्रो ऍप क्या है में लांच किया गया था. प्ले स्टोर पर इस ऐप को एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपने फोन में डाउनलोड किया है. और इसकी रेटिंग 4.4 है

Groww ऐप क्या है?

ग्रो ऐप सबसे अच्छी ट्रेडिंग ऐप है. आप इस ऐप के माध्यम से आप शेयर मार्केट, डिजिटल गोल्ड और म्यूचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं. और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

Groww ऐप की शुरुआत किसने की है?

Groww ऐप की शुरुआत वर्ष 2016 में ललित केशरे, नीरज सिंह, हर्ष जैन, और ईशान बंसल ने की थी।

Groww ऐप का हेडक्वार्टर कहां स्थित है?

Groww ऐप का हेडक्वार्टर बेंगलुरु में स्थित है।

क्या Groww ऐप सेफ है?

जी हां, Groww ऐप बिल्कुल सेफ है। इस ऐप के प्ले स्टोर पर एक करोड़ से ज्यादा डाउनलोडर है। तथा इस ऐप रेटिंग 4 . 4 है।

Groww ऐप को डाउनलोड कैसे करें?

  • सबसे पहले प्ले स्टोर पर जाएं
  • Groww ऐप सर्च करें और डाउनलोड करें
  • डाउनलोड करने के बाद इसे अपने फोन में इंस्टॉल करें

Groww ऐप में अकाउंट कैसे बनाएं?

  • सबसे पहले आपको अपने पास आधार कार्ड, PAN और बैंक अकाउंट दस्तावेज रखने हैं.
  • Groww ऐप को ओपन करना है continue with google पर क्लिक करना है जीमेल से साइन अप करना है.
  • अब आपको Groww ऐप मे पिन डालना है और मोबाइल नंबर डालना है Otp को वेरीफाई करना है.
  • इतना कुछ करने के बाद आपको ग्रुप में कुछ बेसिक डिटेल भरनी है जैसे – व्यवसाय, आय, पैरंट का नाम, म्यूचुअल फंड नॉमिनी और बैंक खाता विवरण.

Groww ऐप में पैसे add कैसे करें?

  • सबसे पहले Groww ऐप ओपन करें और अपनी प्रोफाइल में जाएं, ऐड मनी पर क्लिक करें.
  • उसके बाद आपको जितना पैसा ऐड करना चाहते हैं उतना डालना है और ऐड मनी पर क्लिक करना है.
  • इसके बाद आपके साथ में पैसे ऐड करने के लिए बहुत सारे विकल्प आ जाते हैं उनमें से एक विकल्प को चुनकर आप Groww ऐप में पैसे ऐड कर सकते हैं.

Groww ऐप से पैसा कैसे कमाए?

आपको Groww ऐप में पैसे कमाने के लिए तो विकल्प मिलते हैं पहला ट्रेडिंग करके और दूसरा विकल्प रेफर एंड अर्न है.

ट्रेडिंग करके

Groww ऐप में आप अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं. जब आपको लगता है कि इस स्टॉक को खरीदने से में फायदा है तो उसको को खरीद लीजिए या बेच दीजिए.

Groww ऐप से आप रेफर करके भी पैसा कमा सकते हैं. यदि आप किसी दोस्त को अपने रेफरल लिंक से इस ऐप में ज्वाइन कराते हैं तब आपको ₹100 मिलते हैं.

Groww ऐप से पैसे कैसे निकालें?

  • सबसे पहले Groww ऐप में प्रोफाइल पर क्लिक करना है उसके बाद बैलेंस पर क्लिक करना है.
  • उसके बाद Withdraw के ऑप्शन पर क्लिक करना है और अमाउंट डालना है फिर Withdraw पर क्लिक करना है.
  • अब आपको अपना ग्रो ऐप पिन या फिंगरप्रिंट लगाना है, इसके बाद आपके पैसे आपके अकाउंट में आ जाएंगे.

Groww ऐप कस्टमर केयर नंबर

ग्रो ऐप का कस्टमर केयर नंबर +91-91088006604 है. आप सोमवार से लेकर शनिवार तक सुबह 9 से शाम 6 बजे बात कर सकते है.

ग्रो ऐप से संबंधित FAQ

Groww App क्या है?

ग्रो ऐप ट्रेडिंग ऐप है. आप शेयर मार्केट, डिजिटल गोल्ड और म्यूचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं.

Groww App कितना सुरक्षित है?

ग्रो ऐप 100℅ प्रतिशत सुरक्षित ऐप है. इसमें आप पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं

हम आशा करते हैं कि आपको ग्रो के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी होगी, आज हमने जाना है कि Groww ऐप में अकाउंट कैसे बनाएं? Groww App क्या है? यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो इस जानकारी को आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. धन्यवाद

Resume Writing Tips: रिज्यूमे बनाते समय इन 6 बातों का रखें ध्यान, जॉब मिलना हो जाएगा आसान

Resume Tips आपने अपने फ्यूचर को लेकर जिस जॉब से जुड़ने का लक्ष्य बना रखा है उसके अनुसार अपना रेज्यूमे तैयार करना इंटरव्यू के लिए सिलेक्ट होने में बेहद इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है। तो रेज्यूमे बनाते समय किन बातों का ध्यान रखें जान लें यहां।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Resume Tips: अगर आप चाहते हैं कि आपके रेज्यूमे पर आपके एंप्लॉयर की नजर सबसे पहले पड़े। तो अपने रेज्यूमे को उसी आधार पर इंप्रेसिव बनाना होगा। इस बात में कोई दो राय नहीं कि आज के ट्रेंडी सीवी फॉर्मेट और 90 के दशक के सीवी फॉर्मेट में बहुत अंतर है। उस समय के रेज्यूमे में कैंडीटेट से जुड़ी लगभग सभी जानकारियां होती थीं। वहीं अब रेज्यूमे फॉर्मेंट में कैंडीटेट को रिलेटेड जॉब से जुड़ी अपनी इंफॉर्मेशन को क्रिस्पी अंदाज में प्रायोरिटी पर रखना होगा।

अपनी इच्छाओं को खत्म कर हम अपनी उर्वरता को बढ़ा सकते हैं, ताकि हम अंतस में आध्यात्मिक जागृति पा सकें।

1. कॉन्टैक्ट डिटेल्स

फोटो के बाद इस सेक्शन पर ध्यान देंगे तो आपका रेज्यूमे इंफॉर्मेंशंस के आधार पर प्रॉपर लेयर में नजर आएगा। इसमें आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स और कॉन्टेक्ट डिटेल्स लिखनी होगी। इस सीक्वेंस में सबसे पहले आपका नाम बड़े अक्षरों में, उसके बाद एक शॉर्ट डिस्क्रिप्शन में होना चाहिए। पर ध्यान रखें कि ये डिस्क्रिप्शन शार्ट में ही हो। इसे ज्यादा लंबा खींचने की कोई जरूरत नहीं है। कॉन्टेक्ट डिटेल्स में आपका एड्रेस, ई-मेल आईडी, फोन नंबर और अगर कोई वेबसाइट हो, तो उसे भी मेंशन कर सकते हैं।

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2. वर्क एक्सपीरियंस

वर्कप्लेस पर आपका रिक्यूटर आपके रिज्यूमे में सबसे पहले अपने काम को देखना चाहता है, वह आपके पर्सनल डिटेल्स के बाद अगर अगली कोई चीज़ रेज्यूमे में देखना चाहेगा, तो वो होगा वर्क एक्सपीरियंस। तो आपने जहां-जहां काम किया है उसे रेज्यूमे में लिखें। वर्क एक्सपीरियंस में सबसे पहले कंपनी का नाम, उसके बाद आपकी डेजिग्नेशन फिर आपने कितने टाइम तक वहां काम किया था उसे भी लिखें।

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3. प्रोजेक्ट्स

यह सेक्शन फ्रेशर और एक्सपीरियंस्ड दोनों तरह के कैंडीडेट्स के लिए होता है। इस कॉलम में आपको उन प्रजेक्ट्स के बारे में लिखना होता है, जिस पर आपने काम किया है। इसके अलावा उन प्रोजेक्ट्स को सबसे ऊपर और हाईलाइट करके मेंशन करें जिसके लिए आपको कोई अवॉर्ड दिया गया हो।

4. एजुकेशन

रेज्यूमे में आपको अपनी एजुकेशन के बारे में भी लिखना है। जिसमें इंटरमीडिएट पास, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट के अलावा डिप्लोमा, पीएचडी, कोई स्पेशल ट्रेनिंग या कोर्सेस के बारे में भी मेंशन कर सकते हैं। ध्यान रहे इस सेक्शन में एजुकेशन के साथ उसे पासआउट करने वाले ऑर्गेनाइजेशंस का नाम भी मेंशन कर सकते हैं। नंबर या पर्सेंटेज अगर अच्छे आए हों, तो ही उन्हें मेंशन करें।

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5. स्किल्स

इस बात को समझ लीजिए कि आपके रेज्यूमे का यह सेक्शन सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है क्योंकि यह सीधे जॉब डिस्क्रिप्शन से रिलेटेड है। जिस जॉब के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं आप उसके लिए रेज्यूमे बना रहे है इसलिए उस जॉब की जो भी डिमांड है। अगर आपमें वो स्किल्स है, तो उन स्किल्स को भी अपने रेज्यूमे में जरूर मेंशन करें।

6. ऑब्जेक्टिव

रेज्यूमे के इस सेक्शन में आपको अपनी कंपनी के लिए एक ऑब्जेक्टिव लिखना है। ऑब्जेक्टिव का मतलब यह होता है कि आप कंपनी के लिए ऐसा क्या करेंगे कि उससे कंपनी को फायदा होगा या फिर कंपनी ग्रो करेगी। कुल मिलाकर शॉर्ट में ही सही पर इस कॉलम में आपको ये मेंशन करना होगा कि आप कंपनी के लिए कैसे फ्रूटफुल साबित होंगे।

श्रद्धा हत्याकांड: शव के टुकड़े करने में आरी-दांत वाले चाकू का इस्तेमाल? फॉरेंसिक विशेषज्ञों की क्या है राय

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श्रद्धा हत्याकांड: फॉरेंसिक विशेषज्ञों और वकीलों को संदेह है कि आफताब आमीन पूनावाला ने अपराध को अंजाम देने के लिए बड़े आरी-दांत वाले चाकू का इस्तेमाल किया था। ये फॉरेंसिक विशेषज्ञ और वकील कई ऐसे मामलों को देख चुके हैं, जिनमें अपराध को अंजाम देने के बाद शव के कई टुकड़े कर दिए गए। पूनावाला (28) पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस अभी तक हथियार बरामद नहीं कर पाई है। हालांकि सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ खबरों में अपराध में एक बड़े चाकू या आरी के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है।

पुलिस ने मामले में पूनावाला को गिरफ्तार किया है और ऐसा कहा जा रहा है कि उसने अपराध स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उसके वकील ने इस दावे को खारिज किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सामने आए ऐसे मामलों में इस्तेमाल किए गए हथियार या तो बिजली के कटर या 18 से 20 इंच के आरी-दांत वाले चाकू थे। आपराधिक मामलों के वकील आर. वी. किनी ने 2008 में फिल्म निर्माता नीरज ग्रोवर हत्याकांड में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था।

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शव के 30 से अधिक टुकड़े किये थे

उन्होंने मामले के दोषियों मारिया मोनिका सुसैराज और एमिल जेरोम जोसेफ का जिक्र करते हुए कहा कि नीरज के शव के 30 से अधिक टुकड़े किए गए थे। इन टुकड़ों को एक बैग में डालकर उसे मुंबई के बाहरी इलाके में जलाने की कोशिश की गई। किनी ने कहा, 'उन्होंने दो हथियारों का इस्तेमाल किया था। एक तेज धार वाले चाकू और आरी जैसे दांतों वाले चाकू का. जो हैंडल समेत करीब 18 इंच लंबा था। शव को इतने हिस्सों में काटा गया था कि उसके कुल कितने टुकड़े किए गए यह बताना आसान नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वे 30 से अधिक थे।' किनी ने कहा, 'मुझे लगता है कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड में भी इसी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया।'

पत्नी के 70 से अधिक टुकड़े किये थे

ऐसा ही एक अन्य मामला साल 2010 का है, जिसमें देहरादून में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और कथित तौर पर लोहे के कटर, लकड़ी काटने के उपकरण और पत्थर काटने के उपकरण से उसके शव के 70 से अधिक टुकड़े किए थे। पुलिस को ग्रो ऍप क्या है लोहे के कटर का इस्तेमाल करने के निर्देश संबंधी एक पुस्तिका भी बरामद हुई थी। उत्तराखंड सरकार के उप महाधिवक्ता जे.एस. विर्क ने बताया कि गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या के बाद उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके शव के कई टुकड़े किए और इसके लिए कई हथियारों का इस्तेमाल किया। विर्क ने कहा, 'खबरों के अनुसार शव के 70 से अधिक टुकड़े किए गए, लेकिन ये गलत है। मुझे कुल मिलाकर इतना याद है कि उसने शव के कई टुकड़े किए करीब 30 या 40 और उसे एक 'डीप फ्रीजर' में रख दिया।'

गुलाटी और आफताब मामले में क्या है समानता..

उन्होंने कहा, '' गुलाटी और आफताब ने जिस तरह अपराध को अंजाम दिया उसमें काफी समानता है। दोनों ने शव के कटे हुए टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक कर ठिकाने लगाने की कोशिश की।'' सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ फ़ॉरेंसिक विशेषज्ञ ने नाम उजागर न करने की शर्त पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्होंने कई ऐसे मामलों में शवों के टुकड़ों का पोस्टमार्टम किया है। मानव शरीर की शारीरिक रचना को देखते हुए जोड़ों से एक शरीर को आसानी से 12 से 13 टुकड़ों में काटा जा सकता है। उन्होंने कहा, ' शव के 13 से अधिक टुकड़े करने के लिए किसी को भी बिजली से चलने वाली आरी या कटर की जरूरत होगी। ऐसे हथियारों से शव को कुछ मिनट में ही कई टुकड़ों में काटा जा सकता है।'

आरी त्वचा पर आसानी से नहीं चलती

उन्होंने कहा, 'बिजली के कटर काफी आवाज करते हैं इसलिए अपराधी अक्सर हाथ से चलने वाली आरी का इस्तेमाल करते हैं जिसमें काफी समय लगता है। ऐसे कई मामले भी हैं जहां पहले धारदार चाकू से त्वचा को हटाया जाता है और फिर हड्डियों को आरी-दांत वाले चाकू से काटा जाता है।' उन्होंने बताया कि आरी त्वचा पर आसानी से नहीं चल सकती लेकिन एक बार त्वचा निकल जाने के बाद हड्डी को काटना आसान हो जाता है।

गौरतलब है कि पूनावाला और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग एप के जरिए हुई थी। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए। अलग-अलग धर्म से नाता रखने के कारण उनके माता-पिता को उनके रिश्ते से ऐतराज़ था इसीलिए ही वे दिल्ली आ गए थे। दोनों के बीच कथित तौर पर 18 मई को शादी को लेकर बहस हुई, जिसके बढ़ने पर पूनावाला ने श्रद्धा की हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए। पूनावाला ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने ग्रो ऍप क्या है घर पर करीब तीन सप्ताह तक इन टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा। वह कई दिन तक आधी रात को उन्हें शहर भर में फेंकने के लिए जाता था।

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