क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि Digital Rupee पहली वर्चुअल करेंसी होगी, जिसे RBI की ओर से जारी किया जाएगा और Central Bank Digital Currency (CBDC) इसे रेगुलेट करेगी. आइए जानते हैं, कि आखिर Digital Rupee कैसे काम करेगी, और यह बाकी प्राइवेट डिजिटल करेंसी से कैसे अलग होगी?
क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी
Kraken एक यूएस-स्थित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है जहां यूजर्स अपेक्षाकृत कम कमीशन में विभिन्न ऐसेट्स को खरीद, बेच और ट्रेड कर सकते हैं। ग्राहक कॉइन स्टेकिंग के माध्यम से भी रिवॉर्ड हासिल कर सकते हैं। एक्सचेंज में एक अग्रणी स्तर का यूरो वॉल्यूम व लिक्विडिटी है और यह यूजर्स को 100 से अधिक क्रिप्टो ऐसेट तथा 7 फिएट मुद्राओं के ट्रेड की सुविधा देता है, जिसमें USD, CAD, EUR, GBP, JPY, CHF और AUD शामिल हैं, क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी ट्रेडिंग को वेब प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप पर चलते-फिरते भी किया जा सकता है।
2011 में स्थापित, यह क्रिप्टो एक्सचेंज स्पॉट ट्रेडिंग, डेरिवेटिव और इंडेक्स उत्पादों की पेशकश करने वाले पहले कुछ क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक था। आज, कंपनी कई सारों उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करती है, जिनमें स्पॉट ट्रेडिंग, मार्जिन ट्रेडिंग, फ्यूचर्स, इंडेक्स, स्टेकिंग, OTC और आगामी नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) मार्केटप्लेस शामिल हैं, लेकिन इन तक ही सीमित नहीं हैं। यह एक्सचेंज 8 मिलियन से अधिक ट्रेडर्स और संस्थागत ग्राहकों को सेवा देता है, और डिजिटल मुद्रा समूह, Blockchain Capital, Tribe Capital, Hummingbird Ventures और कई अन्य द्वारा समर्थित है।
Kraken के संस्थापक कौन हैं?
इस केंद्रीकृत एक्सचेंज का स्वामित्व Payward Inc. के पास है, जिसकी स्थापना इसके CEO, क्रिप्टो अग्रणी जेसी पॉवेल ने की थी।
पॉवेल 2001 से ही डिजिटल मुद्राओं के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बीए आर्ट्स की पढ़ाई की है जिसमें उनका विषय दर्शनशास्त्र था, उन्होंने Verge Gallery तथा Studio Project की स्थापना की, Internet Ventures & Holdings कंपनी बनाई।
Kraken को कब लॉन्च किया गया था?
Kraken की स्थापना 2011 में हुई और सितंबर 2013 में लॉन्च किया गया, जिसके द्वारा शुरू में Bitcoin, Litecoin और यूरो-डिनोमिनेटेड ट्रेड की पेशकश की गई।
यह कंपनी सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में स्थित है।
Kraken प्रतिबंधित देश
Kraken न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में रहने वालों को छोड़कर बाकी सभी अमेरिकी निवासियों के लिए उपलब्ध है। हालांकि, Kraken Futures सभी अमेरिकी निवासियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। वर्तमान में, यह प्लेटफॉर्म लगभग 200 देशों में लाखों ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है।
कंपनी की ओर से निम्नलिखित देशों के लिए कई प्रतिबंध हैं: अफगानिस्तान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो-ब्रेज़ाविले, इरिट्रिया, कांगो-किंशासा, गिनी-बिसाऊ, क्यूबा, लेबनान, ईरान, माली, इराक, नामीबिया, लीबिया, सोमालिया, नॉर्थ कोरिया, साउथ सूडान, सीरिया, सूडान, ताजिकिस्तान और यमन।
Decentraland (MANA) वास्तव में क्या है?
यदि आपने कभी दूसरा जीवन खेला है या क्रिप्टोकरेंसी का ट्रेड किया है, तो Decentraland आपकी रुचि का हो सकता है क्योंकि यह दोनों अवधारणाओं का संयोजन है। 2016 में अपनी स्थापना के बाद से यह प्लेटफॉर्म साधारण 2D प्रयोग से एक विशाल 3D ब्रह्मांड में विकसित हुआ है।
Decentraland (MANA) एक ईथेरियम-आधारित वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म है जो उपयोगकर्ताओं को सामग्री और ऐप्स का उत्पादन, आनंद और मुद्रीकरण करने की सुविधा देता है। इस वर्चुअल दुनिया में उपयोगकर्ता जमीन के भूखंड खरीदते हैं जहां वे घूम सकते हैं, कुछ निर्माण कर सकते हैं और मुद्रीकृत कर सकते हैं।
Decentraland के निर्माता एस्टाबैन ऑर्डानो और अरी मीलिच ने डिजिटल रियल एस्टेट प्लॉट, ऑब्जेक्ट और अन्य अनुकूलन योग्य संपत्तियों के साथ एक वर्चुअल क्षेत्र बनाया है। ये सभी MANA, Decentraland के ERC-20 टोकन के साथ खरीदने के लिए उपलब्ध हैं।
भारत में MANA कैसे खरीदें?
अपने WAZIRX खाते में लॉग इन करें और MANA खरीदने के लिए “एक्सचेंज” विकल्प से INR चुनें। यह भारतीय रुपए में सभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक स्पॉट मार्केट है। स्क्रीन के दाईं ओर, आप मूल्य चार्ट, ऑर्डर बुक डेटा और ऑर्डर इनपुट फॉर्म देखेंगे।
खरीद आदेश फॉर्म भरें और ” MANA खरीदें” पर क्लिक करें। आर्डर को पूरा होने में कुछ समय लगेगा। जैसे ही ऑर्डर का आदान-प्रदान होता है, आपको MANA क्वाइंस प्राप्त होंगे।
#1 WazirX पर साइन अप करें
#2 अकाउंट बनाने के लिए विवरण भरें
अपनी वर्तमान उपयोगकर्ता मेल आईडी भरकर प्रारंभ करें, ताकि आप सत्यापन के किसी भी चरण से न चूकें।
अल्फा-न्यूमेरिक वर्णों के साथ एक सुरक्षित पासवर्ड बनाएं।
#3 ईमेल सत्यापन और अकाउंट सुरक्षा सेटअप
अकाउंट बनाने के लिए दिए गए ईमेल पते के माध्यम से (ईमेल पते पर भेजे गए वेरीफिकेशन लिंक पर क्लिक करके) सत्यापन करें।
Decentraland: The Basics
Decentraland एक ऑनलाइन वातावरण है जो वर्चुअल, वास्तविकता और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकियों को एक साथ जोड़ती है। अन्य ऑनलाइन गेम के विपरीत, प्रतिभागी ऑनलाइन दुनिया के नियमों को सीधे प्रभावित करते हैं। टोकन धारक DAO के माध्यम से सीधे इन-गेम और संगठनात्मक निर्णयों पर मतदान कर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उत्पादों के प्रकार से लेकर DAO ट्रेजरी निवेश तक सभी पर प्रभाव पड़ता है।
नॉन फंजीबल टोकन इन-गेम क़ीमती सामान जैसे कि कपड़े, वस्तुएं और LAND, गेम की वर्चुअल अचल संपत्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये टोकन उपयोगकर्ताओं के क्रिप्टो वॉलेट में संग्रहीत होते हैं और अन्य उपयोगकर्ताओं को Decentraland मार्केटप्लेस पर बेचे जा सकते हैं।
Decentraland विज्ञापन और सामग्री की अवधि सहित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। हालांकि, NFT के साथ शुरुआत करने के इच्छुक नए खिलाड़ियों के लिए प्रवेश की बाधाएं महत्वपूर्ण हैं। ईथेरियम गैस शुल्क कुछ कॉस्मेटिक चीजों की कीमत को लगभग दोगुना कर देता है। भूमि की कीमतें संभावित रूप से सैकड़ों डॉलर तक पहुंच सकती हैं, जिससे कुछ खिलाड़ियों के लिए स्वामित्व पहुंच से बाहर हो जाता है।
गोल्ड ओनरशिप में अधिक डाइवर्सिटी
दुनिया भर में गोल्ड माइनिंग होती है और सबसे अधिक चीन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा में इसकी माइनिंग होती हैं. हालांकि सालाना उत्पादन की बात करें तो यूरोप महाद्वीप में 10 फीसदी से कम गोल्ड उत्पादित होता है और शेष महाद्वीप में 10 फीसदी से अधिक और 25 फीसदी से कम गोल्ड उत्पादित होता है. गोल्ड उत्पादन के साथ-साथ इसके स्वामित्व में भी विविधता क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी है.
दुनिया में सबसे अधिक गोल्ड यूएस ट्रेजरी के पास है लेकिन दुनिया भर में मौजूद गोल्ड स्टॉक्स का सिर्फ चार फीसदी ही उसके पास है. 50 फीसदी गोल्ड तो ज्वैलरी के रूप में ही मौजूद है और 21 फीसदी गोल्ड बार, क्वाइन व गोल्ड ईटीएफ के रूप में इंडिविजुअल व इंस्टीट्यूनल निवेशकों के पास है.
इसकी तुलना में बिट क्वाइन की बात करें तो पांच बड़ी माइनिंग कंपनी चीन की है और उसके पास इस नेटवर्क के 49.9 फीसदी पर नियंत्रण है. इसके अलावा बिट क्वाइन होल्डिंग की बात करें तो महज 2 फीसदी लोगों को पास उपलब्ध बिट क्वाइन का 95 फीसदी है.
Bitcoin चार गुना अधिक वोलेटाइल
पिछले साल 2020 में Bit Coin ने करीब चार गुना रिटर्न दिया और पिछले दो साल में इसने निवेशकों को करीब 9 गुना का रिटर्न दिया था. हालांकि इसमें निवेश पर बहुत तगड़ा रिस्क है. पिछले दो साल की बात करें तो एसएंडपी 500 की तुलना में यह तीन गुना अधिक वोलेटाइल है और गोल्ड की तुलना में चार गुना अधिक.
दुनिया भर में बिट क्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर नीतियां तैयार की जा रही हैं और इससे इनके वैल्यू पर प्रभाव पड़ेगा. बिट क्वाइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर भारत में रोक लग सकती है. इस बजट सत्र में ऐसे बिल पर विचार किया जाना है जिसके जरिए निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. बिल के जरिए केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाने वाले ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए रास्ता तैयार क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी किया जाएगा.
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई निर्धारित गाइडलाइंस नहीं हैं. तीन साल पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर के मुताबिक केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ी कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च 2020 में आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरंसीज पर लगाए गए प्रतिबंध को खारिज कर दिया. इसके बाद से भारत में बिट क्वाइन में निवेश पूरी तरह निवेशकों के अपने रिस्क पर होता है क्योंकि इससे जुड़ी कोई नियमन अभी यहां नहीं है.
क्रिप्टो सिस्टम को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है
किसी नई प्रणाली को यदि नियामक समर्थन न क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी हो, रेगुलेशन का नियम न हो तो उस व्यवस्था के चलायमान रहने को लेकर शंकाएं पैदा होना स्वाभाविक है। क्रिप्टोकरेंसी भी इसी प्रकार की शंकाओं से ग्रस्त है और उसके प्रवाह को व्यवस्थित करने वाली पूरी प्रणाली वास्तव में बहुसंख्यक आबादी के लिए अपारदर्शी है। यही कारण है कि इसे हाइप करने से इसके नीचे जाने का जोखिम था। ऐसा हो भी रहा है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी की पूरी व्यवस्था चरमरा रही है। क्रिप्टो के लिए परेशानी दिसंबर में शुरू हुई जब इसके सबसे बड़े बाजार भारत ने आभासी मुद्राओं पर अपना शिकंजा कसने का फैसला किया। उसके बाद अपरिपक्व निवेशकों ने बाजार से बाहर निकलना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे डाउनट्रेंड के कारण क्रिप्टो करेंसी के मूलभूत पहलुओं में गिरावट आई।
काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं क्रिप्टोकरेंसी और NFT
NFT का मतलब नॉन-फंजिबल टोकन है। यह एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। किसी व्यक्ति के पास NFT का होना यह दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक डिजिटल आर्ट वर्क है, जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है। सामान्य भाषा में कहें तो जैसे हम पैसे देकर कोई अनोखी और मूल्यवान वस्तु खरीदते हैं, वैसे ही कोई डिजिटल आर्ट वर्क खरीद सकता है और उसे ही NFT कहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी और NFT काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं। हालांकि, लोग रुपया, डॉलर जैसी फिएट मुद्रा का उपयोग करके NFT खरीद सकते हैं, अधिकांश खरीदार NFT खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी चुनते हैं। इसके अलावा, अगर एक टीम जिसके पास अपनी क्रिप्टोकरेंसी है, उसके पास NFT परियोजनाएं भी हैं, तो उस मुद्रा को NFT क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी नहीं रखने वालों की तुलना में अधिक स्थिर माना जाता है।
क्रिप्टो की शुरू हो चुकी है उल्टी गिनती
बताते चलें कि अब तो क्रिप्टो बाजार की स्थिति और भी बिगड़ गई है। एक के बाद एक नकारात्मक घटनाओं के बाद भी क्रिप्टो बाजार के कुछ मूल रूप से स्थिर क्रिप्टो कॉइन्स के कारण बाजार में स्थिरता थी लेकिन क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी जल्द ही एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी Luna की हालत डांवाडोल हो गई। Luna को क्रिप्टो वर्ल्ड में सबसे मूल रूप से स्थिर सिक्का माना जाता है। इसकी स्थिरता का कारण यह था कि इसका एक युगल सिक्का जिसे Terra के नाम से जाना जाता है, उपलब्ध है। यदि दोनों में से किसी एक की कीमत गिरती तो निवेशक एक में विनिवेश करके, इसे दूसरे के साथ बदल सकते हैं।
लेकिन मई के मध्य में Luna का जबरदस्त मूल्य ह्रास हुआ, जिससे क्रिप्टो बाजार में निवेशकों के 40 बिलियन डॉलर डूब गए। Luna के निर्माता लूना 2.0 क्या है फिएट और नॉन-फिएट क्रिप्टो-करेंसी के साथ आए। प्रारंभिक चढ़ाव के बाद, यह भी गिरने लगा और इसमें निवेशकों के पैसे का 70 प्रतिशत डूब गया। Luna 2.0 का पतन एक स्पष्ट संकेत है कि अब निवेशक आभासी मुद्रा में विश्वास खो रहे हैं। उन्होंने महसूस किया है कि यह निवेश का एक सतत तरीका नहीं है।
Digital Rupee Explained: कैसे काम करेगी भारत की पहली वर्चुअल करेंसी?
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने वित्त वर्ष 2022-23 के Budget भाषण में Digital Rupee को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री के मुताबिक, Digital Rupee को Reserve Bank of India (RBI) की तरफ से जारी किया जाएगा. आपको बता दें, वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने अपने Budget भाषण के दौरान कहा, कि “वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत में RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा और यह डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को एक बूस्ट प्राप्त होगा”.