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शेयर बाजार में हेरफेर

शेयर बाजार में हेरफेर
बुधवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी और एशियाई बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत हल्की तेजी के साथ हुई शेयर बाजार में हेरफेर है।

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यूरोपियन कमीशन का आरोप है कि Google ने लोकप्रिय सर्च इंजन होने के नाते अपने बाजार वर्चस्‍व का गलत उपयोग किया और अपनी शॉपिंग सर्विस को अवैध लाभ पहुंचाया।

चौतरफा बिकवाली से टूटा घरेलू शेयर बाजार, सेंसेक्स 180 अंक गिरकर 31 हजार के नीचे बंद

मंगलवार के कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार में हुई चौतरफा बिकवाली के चलते दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दिन के निचले स्तर पर बंद हुए है।

सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 7 का मार्केट कैप 29,779 करोड़ रुपए बढ़ा, RIL सबसे अधिक लाभ में

सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से 7 के मार्केट कैप में 29,779.54 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) रही।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

एनएसई (NSE) का शेयर बाजार में हेरफेर पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में हेरफेर बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस शेयर बाजार में हेरफेर टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर शेयर बाजार में हेरफेर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

शेयर बाजार में हेरफेर

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मथुरा में अभिलेखों में हेरफेर कर प्राचीन मंदिर की जमीन पर बनाई मजार, कोरोना काल में ध्वस्त कर हुआ कब्जा

मथुरा में कोसीकलां के गांव शाहपुर शेयर बाजार में हेरफेर का मामला। पुलिस की जांच में हुआ पर्दाफाश दो साल बाद दर्ज हुई रिपोर्ट। तत्कालीन तहसीलदार लेखपाल राजस्व निरीक्षक समेत दो दर्जन पर मुकदमा। प्राचीन बिहारी जी मंदिर का है प्रकरण। अब मामला पकड़ रहा है तूल।

आगरा, जागरण टीम। मथुरा के कोसीकलां में शाहपुर गांव के प्राचीन बिहारी जी मंदिर के जमीन के अभिलेखों में हेरफेर किया गया था। दस्तावेजों में गड़बड़ी कर मंदिर की जमीन को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज कराया गया। इसके बाद मंदिर का सिंहासन तोड़ उस पर मजार बना दी गई। मामले की शिकायत हुई, तो पुलिस ने जांच की। दो साल चली जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया है। गांव के एक व्यक्ति की तहरीर पर तत्कालीन तहसीलदार, लेखपाल समेत दो दर्जन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

स्क्रैपेज पॉलिसी से ऑटो सेक्टर को मिलेगा सपोर्ट!

ज्योति रॉय का कहना है, ऑटोमोबाइल सेक्टर पूरी तरह से फिजिकल खरीद पर निर्भर है. इसलिए कोविड महामारी के दौरान यह सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है. बजट में वित्त मंत्री ने प्रतीक्षित स्वैच्छिक स्क्रैपेज पॉलिसी घोषणा कर दी. इसका लंबे समय से इंतजार था. इस पॉलिसी से लोगों और कंपनियों को अपने 15 से 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने और नया खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. इसका फायदा देश में ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) और इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स को भी मिलेगा. कॉमर्शियल वाहन 15 साल और निजी वाहन 20 साल बाद फिटनेस टेस्ट से गुजरेंगे.

Stock Market Holiday October 2022: त्योहारों के चलते 3 दिन नहीं होगी BSE-NSE पर ट्रेडिंग, कब-कब रहेगी स्टॉक मार्केट की छुट्टी?

BFSI सेक्टर कैसे है अहम?

ज्योति रॉय का कहना है, सरकारी बैंकों की फाइनेंशियल स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार 20,000 करोड़ रुपये का रीकैपिटलाइजेशन करेगी. इससे सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट बेहतर होगी. मौजूदा लोन को एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) और एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के जरिए एक नए बैड बैंक में भी ट्रांसफर किया जाएगा. यह सरकारी बैंकों के लिए एक और अच्छी पहल है. इससे स्ट्रेस्ड एसेट्स यानी एनपीए की समस्या कम होगी. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) को अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए टैक्स हॉलीडे का लाभ मिलेगा. यह अफोर्डेबल हाउसिंग क्षेत्र में काम करने वाली रियल एस्टेट कंपनियों को भी जोड़ेगा.

रॉय का कहना है, वित्त मंत्री ने बजट में हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अगले 6 साल में 64,180 करोड़ के खर्च की घोषणा की है. इससे नए संस्थान खुलेंगे और मौजूदा हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट भी मजबूत होंगे. हेल्थ और वेलनेस का बजट खर्च भी 137 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2021 में यह 94,452 करोड़ था, जबकि 2022 में यह 2,23,846 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 35,000 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2022 में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आवंटित किए हैं. इसका फायदा वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स को होगा. यह खर्च और बढ़ने की संभावना है.

मैन्युफैक्चरिंग: कस्टम ड्यूटी में हेरफेर का लाभ?

रॉय का कहना है, सरकार की तैयारी अगले 5 साल में विभिन्न पीएलआई स्कीम्स पर 1.97 लाख करोड़ खर्च करने की है. यह खर्च इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए घोषित 40,शेयर बाजार में हेरफेर 951 करोड़ की पीएलआई योजना के अतिरिक्त है. इसका भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को फायदा होगा. प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए), कैमरा मॉड्यूल, और कनेक्टर्स सहित मोबाइल फोन के विशिष्ट शेयर बाजार में हेरफेर इनपुट्स, पार्ट्स या सब-पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी भी बढ़ा दी गई है. भारतीय मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां इससे लाभान्वित होंगी.

रॉय के मुताबिक, सोने और चांदी पर कस्टम्स ड्युटी 12.5% से घटाकर 7.5% कर दी गई है. हालांकि, सिंथेटिक कट और पॉलिश स्टोन्स (रत्न) के लिए अब यह ड्युटी 7.5% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है. 2.5% एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस भी गोल्ड, सिल्वर और डोर बार पर लागू किया है. इन कदमों का शुद्ध प्रभाव आभूषण कंपनियों पर सकारात्मक होगा. भारतीय रत्न और आभूषण कंपनियां भी लाभ की स्थिति में हैं.

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