सोने के दाम किसपर निर्भर

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव
Gold Silver सोने के दाम किसपर निर्भर सोने के दाम किसपर निर्भर Price Today : सोना-चांदी हुआ सस्ता, जानें आज किस भाव पर बिक रहा है गोल्ड
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 20 May 2021 12:22 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बृहस्पतिवार को गोल्ड और सिल्वर में डॉलर की मजबूती की वजह से गिरावट आई. ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से महंगाई में इजाफा हो सकता है. इसलिए निवेशक अभी गोल्ड होल्ड कर सकते हैं. इस बीच घरेलू मार्केट में गोल्ड 0.25 फीसदी घट कर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया, वहीं सिल्वर में गिरावट आई और यह 0.39 फीसदी गिर कर 72,090 प्रति किलो पर पहुंच गया.
दिल्ली में सोने के भाव में गिरावट
दिल्ली में बुधवार को सोने का भाव 97 रुपये टूटकर 47,853 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. पिछले सत्र में सोने का भाव 47,950 रुपये पर चल रहा था. चांदी भी 1,417 रुपये की गिरावट के साथ 71,815 रुपये प्रति किलो रह गई. इससे पिछले दिन चांदी 73,232 रुपये पर बंद इुई थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी सोने के दाम किसपर निर्भर के भाव मामूली गिरावट के साथ क्रमश: 1,867 डॉलर और 27.88 डॉलर प्रति औंस रहे.
जानिए रोजाना कैसे और कौन तय करता है सोने के दाम, इस वजह से हर शहर में होती हैं अलग कीमतें
- News18Hindi
- Last Updated : July 17, 2019, 12:48 IST
पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तरह सोने की कीमत भी रोज बदलती है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? जब आप नींद ले रहे होते हैं, उस दौरान ऐसा क्या हो जाता है कि बाजार खुलने पर सोना महंगा या सस्ता हो जाता है? इस पर एक्सपर्ट्स जवाब देते हुए कहते हैं कि सोने की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है. इनमें आर्थिक और पॉलिटिकल कारण सबसे अहम हैं. ये घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के हो सकते हैं. जैसे अगर हमारे देश की सरकार ने सोने के इंपोर्ट से जुड़ा कोई नया नियम लागू किया है तो इसका असर सोने की कीमत पर पड़ेगा. इसी तरह सोने का एक्सपोर्ट करने वाले देश में किसी साल उत्पादन घट जाता है तो इसका असर भी घरेलू बाजार में सोने की कीमत पर पड़ेगा. इसी तरह देश में या विदेश में ऐसे कई घटनाएं होती हैं, जिनका असर सोने की कीमत पर पड़ता है.
सोने की कीमतों पर किन बातों का पड़ता है असरॽ
अस्थिरता से बचाता है
निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं. अस्थिरता और अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए लोग इस पीली धातु को खरीदते हैं. जब दूसरी संपत्तियां अपना मूल्य खोने लगती हैं, सोना इस गिरावट से बचा रहता है. भारतीयों में सोने का आकर्षण हमेशा से रहा है. समय अच्छा हो या बुरा लोग इस चमकीली धातु का मोह नहीं छोड़ पाते. अर्थव्यवस्था दौड़ी या मंद हुर्इ, निवेशकों ने सोने में खरीद जारी रखी.
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क्या है सोने और महंगार्इ का रिश्ता?
जब महंगार्इ बढ़ती है तो करेंसी की कीमत कम हो जाती है. उस समय लोग धन को सोने के दाम किसपर निर्भर सोने के रूप में रखते हैं. इस तरह महंगार्इ के लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बने रहने पर सोने का इस्तेमाल इसके असर को कम करने के लिए किया जाता है.
जानिए दुनिया में कैसे तय होती है गोल्ड की कीमत
नई दिल्ली: त्योहारी सीजन पर सोने की खरीद में तेजी देखने को मिलती है। ऐसे मौकों पर सोने के सिक्के, आभूषण और मूर्तियों की मांग में जबरदस्त उछाल आ जाता है। शुभ सोने को खरीदने में आम लोग दिवाली के मौके पर खास दिलचस्पी दिखाने लग जाते हैं, लेकिन क्या आप में से किसी ने भी कभी यह सोचने की कोशिश की है कि आखिर सोने की सोने के दाम किसपर निर्भर कीमतें तय कैसे होतीं हैं?, नहीं न। तो चलिए जागरण डॉट कॉम आज आपको इस खबर के माध्यम से यह बताने की कोशिश करेगा कि आखिर बाजार में सोने की कीमतें तय कैसे होती हैं।
दो तरह से तय होती हैं सोने की कीमतें
मांग और आपूर्ति पर टिका है सोने का गणित:
सोने की कीमतें हर रोज बदलती रहती हैं, ये बदलाव काफी हद तक बाजार में इस कीमती धातु की मांग और आपूर्ति के अनुपात पर निर्भर करता है। मांग और आपूर्ति ही सोने के इस बाजार की पूरी एबीसीडी को बयां करता है।
क्यों सस्ता हो रहा है सोना
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर लगातार महंगा हो रहा है. इसीलिए सोने की कीमतों में गिरावट जारी है. विदेशी बाजारों में सोने का दाम 1800 डॉलर प्रति औंस के नीचे आ गए है. ऐसा नवंबर 2020 के बाद हुआ है. हालांकि, चांदी की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है. इसके पीछे इंडस्ट्रियल डिमांड में आई तेजी है.
कमोडिटी मार्केट के कुछ जानकारों का कहना है कि अगर दुनिया में आर्थिक गतिविधियां इसी तरह रफ्तार पकड़ती रही तो आने वाले दिनों में सोने के भाव और नीचे आ सकते हैं.
आगे और सस्ता हो सकता है सोना
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी समिति की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे संकेत दिए हैं कि बैंकों को सीआरआर का लेवल कोरोनावायरस के पूर्व स्तर तक ले जाना है.
इसके बाद से अब ब्याज दरों में भी वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं, इससे भी सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ेगा.एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतें मौजूदा स्तर 46000 रुपये से गिरकर 42000 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ सकती है.
सोने के गहने खरीदने वक्त हमेशा रखें इन बातों का ख्याल
कई बार हम ऐसे गहने खरीदते हैं जिनमें नग जड़े होते हैं. कुछ ज्वेलर्स पूरे नग का वजन करते हैं और इसे सोने की कीमत के साथ जोड़ देते हैं. यानी सोने की कीमत के बराबर इनका दाम लगा दिया जाता है. इसे वापस बेचने पर सामान्य रूप से पत्थर के वजन और अशुद्धता को कुल मूल्य से घटा दिया जाता है.
सोने की ज्वेलरी अलग-अलग कैरेट में आती है. कैरेट सोने की शुद्धता का पैमाना है. सबसे शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है. जूलरी अमूमन 22 कैरेट में आती है. इसमें 91.6 फीसदी सोना होता है.
मेकिंग चार्ज मेकिंग चार्ज इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस डिजाइन की ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं. इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि हर एक गहने में कटिंग और फिनिशिंग के लिए अलग स्टाइल इस्तेमाल होता है. बीआईएस स्टैंडर्ड हॉलमार्क सोने की ज्वेलरी को सर्टिफाइड करने के लिए हॉलमार्किंग की जाती है. इसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआर्इएस) करता है. गहने खरीदते समय इसे जरूर देख लेना चाहिए.