निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है

निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है
सुरक्षा और पोर्टफोलियो विश्लेषण के लिए उपाय
सुरक्षा और पोर्टफोलियो विश्लेषण के लिए कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
अल्फा
बीटा
शार्प अनुपात
Treynor अनुपात
अल्फा रिटर्न के खिलाफ जोखिम के उपाय करता है और बताता है कि एक विशेष कोष जोखिम है कि इसे ले जा रही है को न्यायोचित ठहरा रिटर्न का उत्पादन किया गया है. वास्तविक वापसी और बीटा से भविष्यवाणी की वापसी - यह दो आंकड़े की तुलना द्वारा किया जाता है.
अल्फा चयन जोखिम का एक उपाय भी अवशिष्ट जोखिम कहा जाता है] बाजार के संबंध में एक सुरक्षा की है. एक सकारात्मक अल्फा अतिरिक्त अतिरिक्त जोखिम लेने के बजाय बाजार वापसी को स्वीकार करने के लिए निवेशक को सम्मानित वापसी है.
अल्फा भी फंड प्रबंधक के प्रदर्शन के एक उपाय के रूप में देखा जा सकता है - राशि है क्या निधि से अधिक और ऊपर [या कम] क्या यह करने के लिए कमाने की उम्मीद थी, यह दर्शाता है जोड़ा मूल्य [या घटाया] अर्जित किया है पर पहुंचे फंड प्रबंधक निवेश निर्णय.
इंडेक्स फंड की तरह निष्क्रिय धन, कि एक बेंचमार्क सूचकांक ट्रैक हमेशा है या 0 के एक अल्फा होना चाहिए. सक्रिय धन के मामले में, अल्फा फंड प्रबंधक की गतिविधि रिटर्न कोष के लिए योगदान दिया है का एक उपाय है.
अल्फा के लिए सूत्र नीचे दी गई है -
[(Y का योग) - ((x का योग) ख)] / n
n टिप्पणियों की संख्या
b फंड के बीटा =
वापसी की एक्स = बाजार की दर
y निधि की वापसी की दर =
एक सकारात्मक अल्फा इंगित करता है कि फंड उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि एक नकारात्मक अल्फा इंगित करता है कि फंड या पोर्टफोलियो जोखिम का एक ही स्तर पर underperformed है.
बीटा अस्थिरता या बाजार के लिए सम्मान या बेंचमार्क के साथ एक सुरक्षा की कीमत में परिवर्तन के उपाय है. यह बाजार की वापसी बनाम एक साधन पर वापसी के बीच संबंध का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक सुरक्षा बाजार जोखिम उपायों और बाजार के संबंध में एक सुरक्षा की अस्थिरता से पता चलता है. बीटा इंगित करता है कितना जोखिम भरा एक सुरक्षा है अगर सुरक्षा एक अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो में आयोजित किया जाता है.
एक म्यूचुअल फंड के मामले में, बीटा के रूप में गणना की जा सकता है - एनएवी में बेंचमार्क इंडेक्स में परिवर्तन / पोर्टफोलियो प्रतिशत का प्रतिशत परिवर्तन
बीटा के लिए आदेश में प्रभावी होने के लिए, वहाँ सूचकांक और फंड के बीच एक संबंध होना चाहिए. सूचकांक जड़ना निधि में आंदोलनों के साथ कोई संबंध नहीं भालू, उदाहरण के लिए, अगर बीटा एक मिड - कैप सूचकांक के खिलाफ एक बड़े कैप फंड के लिए गणना की है, जिसके परिणामस्वरूप मूल्य कोई अर्थ नहीं है निधि के आंदोलन के बाद से नहीं होगा सूचकांक के साथ मिलकर.
बीटा की अपनी सीमाएं हैं. बीटा केवल एक ऐतिहासिक उपकरण है जो नई जानकारी शामिल नहीं करता है. चूंकि बीटा अतीत की गतिविधियों पर निर्भर करता है, यह नए स्टॉक है कि एक विश्वसनीय डेटा की स्थापना के लिए अपर्याप्त इतिहास की कीमत के लिए नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है. अंत में, बीटा सिर्फ एक संकेत है. यह अतीत की कीमत आंदोलनों कि भविष्य आंदोलनों की एक निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है उचित predictors नहीं किया जा सकता है पर निर्भर करता है.
एक पोर्टफोलियो के प्रदर्शन ग्रहण जोखिम करने के लिए सम्मान के साथ विचार किया जाना चाहिए. निवेश और उच्च रिटर्न अस्थिरता के उच्च डिग्री के साथ जुड़े रहे हैं के नकारात्मक पक्ष जोखिम मौजूद है. शार्प अनुपात जोखिम की इकाई के प्रति किए गए, एक पोर्टफोलियो से उत्पन्न वापसी का आकलन. यहाँ, जोखिम पोर्टफोलियो मानक विचलन है जो सुरक्षा के रिटर्न में उतार - चढ़ाव का संकेत है के लिए लिया जाता है. एक कम मानक विचलन रिटर्न में अस्थिरता की एक छोटी राशि का तात्पर्य.
गणितीय, यह अनुपात एक जोखिम मुक्त निवेश पोर्टफोलियो के मानक विचलन, नीचे दिए गए विभाजित पर अर्जित वापसी पर पोर्टफोलियो रिटर्न के बीच अंतर है -
(पोर्टफोलियो के रिटर्न - जोखिम मुक्त प्रतिफल की दर) / पोर्टफोलियो का मानक विचलन
इस प्रकार, एक उच्च शार्प अनुपात बेहतर है क्योंकि यह एक उच्च जोखिम के प्रति यूनिट उत्पन्न वापसी का प्रतिनिधित्व करता है. शार्प राशन केवल एक तुलनात्मक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और अलगाव में कोई मतलब नहीं है.
Treynor अनुपात शार्प अनुपात है है कि रिटर्न लिया जोखिम के प्रति यूनिट अर्जित उपायों की तरह एक और अनुपात है. हालांकि, फर्क यह है कि Treynor अनुपात शार्प अनुपात द्वारा इस्तेमाल मानक विचलन निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है विपरीत बेंचमार्क के रूप में पोर्टफोलियो बीटा का उपयोग करता है. Treynor अनुपात की गणना निम्न प्रकार है -
विनिवेश क्या है?
अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए किसी संगठन या सरकार के स्वामित्व के एक हिस्से को बेचने की प्रक्रिया विनिवेश है। बिक्री किसी कंपनी या सरकारी एजेंसी के किसी डिवीजन में किसी संपत्ति या शेयर के निपटान का प्रतिनिधित्व कर सकती है। विनिवेश का एक महत्वपूर्ण कारण वित्त और संसाधनों के पुनर्वितरण को आसान बनाना है ताकि उन्हें अधिक उत्पादक उपयोग में लाया जा सके। विनिवेश का एक और लाभ ऋण में कमी है, जो कॉर्पोरेट पुनर्गठन की प्रक्रिया में भी सहायता करता है।
विनिवेश: लक्ष्य
किसी कंपनी का नियंत्रण निजी क्षेत्र के हवाले करने का राज्य सरकार का विकल्प कार्रवाई में विनिवेश का एक सामान्य उदाहरण है। विनिवेश कई कारकों के कारण हो सकता है, जिसमें उच्च ऋण लागत, अनुपयुक्त क्षमता, तरलता की समस्या या यहां तक कि राजनीतिक विचार शामिल हैं। किसी संगठन के निवेश पर प्रतिफल को अधिकतम करना विनिवेश का प्राथमिक लक्ष्य है। स्टॉक की बिक्री, संपत्ति की बिक्री, स्पिन-ऑफ और डिमर्जर सभी विनिवेश के उदाहरण हैं। विनिवेश अप्रभावी उत्पादन तकनीकों, अप्रचलित प्रौद्योगिकी और निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है अन्य समान कारकों का परिणाम भी हो सकता है। एक उद्यम की लाभप्रदता की कमी के कारण, एक निगम कुछ प्रयासों को अलग करने या स्पिन-ऑफ करने का विकल्प चुन सकता है। यह संभव है कि एक इकाई खो रही हो पैसा जबकि बाकी कंपनी फल-फूल रही है और यूनिट की व्यवसाय योजना पूरी तरह से कंपनी की समग्र रणनीति से नहीं जुड़ती है। फिर इकाई को किसी अन्य निवेशक को बेचा जा सकता है जो कंपनी की जरूरतों के लिए अधिक उपयुक्त है। यह पैसा उत्पन्न करता है जिसका उपयोग मौजूदा व्यापार रणनीति के अनुरूप फर्म का विस्तार करने के लिए किया जा सकता है। कुछ निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है स्थितियों में, सरकारी कानून एक विशिष्ट उद्यम से विनिवेश को अनिवार्य कर सकते हैं। एक राष्ट्र व्यापार के लिए अपने दृष्टिकोण को समायोजित कर सकता है या देश में महत्वपूर्ण भागों या अवयवों की संख्या को कम कर सकता है। नीति का संशोधन कंपनी के संचालन को लाभहीन बना सकता है, जिसके बाद कंपनी में स्वामित्व के एक हिस्से की बिक्री की आवश्यकता होगी। अन्य परिस्थितियों में, नीति में परिवर्तन कंपनी के संचालन को गैरकानूनी बना सकता है, जिससे फर्म को बंद करना आवश्यक हो जाएगा।
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जानें शेयर बाज़ार में निवेश करने से पूर्व किन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है? (Share Market Tips for Beginners)
शेयर बाज़ार वर्तमान में निवेश का एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है और इसके एक महत्वपूर्ण कारण इंटरनेट की लोगों तक बढ़ती पहुँच है। शेयर मार्केट में निवेश करना वर्तमान में एक स्मार्टफोन की सहायता से मिनटों का कम बन चुका है। हम सभी भविष्य में आने वाले किसी खर्चे को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं ताकि भविष्य में हमें एक उपयुक्त प्रतिफल या रिटर्न प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त शेयर बाज़ार में निवेश करना निवेशक के साथ-साथ उद्योगों एवं अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक है।
शेयर बाज़ार में लोगों की अधिक रुचि होने से नए उद्योगों अथवा कंपनियों को रकम जुटाने में आसानी होती है तथा प्राप्त धनराशि को कंपनियाँ अपने उत्पादों को बेहतर बनाने, उत्पादन बढ़ाने नई फैक्ट्रियों को स्थापित करने आदि आदि में खर्च करते हैं। उद्योगों के फलने फूलने से रोजगार में वृद्धि होती है और अंततः इसका किसी देश विशेष की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ता है।
चूँकि शेयर बाज़ार के संबंध में इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि, यहाँ किए निवेश से लाभ एवं जोखिम दोनों जुड़े हैं अतः इसी को ध्यान में रखते हुए आज इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं शेयर बाज़ार में निवेश करने के से पहले किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ( Share Market Tips for Beginners ) ताकि कोई निवेशक निवेश में हानि होने की संभावना को बहुत हद तक कम कर सके और शेयर बाज़ार में अपनी निवेश यात्रा की एक अच्छी शुरुआत कर सकें।
अर्थव्यवस्था एवं आर्थिक खबरों पर नज़र
यदि आप अर्थव्यवस्था में अपनी रुचि रखते हैं तो शेयर बाजार में एक कामयाब निवेशक बनना आपके लिए कुछ हद तक आसान होगा, किन्तु यदि आपकी अर्थव्यवस्था में कोई रुचि नहीं है और आप शेयर बाजार से पैसे कमाने की चाह रखते हैं तो आपको चाहिए कि, आप देश की अर्थव्यवस्था में अपनी रुचि जागृत करें।
यहाँ अर्थव्यवस्था को अर्थशास्त्र समझने की भूल न करें, अर्थशास्त्र एक विस्तृत विषय हैं, जहाँ किसी अर्थव्यवस्था तथा उसके ढांचे, कार्यप्रणाली, प्रदर्शन, उपचार आदि का अध्ययन किया जाता है। वहीं अर्थव्यवस्था किसी देश या भौगोलिक भाग में होने वाले वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन, उपभोग, आयात, निर्यात आदि को दर्शाती है। आपको चाहिए कि आप देश से जुड़ी एवं बाज़ार को प्रभावित करने वाली सभी खबरों पर अपनी नज़र रखें। हर ख़बर पर शोध करें कि, किस खबर का किस क्षेत्र में अच्छा या बुरा प्रभाव हो सकता है।
कंपनी का बिजनेस मॉडल
जिस कंपनी में आप निवेश करने के इच्छुक हैं सर्वप्रथम उसके बिजनेस मॉडल को समझना आवश्यक है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को आप उस कंपनी के संबंध में खुद से अथवा अपने सम्बन्धियों से पूछ सकते हैं। जैसे वह कंपनी क्या करती है? उसके उत्पादों की बाज़ार में कितनी माँग है? क्या आपको उस कंपनी के उत्पाद पसंद हैं? भविष्य में उस कंपनी के उत्पादों की माँग में वृद्धि होगी या कमी? अगर आप इन सब प्रश्नों के उत्तरों निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है से संतुष्ट होते हैं तो आप उस कंपनी का और अधिक अध्ययन कर सकते हैं।
कंपनी के दस्तावेजों का अध्ययन
किसी कंपनी के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कंपनी के दस्तावेजों का अध्ययन, जिनमें कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, बैलेंस शीट, तिमाही, छमाही, अथवा सालाना परिणाम, कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न आदि होते हैं। ये सभी जानकारियाँ आपको कंपनी की वेबसाइट से प्राप्त हो जाएंगी। हाँलाकि कंपनी के दस्तावेजों का अध्ययन बहुत विस्तृत विषय है, जिनमें कई महत्वपूर्ण आंकड़ों का अध्ययन भी शामिल है।
हम अपने अन्य लेख में कंपनी के दस्तावेजों एवं कई महत्वपूर्ण आंकड़ों के अध्ययन एवं उनके महत्व के बारे में विस्तार से समझेंगे। यहाँ हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि, दस्तावेजों के अध्ययन में आपको प्रथम दृष्टया किन बातों का ध्यान रखना चाहिये।
- यह सुनिश्चित करें कि कंपनी पर अत्यधिक कर्ज़ न हो।
- कंपनी के पास अच्छा रिज़र्व अथवा जमापूँजी हो जिसे कंपनी आवश्यकता पड़ने पर उपयोग में ला सके।
- साल दर साल कंपनी के परिणामों में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा हो, जिससे इस बात की पुष्टि होगी कि, कंपनी प्रति वर्ष अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
- कंपनी के प्रमोटरों के पास कंपनी के 40% से आधिक शेयर हों। प्रमोटर यानी कंपनी के मालिक उनके पास अधिक मात्रा में अपनी कंपनी के शेयर होना इस बात को दर्शाता है कि, वे कंपनी के प्रति महत्वाकांक्षी हैं।
- प्रमोटरों के पास जो शेयर हैं वो गिरवी न हों। प्रमोटरों के पास कितनी मात्रा में शेयर हैं केवल इसी से संतुष्ट होना उचित नहीं है यह भी जाँच लें कि, प्रमोटरों के शेयर अधिक मात्रा में किसी बैंक या संस्था के पास गिरवी न हों।
कंपनी के निदेशक मंडल के इतिहास का अध्ययन
किसी भी कंपनी का प्रबंधन कंपनी के निदेशक मंडल (Board of Directors) के हाथों में होता है। कंपनी से सम्बंधित सभी फैसले इसी निदेशक मंडल द्वारा लिये जाते हैं, अतः कंपनी के अच्छे अथवा बुरे भविष्य के लिए भी निदेशक मंडल के सदस्य ही जिम्मेदार होते हैं।
इसलिए निवेशकों के लिए निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि, वे जिस कंपनी में निवेश करना चाहते है उसके निदेशक मंडल के सदस्यों के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करें। कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों के नाम आपको कंपनी की वेबसाइट पर मिल जाएंगे जिन्हें आप गूगल में खोज कर उनके बारे में और अधिक जानकारियाँ जुटा सकते हैं। निदेशक मंडल के सदस्यों की जानकारी के संबंध में निम्न बातों का ध्यान रखें-
- यह सुनिश्चित कर लें कि, बोर्ड के सदस्यों पर किसी प्रकार की धोखाधड़ी अथवा कोई ऐसा कोर्ट केस ना चल रहा हो जिससे कंपनी की छवि प्रभावित होती हो।
- बोर्ड के सदस्य कंपनी के भविष्य के प्रति चिंतित हों।
- बोर्ड के सदस्यों द्वारा पूर्व में लिये गए कुछ बड़े फैसले जिनसे कंपनी में बड़ा बदलाव आया हो।
- सदस्यों को दिये जाने वाले वेतन एवं भत्ते कंपनी को होने वाले लाभ की तुलना में बहुत अधिक न हों।
जैसा कि हमने पूर्व में बताया किसी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले आपको कई अन्य आंकड़ों का भी अध्ययन करना अति आवश्यक है। किन्तु बुनियादी तौर पर जिन बातों का ध्यान एक निवेशक को रखना चाहिए उन सभी की चर्चा हम इस लेख के माध्यम से कर चुके हैं।
उम्मीद है दोस्तो आपको ये लेख (Share Market Tips for Beginners) पसंद आया होगा टिप्पणी कर अपने सुझाव अवश्य निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है दें। अगर आप भविष्य में ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में पढ़ते रहना चाहते हैं तो हमें सोशियल मीडिया में फॉलो करें तथा हमारा न्यूज़लैटर सब्सक्राइब करें। तथा इस लेख को सोशियल मीडिया मंचों पर अपने मित्रों, सम्बन्धियों के साथ साझा करना न भूलें।
भारत में निवेश
विश्व स्तर पर निवेशक समुदाय असमंजस में है। इस बीच विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर भी कोई सकारात्मक पूर्वानुमान नहीं जताए जा रहे। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और दुनिया इस बात को मान रही है। देश इस समय जिस ऊंचाई पर …
विश्व स्तर पर निवेशक समुदाय असमंजस में है। इस बीच विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर भी कोई सकारात्मक पूर्वानुमान नहीं जताए जा रहे। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत तेजी से आर्थिक वृद्धि कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और दुनिया इस बात को मान रही है। देश इस समय जिस ऊंचाई पर है यहां से निरंतर आगे ही बढ़ना है।
मजबूत होती अर्थव्यवस्था के कारण विदेशी निवेशक देश में पूंजी निवेश को आतुर हैं। पिछले वर्ष भारत ने करीब 84 अरब डालर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया था। तमाम देश इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़ें मजबूत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत इस समय अपने विकास को दुनिया के विकास में सहायक बनाने की प्रेरणा के साथ काम निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है कर रहा है।
यह दौर भले ही वैश्विक आर्थिक संकट का दौर है लेकिन दुनिया के विशेषज्ञ विश्लेषक और अर्थव्यवस्था के जानकार भारत को अनुकूल जगह बता रहे हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था की जड़ों की मजबूती के लिए लगातार काम कर रहे हैं ताकि देश की अर्थव्यवस्था दिनों दिन और मजबूत हो।
दरअसल जब दुनिया कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर रही थी। भारत ने इसे अवसर और चेतावनी दोनों रूप में देखा। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई और उसका असर निवेश की रफ्तार पर भी दिख रहा है। सरकार तो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पहले से ही निवेश बढ़ा रही है। आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई।
प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। निवेश पर प्रतिफल निवेश पर प्रतिफल का एक उपाय है इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या वर्ष 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना में शामिल कर दिया जाएगा।
दुनिया में यह बात स्वीकृत है कि सतत विकास के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है। यह योजना सरकारी प्रक्रियाओं और हितधारकों को साथ लाती है। इससे पूर्व देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। सरकार को दिन रात काम करके आकर्षक वित्तीय योजनाएं पेश करनी चाहिए जो प्रतिफल की चाह में आ रही पूंजी का देश में नई योजनाओं और निर्माण में निवेश सुनिश्चित कर सकें।