आगे अनुबंध

इसका मतलब है कि शीर्ष 100 टी20 खिलाड़ियों में से 82% सिर्फ एक राष्ट्रीय अनुबंध से बंधे नहीं रहना चाहते हैं। खास यह है कि पहले यही राष्ट्रीय अनुबंध खिलाड़ियों के लिए भरण-पोषण और सुरक्षा का एकमात्र मार्ग हुआ करता था। यह निष्कर्ष फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (Federation of International Cricketers Association) की 2022 मेन्स ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट (Men’s Global Employment Report) में निकला है।
कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को रेगुलर करने में आगे बढ़ी सरकार, विभागों से कर्मचारियों का मांगा गया ब्यौरा
Ranchi. राज्य सरकार कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मामले में स्टेप बाइ स्टेप आगे बढ़ रही है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इस संबंध में सभी विभागीय अधिकारियों, डिवीजनल कमिश्नरों औऱ डीसी को लेटर लिखा है.
कार्मिक सचिव अजय कुमार सिंह ने पिछले सप्ताह (पत्रांक15, मु मं स-09-01/2020, का-5353) लेटर जारी करते हुए संबंधित पदाधिकारियों से अनुबंध/संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मामले में सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा है. अब इस मसले पर 2 नवंबर को सभी विभागीय प्रतिनिधियों के साथ प्रोजेक्ट भवन में बैठक होनी है.
विकास आयुक्त के साथ हो चुकी है बैठक
जारी लेटर में कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मसले पर 25 सितंबर, 2020 को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत कर्मियों के बिंदु पर चर्चा हुई थी. उनकी सेवा शर्तों में सुधार और नियमितीकरण पर विचार किया जाना है. इस पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाये.
कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से कर्मियों की संख्या औऱ अन्य जानकारियां निर्धारित फॉर्मेट में मांगी है. इसमें कर्मियों की नियुक्ति में अपनायी गयी प्रक्रिया, आगे अनुबंध सेवा शर्त, सेवा अवधि, मानदेय का ब्योरा मांगा गया है. कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या अन्य किसी महत्वपूर्ण आदेश जारी किये जाने की भी जानकारी मांगी गयी है.
सबों को कर्मियों से संबंधित सभी वांछित बिंदुओं से जुड़ा प्रतिवेदन देने को कहा गया है.
अनुबंध कर्मियों के मामले में एकरूपता की पहल
अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की सेवा में एकरूपता लाने का प्रयास सरकार का है. इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन ने एक उच्च स्तरीय समिति गठन के प्रस्ताव अगस्त माह में दिया था. समिति के प्रमुख विकास आयुक्त हैं जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव को इसका सदस्य सचिव बनाया गया है.
यह समिति सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों में अनुबंध-संविदा पर कार्यरत कर्मियों और उनके कार्यों से संबंधित सेवा शर्तों, अवधि और मानदेय की राशि आदि में समानता लाने के लिए रिपोर्ट देगी.
हालांकि इस समिति के प्रारूप पर झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ सहमत नहीं है. संघ के संयुक्त सचिव सुशील पांडेय ने समिति में संघ के टॉप के कुछ लोगों को प्रतिनिधित्व देने की मांग सीएम से की है. संघ का कहना है कि अनुबंध कर्मियों की समस्याओं को वे समिति के सामने ठोस तरीके से रख सकेंगे. समिति कब तक अपनी रिपोर्ट देगी, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है जो चिंताजनक है.
राज्य बनने के बाद से ही है समस्या
गौरतलब है कि वर्ष 2000 में अलग राज्य बनने के बाद से ही राज्य में कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों, डेली वेजेज कर्मियों के मामले में सवाल उठता रहा है. अलग अलग विभागों में 12000 से अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं. इसके अलावे सहायक पुलिसकर्मी, मनरेगा, पारा टीचर औऱ अन्य विभागों में कार्यरत कर्मियों को जोड़ दें तो संख्या लाखों में पहुंच जायेगी.
अनुबंध कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष महेश सोरेन के अनुसार संघ के बैनर तले 40 संगठन हैं. इनसे तकरीबन ढाई लाख कर्मी जुड़े हुए हैं. संघ के अलावे बड़ी संख्या में 14वें वित्त के कर्मी, जलसहिया, स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत स्वयंसेवक और अन्य भी हैं जिन्हें सरकार से मदद की आस है.
अनुबंध पर प्रमोट हुए वैटरनरी फार्मासिस्टों को दो माह से नहीं मिला वेतन, मुश्किल हुआ घर चलाना
Update: Saturday, November 26, 2022 @ 7:44 PM
हमीरपुर। हिमाचल के हमीरपुर जिला में पंचायत वैटरनरी असिस्टेंट (Veterinary Pharmacists ) पद से अनुबंध पर प्रमोट हुए वैटरनरी फार्मासिस्ट पिछले 2 माह से सैलरी ना मिलने से परेशान हैं। दो माह पहले जिला के 23 पंचायत वैटरनरी असिस्टेंट को प्रमोट (Promoted) कर अनुबंध पर वैटरनरी फार्मासिस्ट बनाया गया हैए लेकिन प्रमोट होने के बाद अब तक इन वैटरनरी कर्मचारियों को इनका मेहनताना नहीं मिल पाया हैए जिससे इन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। हालांकि इसके पीछे विभाग इन प्रमोट हुए वैटरनरी फार्मासिस्टों का आईपीओ नंबर (IPO Number) जरनेट ना होना कारण बता रहा है, लेकिन विभाग की इस तर्क-वितर्क की प्रणाली के बीच यह वैटरनरी फार्मासिस्ट पिछले 2 माह से तंगी में गुजारा करने को मजबूर हुए हैं।
यह भी पढ़ें:हिमाचल हाईकोर्ट ने रोके केसीसी बैंक में सीनियर मैनेजर के पदों पर पदोन्नति आदेश
मेहनताना ना मिलने से वैटरनरी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे यह फार्मासिस्ट विभाग की लापरवाही के चलते खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। नाम ना छापने की शर्त पर 2 माह पहले परमोट हुए वैटरनरी फार्मासिस्टों ने बताया कि उन्हें पंचायत वैटरनरी असिस्टेंट से अनुबंध वैटरनरी फार्मासिस्ट (Contract Veterinary Pharmacist) पर विभाग ने तैनाती तो दे दीए लेकिन विभाग हमारे काम का मेहनताना समय पर देना भूल गया है। पिछले 2 माह से हमें मेहनताना नहीं मिल पाया है। जिस कारण परिवार का लालन-पोषण करने के साथ.साथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना मुश्किल हो चुका है।
मेहनताना न मिलने के कारण लोगों से उधार लेकर काम चलाया जा रहा है। लेकिन बार.बार गुहार लगाने के बाद भी हमें हमारा मेहनताना नहीं मिल पाया है। अब तो हालात ऐसे हो चले हैं कि सरकारी विभागों में अनुबंध पर नौकरी करने के बावजूद उधार के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाने की मजबूरी आ गई है। उधार खाते घर का खर्च चलना तो संभव है लेकिन बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना अब हमारे लिए बड़ी परेशानी पैदा कर रहा है। बच्चों की फीस से लेकर कॉपी, पैंसिल तक का खर्च नकद होता है, लेकिन हमें अपना मेहनताना ना मिलने के कारण जेबें खाली पड़ी हुई हैं जिस कारण अब बच्चों के सामने भी हमें शर्मिंदगी महसूस करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इन लोगों ने विभाग व सरकार से आग्रह किया है कि हमें शीघ्र-अति शीघ्र हमारा मेहनताना दिया जाए। ताकि महंगाई के इस जमाने में हमें घर चलाने के लिए लोगों के सामने हाथ न फैलाने पड़ें।
मुश्किल में न्यूजीलैंड क्रिकेटः टीम के अनुभवी खिलाड़ी टीम साउथी ने इस बड़े संकट के संकेत दिए
Updated Nov 29, 2022 | 05:22 PM IST
जब से आईपीएल शुरू हुआ दुनिया भर के तमाम क्रिकेटरों को खेल के मैदान पर अपना हुनर दिखाने के साथ-साथ पैसा कमाने का भी एक शानदार जरिया मिल गया। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ी और तमाम देशों में टी20 प्रारूप की तमाम लीग शुरू हो गईं। ये सफर यही नहीं थमा, अब टी10 का भी आगाज हो चुका है और तमाम क्रिकेटर वहां भी कमाई करने के लिए किस्मत आजमाने लगे हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की प्राथमिकता आगे अनुबंध कम होती जा रही है। इसी को लेकर न्यूजीलैंड क्रिकेट में मची ताजा हलचल की ओर टिम साउथी ने इशारा किया है।
T20 League: टी20 लीग के लिए 49% क्रिकेटर्स राष्ट्रीय अनुबंध ठुकराने को तैयार, 82% खिलाड़ी चाहते हैं एक से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट: रिपोर्ट
FICA Report: आईपीएल के और बड़ा होने की संभावना है जबकि कई नई लीग भी सामने आ रही हैं। (सोर्स- पीटीआई)
International Cricketers Ready To Reject National Central Contracts: दुनिया के शीर्ष टी20 पुरुष खिलाड़ियों में से 40% फ्री एजेंट के तौर पर खेल रहे हैं। मतलब दुनिया भर की आकर्षक घरेलू टी20 लीग (Domestic T20 League) में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय टीम (National Cricket Team) के कॉन्ट्रैक्ट (Contract) से खुद को अलग कर लिया है। अन्य 42% क्रिकेटर्स (Cricketers) कम से कम एक विदेशी टी20 लीग (Foreign T20 League) खेलने के लिए राष्ट्रीय और घरेलू अनुबंध (Domestic Contract) के संयोजन वाला हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) अपना रहे हैं।
रिकॉर्ड बनाने पर गौरवान्वित महसूस किया
वहीं आपको यह भी बता दें भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन वन-डे मैचों की सीरीज़ के पहले वनडे मैच में टिम साउथी ने 3 विकेट लेकर इतिहास रचा था। उन्होंने इस मैच में अपने 200 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विकेट भी पूरे किए थे, जिसके बाद वो टेस्ट में 300 विकेट, एकदिवसीय क्रिकेट में 200 और टी20 क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाज बने आगे अनुबंध थे।
जिसको लेकर उन्होंने कहा,
‘‘यह खास है क्योंकि पहले किसी ने ऐसा नहीं किया है। करियर खत्म होने पर जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे तो गौरवान्वित होंगे। मैंने अपने समय का पूरा मजा लिया और उम्मीद है कि आगे कई साल खेलकर और विकेट लूंगा।’’
आगे उन्होंने कहा कि
“वह तीनों प्रारूपों में खेलना जारी रखना चाहते हैं।”