जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग

मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने सैयद सिब्ते रजी को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री एवं विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राज्यपाल को श्रद्धांजलि दी।
By The Photon News Desk On Aug 20, 2022
रांची : मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को सत्ता पक्ष के मंत्री एवं विधायक दल की बैठक में झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री एवं विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राज्यपाल को श्रद्धांजलि दी।
श्रीहनुमानजी प्राकट्योत्सव: हनुमानजी की कृपा प्राप्ति के लिए इन श्लोकों का पाठ करना चाहिए
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आज हनुमानजी का प्राकट्योत्सव है, हनुमानजी के जन्म के विषयक दो मत हैं– कुछ लोग चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मानते हैं तो कुछ कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को।
यह सुनिश्चित है कि अतुलित बलशाली पवनसुत हनुमान जी इस धरा धाम में ईश्वर कार्य के लिए अवतरित हुए और आज भी हमारे मध्य में हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। हनुमानजी की कृपा प्राप्ति के लिए इन श्लोकों का पाठ करना चाहिए।
जयत्यतिबलो रामो लक्ष्मणश्च महाबल: । राजा जयति सुग्रीवो राघवेणाभिपालित: ।।
दासोऽहं कोशलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्टकर्मण:। हनुमाञ्शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मज: ।।
न रावणसहस्रं मे युद्धे प्रतिबलं भवेत् । शिलाभिश्च प्रहरत: पादपैश्च सहस्रश: ।।
अर्दयित्वा पुरीं लङ्कामभिवाद्य च मैथिलीम्। समृद्धार्थो गमिष्यामि मिषतां सर्व रक्षसाम् ।।
हनुमानजी का प्रसाद गुण, बेसन के लड्डू, भीगा चना या भुना हुआ चना है।
कहा जाता है कि त्रेता युग में रामावतार के समय ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं को वानर और भालुओं के रूप में पृथ्वी में अवतरित होकर भगवान श्रीराम की सेवा करने का आदेश दिया। तब सभी देवताओं ने अपने अपने अंश से अवतार लिया। इनमें वायु के अंश से रुद्रावतार महावीर हनुमान जी ने जन्म लेकर पिता वानरराज केशरी और माता अञ्जना के घर को सुशोभित किया। कहा भी है ‘शंकर सुवन केशरी नंदन’ जन्म के बाद इन्हें भूख से व्याकुल देखकर मां फल लाने जङ्गल चली गई और हनुमान जी ने उदित सूर्य को अरुण बिम्व का फल समक्ष कर छलांग लगाई और वायु वेग से सूर्य मण्डल में पहुंच गए। उस दिन अमावस्या थी और राहु भी सूर्य को ग्रसने के लिए सूर्य के समीप पहुंचे थे, हनुमानजी ने उसे अपनी फल जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग प्राप्ति में अवरोध समझा और एक धक्का लगाया इसके फलस्वरूप राहु इन्द्र के पास गए, इन्द्र ने वज्र का प्रहार किया जिससे हनुमानजी की बायीं ठुड्डी (हनु) टूट गई तभी से उनका नाम हनुमान हुआ, इसके कारण वायु देव को अत्यन्त क्रोध आया और प्राण के आधार वायु का संचरण बन्द कर दिया जिससे सारी प्रजा व्याकुल हो उठी, प्रजा की घबराहट के कारण पितामह ब्रह्माजी वहां गए जहां वायु देव अपने मूर्छित पुत्र को लेकर बैठे थे। ब्रह्मा जी के कर स्पर्श से हनुमानजी सचेष्ट हुए।
सभी देवताओं ने अपने अस्त्र शस्त्रों से हनुमानजी को अबध्य किया और ब्रह्मा जी ने वरदान दिया कि — वायु देव तुम्हारा यह पुत्र शत्रुओं के लिए भयंकर काल पुरुष होगा, और युद्ध में इसे कोई नहीं जीत सकेगा साथ ही रावण के साथ होने वाले राम के युद्ध में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाकर भगवान श्री राम की प्रसन्नता का कारक होगा।
ऐसे बलशाली पवनसुत हनुमान जी का जन्मोत्सव हर भारतीय मनाता है। आज रामायण का पाठ, रामचरितमानस के सुन्दर काण्ड का पाठ या अखण्ड हनुमान चालीसा का पाठ बहुत लाभ दायक है। हनुमानजी के विग्रह पर सिन्दूर से श्रृंगार करना सामान्य सा कर्म है जिसे हर जन मानस करता है, हनुमानजी का भजन, कीर्तन और गुणगान अवश्य करेंगे। ‘ॐ हनुमते नमः’ का जप दिन भर करना चाहिए।
हमें अपने आराध्यों के प्रति सदैव सजग रहना चाहिए।
@आचार्य श्री हर्षमणि बहुगुणा
श्री हनुमान जन्मोत्सव
*प्रातः स्मरामि हनुमन्त मनन्तवीर्यं*
*श्रीरामचन्द्र चरणाम्बुज चञ्चरीकम्*
*लङ्कापुरी दहन नन्दित देववृन्दं* जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग
*सर्वार्थ सिद्धि सदनं प्रथित प्रभावम्*
आज चैत्र पूर्णिमा हिन्दू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा है आज के ही दिन श्री हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। श्रीहनुमान जी का जन्मोत्सव होने से इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता हेै।
इस पवित्र दिन में श्री हनुमान जी की पूजा करने से अनेक संकटो से मुक्ति जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग मिलती है और भक्त की सभी मनोकामनाए भी पूर्ण होती है। ऐसे अनेक उदाहरण है जिसमें श्री हनुमान जी ने भगवान से लेकर एक आम भक्त तक को भी संकट से ऊबारा हेै।
ऐसे श्री हनुमान जी जो श्री रामचन्द्र जी के चरण-कमलों के भ्रमर हैं, जिन्होंने लँकापुरी को दग्ध करके देवगणों को आनन्द प्रदान किया है, जो सम्पूर्ण अर्थ सिद्धियों के आगार और लोक विश्रुत प्रभावशाली हैं, उन अनन्त पराक्रमशील श्री हनुमान जी का हम प्रातः काल में स्मरण करते हैँ।
*उल्लंघ्य सिंधो: सलिलं सलीलं*
*य: शोक वन्हिं जनकात्मजाया:*
*आदाय तेनैव ददाह लंकां*
*नमामि तं प्रांजलिराञ्जन्नेयम्*
ऐसे श्री हनुमान जी जिन्होंने सिंधु की अगाध जलराशि को लीला ही लीला में लांघकर तथा श्री जानकी जी की शोकाग्नि को लेकर जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग उसी से लंका को फूंक डाला, उन आंजनेय श्री हनुमान जी की हम सभी हाथ जोड़कर वन्दना करते हैं।
श्री हनुमान जी के श्रीचरणों से प्रार्थना करते हुये उन्हें उनकी शक्ति का स्मरण करायें कि हे प्रभू! आप ही हैं जो हमें पिछले कई वर्षों से चल रही इस कोरोना नामक बीमारी से मुक्ति दिला सकते हैँ।
*कहहिं रीछपति सुनु हनुमाना*
*का जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग चुप साधि रहेऊ बलवाना*
*पवन तनय बल पवन समाना*
*बुद्धि विवेक विग्यान निधाना*
*कवन जो काज कठिन जग माहीं*
*जो नहीं होई तात तुम चाहीं*
हे संकटमोचक जगत में ऐसा कौन सा कार्य है जो आप नही कर सकते, इसलिये हे प्रभू! हम सबकी रक्षा करो! रक्षा करो!
श्रीहनुमान जी की असीम कृपा से हम सभी सदैव सुखी, स्वस्थ, समृद्ध,निरोगी एवं दीर्घायु हों। हे देव! इस संसार में कोई भी दुखी न हो ।सबकी मनोकामनाए पूर्ण हों, श्रीचरणों से प्रतिपल यही कामना व प्रार्थना करते हैं।
Market Chart : ये होते हैं देशों के ECG, जान सकते हैं उसका हाल
हाल ही में मोका इन्वेस्टर्स के प्रबंध निदेशक क्रिस काचर ने 1896 के बाद से डॉव के प्रदर्शन का एक ग्राफ जारी किया है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे सूचकांक ऊपर और नीचे गया और उस दौर में अमेरिका में क्या हो रहा था। इसके अलावा यह चार्ट यह भी बताता है कि शेयर बाजार तमाम दिक्कतों के बाद भी हरदम आगे ही बढ़ता है।
निवेश का महत्वपूर्ण सबक देता है यह चार्ट
वहीं इसके अलावा यह चार्ट एक मूल मंत्र भी बताता है कि अपने रिटर्न को अधिकतम करने के लिए अनिश्चितता के समय में हमेशा चुस्त रहने की कितनी जरूरत है। यह चार्ट बताता है कि निवेशकों को बाजार की बदलती परिस्थितियों के प्रति सजग रहना चाहिए और अपने शेयरों के प्रति प्रतिबद्ध होने की जगह निवेश के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
जानिए कितना रिटर्न दिया है डॉव ने
अगर चार्ट को देखेंगे तो डाव ने अभी तक करीब 50,000 फीसदी का रिटर्न दिया है। इसी अवधि के दौरान, अमेरिका की जीडीपी करीब 118,583 फीसदी बढ़ी। इस चार्ट को 12 कालखंड में दिखाया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे 1929 के स्टॉक-मार्केट क्रैश से बाजार को उबरने में 25 साल लगे। वियतनाम युद्ध, 1973 के तेल के झटके और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के इस्तीफे के संयुक्त प्रभाव से शेयरों को वापस ऊपर जाने में करीब 16 साल लगे।
सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद, सोने का तरीका खोलता है आपके पर्सनालिटी के छिपे राज
अच्छे स्वास्थ्य (Good Health) के लिए रोगों से बचाव और पौष्टिक भोजन के साथ ही रोज अच्छी नींद (Sleep) आना भी जरूरी है। ऐसा न होने पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए सजग होना जरूरी है। हमें नींद आना, हमारी शारीरिक.
सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद
सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद
अच्छे स्वास्थ्य (Good Health) के लिए रोगों से बचाव और पौष्टिक भोजन के साथ ही रोज अच्छी नींद (Sleep) आना भी जरूरी है। ऐसा न होने पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए सजग होना जरूरी है। हमें नींद आना, हमारी शारीरिक और मानसिक सक्रियता पर निर्भर करता है। यह जैविक घड़ी से निर्धारित होता है। दरअसल, हमारे शरीर में आंतरिक जैविक प्रक्रिया वाली एक घड़ी होती है। यह जैविक घड़ी हजारों तंत्रिका कोशिकाओं से बनी होती है और यह दिमाग के हाइपोथैलेमस हिस्से में मौजूद होती है।
हाइपोथैलेमस अनेक तरह के शारीरिक कार्यों मसलन, हार्मोन स्रावण के साथ ही शरीर के तापमान और पानी की मात्रा को नियमित करता है। यह आंतरिक घड़ी हर रोज रोशनी के आधार पर खुद को सेट करती है। आपको यह लग सकता है एक दिन में अगर 24 घंटे ही होते हैं तो सभी के शरीर की घड़ियां एक जैसी ही चलनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता, इसी वजह से किसी को जल्दी नींद आती है तो कोई जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग देर तक जगा रहता है। हमारी जैविक घड़ी जीवन भर निर्धारित नहीं रहती है। उम्र के अनुसार बदलती रहती है इसीलिए छोटे बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति आमतौर पर सुबह जल्दी उठ जाते हैं।
असामान्य नींद के दुष्प्रभाव: नींद रोग विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र के अनुसार समुचित नींद लेने से शरीर को पोषण मिलता है और बल, बुद्धि, पौरुष में वृद्धि होती है। इससे ज्ञानेंद्रियों की भी क्षमता बढ़ती है। सामान्य से अधिक निद्रा या कम निद्रा से तन और मन में रोग पैदा होते हैं। नींद पूरी न लेने से शरीर और मन बीमार हो जाता है। जिन लोगों को ठीक से नींद नहीं आती, उनमें कब्ज, गैस, भूख न लगना, अपच, एसिडिटी आदि रोग हो जाते हैं, शरीर का वजन घटने या बढ़ने लगता है, हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है। कुछ लोग रात को काम करते हैं और दिन में सोते हैं। ऐसा करना प्रकृति के नियम के विरुद्ध होता है। इससे भी आप कम उम्र में ही वृद्ध और रोगी हो जाते हैं।
तब आएगी अच्छी नींद: विशेषज्ञों के अनुसार गहरी नींद के लिए रात को सोने से लगभग दो घंटे पहले भोजन कर लें। सोने का समय और स्थान निश्चित करें। रात को यथासंभव जल्दी सो जाएं। सोते समय उत्तर दिशा में सिर न रखें। रात के भोजन के बाद मन को शांत रखें। बिस्तर पर लेटने के बाद किसी गंभीर मुद्दे के बारे में सोचें नहीं। सोने से पहले गहरा श्वांस-प्रश्वांस करें। भ्रामरी प्राणायाम और ॐ का जाप करना काफी फायदेमंद है, क्योंकि ऐसा करने से मन ठहर जाता है और ठहरा मन गहरी नींद देगा। हमारे द्वारा दिनभर किए गए कार्यों का असर रात को नींद पर पड़ता है, अतः दिनभर प्रसन्न और उत्साही रहें। दिन में शारीरिक श्रम या व्यायाम जरूर करें और मन को तनाव मुक्त रखें। गहरी नींद के लिए शरीर का थकना और मन का तनाव मुक्त रहना जरूरी है।
सोने का तरीका है महत्वपूर्ण
ब्रिटेन के कुछ बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञों के मुताबिक सोने के तरीके से व्यक्तित्व की पहचान की जा सकती है। ब्रिटेन में हुए इस शोध में लोगों के सोने के तरीकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में पांव सिकोड़कर सोने वालों को शामिल किया गया है, जिन्हें परेशान कहा गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ब्रिटेन में 58 फीसद लोग पांव सिकोड़कर सोते हैं। शोध विशेषज्ञ रॉबर्ट फिप्स के मुताबिक घुटने मोड़कर और सिर नीचे करके सोने वाले लोगों की इच्छा आरामदायक स्थिति में पहुंचने की होती है। दूसरी श्रेणी, सीधे सोने वालों की है। ब्रिटेन में तकरीबन 28 फीसद लोग लगभग बिल्कुल सीधे सोते हैं। ऐसे लोगों को दृढ़ इच्छाशक्ति का मालिक बताया गया है। ये लोग अक्खड़ होते हैं और अपने ऊपर आदेश पसंद नहीं करते हैं। हाथ सामने रखकर सोने वाले लोगों को पलायनवादी की संज्ञा दी गई है। लेकिन इनके बारे में दो तरह की टिप्पणियां की गई हैं। पहली, वे लोग अपने ख्वाबों और सपनों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। दूसरी, ऐसे लोगों को लगता है कि उनका कोई पीछा कर रहा है। चौथी श्रेणी, पेट के बल सोने वाले लोगों की है। ऐसे लोगों को लगता है कि उनका अपने पर नियंत्रण कम है।
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