ETFs के प्रकार

सोना-चांदी फिसले
सिल्वर ईटीएफ कर रहे हैं निवेशकों को निराश, ETFs के प्रकार दे रहे हैं घाटा
मुंबई- साल जोर-शोर से शुरू हुए 6 सिल्वर ETF ने निवेशकों को निराश किया है। इनको जनवरी और फरवरी में लाया गया था। निवेशकों को अब तक सभी से नुकसान हुआ है। साल की शुरुआत में सिल्वर ETF का प्रति यूनिट औसत भाव 61.50 रुपए था, जो 22 जून को घटकर 60.30 रुपए से नीचे आ गया। ETFs के प्रकार इस हिसाब से 2022 में अब तक सिल्वर ETF के निवेशक करीब 2% घाटे में हैं।
दूसरी तरफ इस दौरान गोल्ड ETF के निवेशक 5% से ज्यादा फायदे में हैं। हालांकि शुरुआती तीन महीनों में सिल्वर ETF के निवेशक औसतन 4.56% घाटे में थे। इसका मतलब है कि बीते दो महीनों में प्रदर्शन सुधरा है। अभी सिल्वर ETF का कुल एयूएम 850 करोड़ रुपए से ऊपर है।
देश में उपलब्ध सारे सिल्वर ETF में से किसी ने भी शुरुआती तीन महीनों में पॉजिटिव रिटर्न नहीं दिया। सिल्वर का 65-70% इस्तेमाल औद्योगिक जरूरतों में होता है। यही कारण है कि जब कभी इंडस्ट्री प्रभावित होते हैं, इसके दाम गिरने लगते हैं। तीन साल में गोल्ड के 48% के मुकाबले सिल्वर ने 58% रिटर्न दिया। लेकिन, बीते एक साल में सोने का रिटर्न जहां 8% रहा, वहीं चांदी के दाम 11% घटे हैं। इसका सीधा असर ETF पर हुआ, पर कुछ माह बाद उछाल आ सकता है।
Silver ETF : ICICI Prudential फंड सिल्वर ईटीएफ एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला, क्या आपको करना चाहिए निवेश?
ICICI Prudential Mutual Fund Silver ETF NFO : आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बुधवार यानी 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया। इसके अलावा, मार्केट रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा कुछ नियमों के अधीन कई म्यूचुअल फंड अपने सिल्वर ईटीएफ लाने के लिए तैयार हैं।
जानिए क्या है स्कीम?
सिल्वर ईटीएफ अपनी सिल्वर होल्डिंग्स के इनवेस्टमेंट रिटर्न को ट्रैक करेगा। सेबी नियमों के तहत सिल्वर ईटीएफ को 99.9 फीसदी शुद्धता वाली चांदी रखनी होती है। म्यूचुअल फंड्स को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) के स्टैंडर्ड्स के तहत चांदी का मूल्यांकन करना होता है।
ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 50-60 बेसिस प्वाइंट्स होगा। यह एक ईटीएफ है, इसलिए इसमें डीमैट अकाउंट रखने वाले इनवेस्टर ही निवेश करेंगे। इनवेस्टर्स को ब्रोकरेज फीस या एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन की दूसरी कॉस्ट चुकानी होगी। आईसीआईसीआई एमएफ 13 जनवरी, 2022 को सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड लॉन्च करेगी, जिससे इसमें वे लोग भी निवेश कर सकेंगे जिन के पास डीमैट अकाउंट नहीं है।
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यह कैसे करता है काम
कीमती मेटल होने के अलावा, चांदी इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होती है। इसलिए, इकोनॉमिक रिकवरी और ग्रोथ को देखते हुए यह अच्छा दांव हो सकती है।
चांदी कई इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट – इलेक्ट्रिकल सर्किट्स, बैटरीज, एलईडी चिप्स और आरएफआईडी चिप्स में इस्तेमाल होती है। इसका फोटोवोल्टिक सेल्स (सोलर एनर्जी के लिए), ETFs के प्रकार मेडिसिन, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, गैजेट, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आदि में भी इस्तेमाल है।
आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड के हेड-प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटजी चिंतन हरिया ने कहा, “चांदी का इंडस्ट्री में इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। इस ट्रेंड के कारण चांदी की खपत होती है और यह रिसाइकिल नहीं होती है। इसलिए, यदि मांग बढ़ती है तो चांदी की कीमतें ऊपर जा सकती हैं।”
Gold ETF: कम खर्च में निवेश का साधन, भौतिक सोने की तुलना में गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प
शुभ अवसरों पर सोना खरीदना हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। इस त्योहारी सीजन में भारतीय परिवार एक बार फिर गोल्ड की खरीदारी के लिए बाहर निकला है। एक भारतीय निवेशक के ETFs के प्रकार रूप में सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के उत्पाद खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। उपलब्ध सभी विकल्पों में से खरीदार को यदि गहनों की आवश्यकता नहीं है, तो जो विकल्प जो सबसे अधिक उम्दा है और जो सबसे बढ़िया निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है वह है गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड ईटीएफ भौतिक धातु में निवेश करने जितना ही अच्छा है। लेकिन इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स ETFs के प्रकार ETFs के प्रकार जैसा रखा जाता है। यह एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। इसकी यूनिट बहुत उच्च शुद्धता के भौतिक सोने जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ की स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है।
विस्तार
शुभ अवसरों पर सोना खरीदना हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा ETFs के प्रकार है। इस त्योहारी सीजन में भारतीय परिवार एक बार फिर गोल्ड की खरीदारी के लिए बाहर निकला है। एक भारतीय निवेशक के रूप में सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के उत्पाद खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। उपलब्ध सभी विकल्पों में से खरीदार को यदि गहनों की आवश्यकता नहीं है, तो जो विकल्प जो सबसे अधिक उम्दा है और जो सबसे बढ़िया निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है वह है गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड ईटीएफ भौतिक धातु में निवेश करने जितना ही अच्छा है। लेकिन इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसा रखा जाता है। यह एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। इसकी यूनिट बहुत उच्च शुद्धता के भौतिक सोने जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ की स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है।
कोई ETFs के प्रकार भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है। यदि आप निवेश के दृष्टिकोण से सोना खरीदना चाह रहे हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पोर्टफोलियो आवंटन के नजरिए से भी यह एक बेहतर स्थिति में है।
चौथे साल गोल्ड ईटीएफ से 942 करोड़ निकाले
नई दिल्ली। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। निवेशकों ने 2016 में इनमें से 942 ETFs के प्रकार करोड़ रुपये की पूंजी खींच ली। यह लगातार चौथा साल है जब ऐसे उत्पादों से निवेशकों का मन खिन्न होता रहा।
गोल्ड ईटीएफ शेयर की तरह है। इसमें ब्रोकर के जरिये डिजिटल रूप से सोना खरीद और बेच सकते हैं। यह एक यूनिट फंड है। इसमें निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह कि सोने का रखरखाव, बीमा और सुरक्षा से जुड़ी चिंता नहीं रहती।
म्यूचुअल फंडों के एसोसिएशन एम्फी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में गोल्ड ईटीएफ से 891 करोड़ रुपये निकाले गए थे। इसी प्रकार 2014 में इनमें से 1651 करोड़ रुपये और 2013 में 1815 करोड़ रुपये बाहर गए। 2012 में गोल्ड ईटीएफ में 1826 करोड़ रुपये का कुल निवेश हुआ। गोल्ड ईटीएफ की तुलना में बीते कुछ सालों में खुदरा निवेशकों ने इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंडों में ज्यादा पैसा लगाया है।
खास बातें
- मेकिंग चार्जेज पर जरूर करनी चाहिए बात
- एसजीबी सोने में निवेश पर ब्याज देते हैं
- ईटीएफ एक प्रकार से म्यूचुअल फंड की तरह है.
अकसर देखा जाता है कि लोग सोने में निवेश इसलिए भी करते हैं क्योंकि यह न केवल एक बेहतर विकल्प बल्कि समय पर इसे आसानी ETFs के प्रकार से नकद में बदला भी जा सकता है. वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि हाथ में सोना नकदी का अच्छा विकल्प है तो गोल्ड में डिमैट के जरिए निवेश जैसे ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और एसजीबी (सोवरिन गोल्ड बॉन्ड) कीमत लगातार बनाए रखता है. जो भी लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं वह खरीदने के लिए अकसर सही समय देखते हैं. यह जरूरी है कि इसके लिए टैक्स कानून की भी समझ हो.
जानकारों का कहना है कि सोना केवल बाजार की भावनाओं के आधार पर नहीं लेना चाहिए. सबसे पहले हमें तीन बेसिक बातों के बारे में ETFs के प्रकार जानना चाहिए. सोने, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड को समझना भी जरूरी है.