ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट: टेरा लूना की कीमत में भारी गिरावट
क्रिप्टो ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश मार्केट बुरे दौर से गुजर रहा है. बीते दिनों से गिरावट का दौर झेल रहे क्रिप्टो बाजार में ज्यादातर करेंसियों के दाम में भारी गिरावट आई. वैश्विक बाजार पूंजीकरण 3.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.24 ट्रिलियन डॉलर पर है, जबकि पिछले 24 घंटों में अधिकांश टॉप टोकन मूल्य में गिरावट देखी गई है.
हैदराबाद: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पिछले 24 घंटों में क्रैश हो गया है. कॉइन मार्केट कैप के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 24 घंटों में वैश्विक बाजार पूंजीकरण 3.11 प्रतिशत गिर गया और यह आज सुबह 1.24 ट्रिलियन डॉलर रहा. सबसे पॉपुलर करेंसी बिटकॉइन 0.65 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 29,307 डॉलर पर कारोबार किया.
वहीं, इथेरियम में भी गिरावट देखी गयी और यह 5.59 प्रतिशत की भारी ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश गिरावट के बाद 2,002 डॉलर पर कारोबार किया. टीथर (यूएसडीटी ) की कीमतों में पिछले 24 घंटों में 0.08 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है. क्रिप्टो निवेशकों में डर था कि बाजार में हलचल के बीच टीथर की कीमतें भी गिर जाएगी. यूएसडीसी में भी 0.04 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह 1डॉलर पर बनी रही.
बीएनबी टोकन में सुधार रहा और और अब यह 3.88 प्रतिशत बढ़ गया. वहीं, सोलाना में 9.99 फीसदी की भारी गिरावट आई. पिछले 24 घंटों में एक्सआरपी रिपल भी 4.79 प्रतिशत गिर गया. एडीए टोकन में 5.72 फीसदी की गिरावट देखी गई. डॉजकॉइन 2.58 फीसदी टूटा. कुल मिलाकर पिछले 24 घंटों में टॉप टोकनों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गयी.
नई क्रिप्टोकरेंसी
इस पृष्ठ पर, आप नवीनतम डिजिटल मुद्राओं के नाम, उनके सिंबल और वे कब जोड़ी गयी थीं, सब जान सकते हैं! शुरुआत में किसी सिक्के का मार्केट कैप और प्रचलित आपूर्ति के आंकड़े प्राप्त करने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आंकड़े जैसे ही हमारे पास पहुँचते हैं हम इस पृष्ठ को अपडेट कर देंगे।
आपको प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी की वर्तमान कीमत, और पिछले 24 घंटों के ट्रेडिंग वॉल्यूम की नवीनतम जानकारी मिलेगी।
नए DeFi टोकन
बेशक, क्रिप्टो बाजार में सबसे बड़े विकास क्षेत्रों में से एक विकेंद्रीकृत वित्त का क्षेत्र रहा है। इसे DeFi के नाम से जाना जाता है, उद्योग में मौजूद बहुत से टोकन शासन से संबंधित हैं और मालिकों को नेटवर्क में प्रस्तावित सुधारों पर वोट देने का अधिकार देते हैं। बाकियों का उपयोग स्टेकिंग पुरस्कार प्रदान करने के लिए किया जाता है।
नई क्रिप्टो संपत्तियों का आकलन करते समय, प्रैयोजना की टोकनोमिक्स के बारे में जितना हो सके उतना जानना और अपनी खुद की तफतीश करना बहुत ज़रूरी है। श्वेत पत्र, जो सामान्य रूप से स्टार्ट अप की वेबसाइट पर होते हैं, अक्सर आपको इस पर दिशा प्रदान करते हैं — ये बताते हैं कि डिजिटल परिसंपत्ति में कौनसी अनूठी विशेषताएँ है, उसके उपयोग के मामले क्या हैं और इसके भविष्य के लिए योजित राह क्या है। यह भी ध्यान में रखें कि कुछ क्रिप्टो सिक्के अपने शुरुआती दिनों में बहुत बढ़ते हैं, और अचानक कुछ दिनों बाद क्रैश हो जाते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के शुरुआती दिनों में, प्रारम्भिक सिक्का पेशकश (ICO) नए टोकनों को बाजार में लाने का एक लोकप्रिय तरीका था। हालांकि इसमें ऑल्टकोइन्स की बिक्री की जाती थी, ये उन्हें परियोजना में कोई स्वामित्व नहीं देते थे। ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश आजकल, सेक्योरिटी टोकन पेशकश और इनिशियल एक्सचेंज ओफरिंग ICO के मुक़ाबले काफी ज़्यादा सामान्य हैं।
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नयी क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें
मुख्य एक्सचेंजों जैसे बाइनेंस या कोइनबेस पर नवीनतम डिजिटल मुद्राएँ तुरंत दिखाई नहीं देती हैं — और उनके सूचीबद्ध होने में थोड़ा समय लग सकता है। परिणामस्वरूप, हो सकता है नयी क्रिप्टोकरेंसी को फ़िएट मुद्राओं से जोड़ने वाले व्यापारिक जोड़े उपलब्ध नहीं हों। इन नवेली परियोजनाओं के लिए छोटे प्लेटफार्मों पर सूचीबद्ध होना आम हैं, जहां व्यापार जोड़े उन्हें टेथर जैसे स्टेबलकोइन्स और बिटकोइन एवं एथेरियम से लिंक करते हैं।
याद रखें: एक परियोजना की सफलता इस पर निर्भर करती है कि क्रिप्टो समुदाय उसे कितना अपनाता है। सोशल मीडिया पर ख्याति — और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण, ट्रेडिंग वॉल्यूम — आपको इस बात का संकेत दे सकती है कि किसी परियोजना में कितना कर्षण है।
बाजार में हजारों क्रिप्टोकरेंसी आने के साथ, ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग नए और रोमांचक तरीकों से किया जा रहा है। रुझान लगातार उभर रहे हैं, और जागरूकता और स्वीकरण में वृद्धि हो रही है। केन्द्रीय बैंक उत्साह के साथ डिजिटल मुद्राओं पर विचार कर रहे हैं — और फेसबुक जैसी निजी कंपनियाँ लिब्रा जैसी स्टेबलकोइन परियोजनाएं शुरू कर रही हैं — आने वाले महीनों और सालो में बाजार में और भी कई क्रिप्टोकरेंसी देखने की उम्मीद है।
भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX क्रैश, फाउंडर ने निवेशकों को जल्द ठीक होने का दिया भरोसा
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है.
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है.
भारत के सबसे बड़े बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक WazirX क्रैश कर गया है. निवेशकों की चिंता पर WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कई ट्वीट करके कहा कि सर्वर क्रैश कर गए थे और उन्हें ठीक करने में कुछ समय लगेगा. शेट्टी ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स द्वारा तय आंतरिक लिमिट को छू लिया है. वह उसे जितना संभव हो, बढ़ाने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं. कृप्या इसका समाधान होने तक इंतजार करें.
जब WazirX ट्विटर पर घबराए निवेशकों के साथ मीम की बाढ़ के साथ ट्रेंड होना शुरू हुआ, तो शेट्टी ने लिखा कि जब व्यवस्था का एक हिस्सा खराब होता है, तो सभी सेवाओं पर बुरा असर होता है. जिस स्तर पर वे काम करते हैं, उस पर चीजों को वापस ले जाने में कुछ समय लगेगा. कृप्या धैर्य रखें, वह जल्द वापस आ जाएगा. टीम इस पर काम कर रही है.
वॉलेट को बताया सुरक्षित
इससे पहले रविवार को शेट्टी ने ट्वीट किया था कि WazirX ने 24 घंटे की ट्रेडिंग वॉल्यूम में 270 मिलियन डॉलर को पार कर लिया है. उन्होंने दावा किया था कि यह भारत में किसी ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश भी समय किसी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम है. एक्सचेंज क्रैश के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यह फर्क नहीं पड़ता कि आप ट्रैफिक के लिए कितना तैयार करते हैं, कुछ सिस्टम लोड अलग होते हैं. हां वॉलेट सुरक्षित है. हमारे सिस्टम पर लोड बहुत अधिक है. स्केलिंग लंबा समय ले रही है.
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WazirX के सीओओ सिद्धार्थ ने कहा कि एक्सचेंज अपने सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया. उन्होंने ट्वीट किया कि वे सिस्टम ATH ट्रेड का अनुभव कर रहे हैं. उनकी टीम तेज करने की कोशिश कर रही है. इंतजार करिए. क्योंकि कुछ निवेशकों ने इशारा किया कि उनके फंड शून्य दिख रहे हैं, शेट्टी ने कहा कि वे सभी लोग जो कह रहे हैं कि फंड्स शून्य दिख रहे हैं, यह इसलिए है क्योंकि सिस्टम के कुछ भाग काम नहीं कर रहे हैं. ऐसा एक सिस्टम वह है जो फंड वैल्यू दिखाता है. वह दोबारा काम करना तब शुरू कर देगा, जब सभी सेवाएं ठीक हो जाएंगी.
WazirX को मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था. 2019 में, एक्सचेंज को Binance ने अधिग्रहित कर लिया था.
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भारत सरकार की क्रिप्टोकरेंसी बैन की तैयारी, क्रैश हुआ बिटकॉइन
The Fact India: केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. अब कभी भी क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया जा सकता है. इस खबर के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिल रही है. बुधवार सुबह बिटकॉइन 17% से ज्यादा गिरावट देखी जा रही है. क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी. बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है.
सरकार लाएगी बिल
सभी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाएगी.
क्रिप्टो करेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी. इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की ओर से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टो करेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.
जोखिम की वजह से सावधानी
गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है. इनका कुछ पता नहीं होता कि ये कहां से शुरू हो रही हैं और कहां से संचालित हो रही हैं. ऐसे में ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश सरकार ने इसके बारे में फैसला करने के बारे में सोचा है जिसे अच्छा कदम माना जा रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है. कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC देश की फिएट करेंसी (जैसे रुपया, डॉलर या यूरो) का एक डिजिटल संस्करण है. इसे केंद्रीय बैंक जारी करता है. साथ ही इसकी गारंटी भी देता है. यह फिएट करेंसी के साथ ही वन टु वन एक्चेंजेबल है. इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है.
आरबीआई क्यों चाहता है कि देश में क्रिप्टो पर बैन लगे? क्या यह संभव हो सकेगा?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने को लेकर जो सबसे बड़ी समस्या आएगी वह यह है की वर्तमान समय में इस करेंसी में भारत के 15 से 20 मिलियन लोगों ने इन्वेस्ट कर रखा है, इन सभी की होल्डिंग मिला दी जाए तो यह लगभग 40 हजार करोड़ के आसपास है.
संयम श्रीवास्तव | Edited By: सुष्मित सिन्हा
Updated on: Dec 19, 2021 | 9:01 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने बोर्ड के सामने कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर पूरी तरह से बैन लगना चाहिए. इसके साथ ही रिजर्व बैंक चाहता है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक ग्लोबल पॉलिसी भी बननी चाहिए. अब सवाल उठता है कि जिस क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट हिंदुस्तान में लाखों करोड़ों डॉलर का है, क्या वहां क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बंद करना इतना आसान होगा. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने बोर्ड के प्रेजेंटेशन में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध होना चाहिए, इसमें आंशिक प्रतिबंध काम नहीं करेंगे.
हालांकि आरबीआई का क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रुख कोई नया नहीं है. वैकल्पिक मुद्राओं को मान्यता देने के विरोध में आरबीआई हमेशा रहा है. हालांकि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश देश में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा या नहीं लगेगा इसका फैसला भारतीय संसद करेगी. दरअसल इसी शीतकालीन सत्र में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन आफ ऑफिशल डिजिटल करेंसी बिल 2021 को सूचीबद्ध किया है. जानकारी के अनुसार इस बिल में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही बिल में यह भी मांग है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना वारंट के गिरफ्तारी का प्रावधान हो और उन्हें जमानत भी ना मिले.
आरबीआई क्यों चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी बैन हो
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन करेंसी होती है. यानि इसके डिमांड एंड सप्लाई पर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. एक करेंसी के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत ज़्यादा खामियां हैं, जिसको लेकर आरबीआई चिंतित है. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी के डिसेंट्रलाइज होने की वजह से आप इसे ट्रैक नहीं कर सकते. यानि अगर इस क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और हवाला जैसे चीजों के लिए होता है तो आरबीआई या कोई भी गवर्नमेंट एजेंसी इसे ट्रैक नहीं कर सकती. हमें समझना होगा कि आज आरबीआई का काम केवल यह नहीं है कि वह देश में पैसा सर्कुलेट करे, बल्कि आरबीआई आज ट्रांजैक्शंस को ट्रैक भी करता है.
समस्या इस बात की है कि जब किसी करेंसी पर कोई होल्ड नहीं होता या उसे कोई रेगुलेट करने वाला नहीं होता तो यह तेजी से ऊपर जाता है और तेजी से नीचे गिरता है. जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है. हाल ही में आपने देखा होगा जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बात आई पूरा मार्केट कैसे रातों-रात क्रैश हो गया. हालांकि इसके पहले इसी मार्केट ने ही लोगों को रातों-रात कई सौ गुना प्रॉफिट भी दिया था. यानि साफ शब्दों में कहें तो यह मार्केट पूरी तरह से रिस्क कि रास्ते पर चलता है. जहां आपको 1 दिन में कई सौ गुना प्रॉफिट भी हो सकता है और 1 दिन में कई सौ गुना लॉस भी हो सकता है.
क्या पूरी तरह से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन पॉसिबल है
इसे सीधे शब्दों में समझें तो डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगाना संभव नहीं है, क्योंकि बैन के बाद भी लोग इसे एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी सिंपल कंप्यूटर कोड के पीस होते हैं, जिसे बैन नहीं किया जा सकता. हां, लेकिन यह जरूर है कि इस पर एक रेगुलेटरी बैन लगाया जा सकता है. जिसकी वजह से मेंन स्ट्रीम यूजर्स को क्रिप्टो में ट्रेड करने में दिक्कत आएगी. एक बात यह भी है कि सरकार हो सकता है क्रिप्टो को एक करेंसी के रूप में बैन करे और इसे एक ऐसेट के रूप में लागू रख सकती है.
संभव यह भी है कि भारत सरकार शीतकालीन सत्र में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगा कर आरबीआई द्वारा रेगुलेट डिजिटल करेंसी लॉन्च करे, जिस पर आरबीआई और केंद्रीय संस्थाएं अपना होल्ड बनाए रखें और उस पर जनता को ट्रेड करने का अवसर प्रदान करे. क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने को लेकर जो सबसे बड़ी समस्या आएगी वह यह है की वर्तमान समय में इस करेंसी में भारत के 15 से 20 मिलियन लोगों ने इन्वेस्ट कर रखा है, इन सभी की होल्डिंग मिला दी जाए तो यह लगभग 40 हजार करोड़ के आसपास है. इसलिए आने वाले समय में सरकार को बेहद सोच समझकर इस आभासी मुद्रा पर फैसले लेने होंगे.
क्रिप्टोकरेंसी बैन हो गई तो इन्वेस्टर्स का क्या होगा
ब्रोकर डिस्कवरी और कंपैरिजन प्लेटफार्म ब्रोकर चूज़र की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्रिप्टो मालिकों की संख्या के मामले में भारत पहले नंबर पर है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया भर में क्रिप्टो मालिकों की संख्या में अगर भारतीयों के योगदान को देखें तो यह 10.7 करोड़ है. बीते 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्च, स्क्रिप्ट मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स और अन्य फैक्टर्स के आधार पर भारत सातवां सबसे ज्यादा क्रिप्टो अवेयर देश है. इन 10 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 40,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है.
सवाल उठता है कि अगर भारत सरकार इन क्रिप्टोकरेंसीज को बैन कर देती है तो फिर इन इन्वेस्टर्स और इनके पैसे का क्या होगा. अगर भारत ने क्रिप्टोकरेंसी बैन होती है तो इन्वेस्टर्स के पास 2 प्राइमरी ऑप्शन बचेंगे. पहला इन्वेस्टर अपनी करेंसी को बेच दे या फिर दूसरा कि अपने क्रिप्टो ऐसैट्स को करेंसी एक्सचेंज वॉलेट में रखें. यानि जो लोग बैन के बाद भी क्रिप्टोकरेंसी को अपने पास रखना चाहते हैं, वह इसे सिर्फ कस्टडी वॉलेट्स में रख सकते हैं.
यह वॉलेट डिजिटल डिवाइस माइक्रोएसडी की तरह काम करते हैं. Ledger, Safepal, Trezor, Bitlox जैसे सेल्फ कस्टडी डिवाइस इन्वेस्टर्स की प्राइवेट ‘बिटकॉइन की’ को स्टोर रखते हैं. भारत में अगर क्रिप्टोकरेंसी बैन होती है तो इन वॉलेट्स के जरिए इन्वेस्टर विदेश में रह रहे अपने दोस्त या किसी रिश्तेदार को अपनी सारी क्रिप्टोकरेंसी भेज सकते हैं.