क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी

क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में क्या योजना बन रही है?
भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है.
यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.
हालांकि, 25 साल की रुचि पाल की उम्मीदें अभी भी बहुत ऊंची हैं और उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में ही व्यापार करने का फ़ैसला किया है.
वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी. हां वे इसे विनियमित ज़रूर करेगी लेकिन प्रतिबंध नहीं लगाएगी. मैं सोचती हूं कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था जब हर कोई क्रिप्टो करेंसी पर बात कर रहा था और कुछ कार्रवाई हुई थी और फिर सबकुछ समाप्त हो गया था."
भारत सरकार जिस डिजिटल करेंसी पर विचार कर रही है उस पर वो क्या सोचती हैं? इस सवाल पर रुचि कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल चीज़ है. इसको शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम इसे अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. यह अच्छा विचार है लेकिन हमें बिटकॉइन की तरह इसको स्वीकार करने में वक़्त लगेगा. यह हमारी ज़िंदगियों पर ख़ास असर नहीं डालेगा."
भारतीय बड़ी संख्या में क्रिप्टो करेंसी ख़रीद रहे हैं लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक डाटा नहीं है. वे पर्याप्त लाभ कमाने के मौक़े को छोड़ना नहीं चाहते हैं.
क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले एक व्यक्ति बिना नाम सार्वजनिक किए हुए कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि अगर कोई प्रतिबंध लगने वाला है तो मैं उसके होने से पहले अच्छा लाभ कमाऊं. मैं पैसा बनाने का मौक़ा छोड़ना नहीं चाहता हूं."
Cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान
वर्तमान में क्रिप्टो मार्किट में लगभग 10,000 से भी अधिक क्रिप्टोकोर्रेंसी उपलब्ध क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी है। जिनमे से ज्यादातर क्रिप्टोकोर्रेंसी को कोई नहीं जनता और जानते भी होंगे तो इनमे निवेशकों ने बहुत ही कम पैसे निवेश किये है। लेकिन इन्ही में से शीर्ष के ऐसे क्रिप्टोकोर्रेंसी है जो काफी लोकप्रिय हो चुके है। और लोग इनमे अधिक से अधिक पैसे निवेश किये है। जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, टेथर, शीबा इनु इत्यादि।
Cryptocurrency लगभग पिछले चार-पांच सालों से देश में काफी लोकप्रिय होते जा रहा है और इसमें निवेशकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ते जा रही है। हालाँकि इसकी शुरुवात 2008 से हो चूका था। परन्तु नए लोगो के लिए Cryptocurrency को समझने में थोड़ी परेशानी तो होती ही है। जो की स्वाभाविक है। तो आइये जाने क्रिप्टोकोर्रेंसी क्या है।
Table of contents
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What Is Cryptocurrency?)
क्रिप्टोकररेंसी या क्रिप्टोग्राफिक मनी एक डिजिटल प्रकार की मुद्रा है। यह कोई भौतिक धन (Physical currency ) नहीं है और न ही असल सिक्के या नोट है जिसे हम अपने पास या बैंक अकाउंट में जमा कर सकें। मतलब बिटकॉइन,एथेरियम और दूसरे क्रिप्टो करेंसी जैसे कोई भी भौतिक मुद्रा के रूप में उपलब्ध नहीं है जिसे लोग बाजार में असली पैसे के रूप में उपयोग कर सके। इसलिए यह पारम्परिक मुद्रा से बिलकुल ही अलग तरीके से संचालित होती है।
हमारे देश की करेंसी के नोट सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश पर छापे जाते है। लेकिन क्रिप्टोकोरेंसी को अलग तरीके से बनाया और जारी किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकररेंसी को तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से प्रचलन में लाया जाता है जिसमे दुनिया भर के क्रिप्टो समुदाय के लोगो की भागीदारी शामिल होती है। यानि इसे दुनियाभर के क्रिप्टो तकनीक के जानकार लोग अपने अपने कम्पूटरो के माध्यम से तैयार करने के भागीदार होते है। वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी प्रमुख दो प्रोटोकॉल Proof of Work और Proof of Stake पर आधारित होते है।
क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह डिजिटल यानि सिर्फ आभाषी मुद्रा है जो ब्लॉक चैन पर संग्रहित होते है। ब्लॉकचैन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा बनाये रखने के लिए डाटा और सूचनाओ को एन्क्रिप्ट करने की जरुरत होती है जो क्रिप्टोग्राफ़ी प्रणाली पर चलती है। इसलिए इसे क्रिप्टोग्राफ़ी मनी भी कहते है। इसे किसी भी देश के सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित या संचालित नहीं किया जा सकता जिसके कारण ही इसे विकेन्द्रीकृत (decentralized) परिभाषित किया जाता है।
क्रिप्टोग्राफ़ी, क्रिप्टोकररेंसी एक्सचेंस के डिसेंट्रलाइज़्ड माध्यम के रूप में कार्य करता है जंहा ये डिजिटल हस्तांतरण (transaction) का सत्यापन, जाँच करके पूर्ण करने का कार्य करता है। और साथ ही नए क्रिप्टो करेंसी के निर्माण में उनके अंतर को चिन्हित करने का कार्य क्रिप्टोग्राफ़ी से ही होता है।
क्रिप्टोकररेंसी में आदान प्रदान (एक्सचेंस) मुख्य रूप से ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होते है जो क्रिप्टोकररेंसी को डिसेंट्रलाइज़्ड रूप में रखता है। ब्लॉकचैन, एक सार्वजनिक बही खाता की तरह है जिसमे अब तक उस नेटवर्क में किये गए सभी लेन देन की जानकारी होती है। इसलिए उस नेटवर्क के हर कोई सभी लेन देन की जानकारी देख सकता है।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकररेंसी का इस्तेमाल वर्तमान में पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ते जा रहा है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना फ़िएट मनी या नकद से उसके विनिमय दर यानी एक्सचेंज रेट पर की जाए तो यह उपयोगी और लाभकारी हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
इनके आलावा, क्रिप्टो के माध्यम रेगुलर इनकम कमाने के भी बहुत से तरीके है, जैसे आप क्रिप्टो माइन कर सकते हैं, इसे उधार देकर कमा सकते हैं, क्रिप्टो उधार भी ले सकते हैं और क्रिप्टो स्टेकिंग कर एक निश्चित आय भी कमा सकते है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of Cryptocurrencies
ढेरो खुबिया होने के बावजूद इसमें बहुत सी खामिया भी है। इसे इस्तेमाल करना यानी इसके वॉलेट का प्रयोग, ट्रांसेक्शन करना, अपने क्रिप्टो को सुरक्षित करना आदि सीखने में थोड़ा समय लगता है यानि वर्तमान में यह पूरी तरह से यूजर फ्रेंडली नहीं है। पर जिस तेजी से लोग इसमें जुड़ते जा रहे है इसमें बहुत तेजी से सुधर हो रहा है।
और इसमें आपके क्रिप्टो के साथ कुछ भी होने पर केवल आप ही जिम्मेदार होंगे क्योकि आपके एसेट्स पर आपका पूरा नियंत्रण रहता है इसलिए आपको इसकी सुरक्षा भी खुद ही करनी होगी। थोड़ी सी भी चूक होने पर आप अपना पूरा क्रिप्टो (एसेट्स) हमेशा के लिए खो सकते है। और इन सबकी शिकायत के लिए ग्राहक सहायता जैसी कोई भी सुविधा नहीं होती। यानी थोड़ी सी चूक नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो और विकेन्द्रीकृत में सिक्योर रहने के लिए आपको सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान से पालन करें।
और अंत में बात करते है इसकी अस्थिरता (volatility) की। क्रिप्टो करेंसी बेहद अस्थिर है, इनमे बहुत तेजी से उतर चढ़ाव होता है। जिस कारण इसमें अधिक मुनाफा भी होता है लेकिन उसी तरह अधिक नुकसान भी हो सकता है। लेकिन अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हो तो जानते ही होंगे क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी की यह बड़ी समस्या नहीं है। और इससे बचने के बहुत से तरीके है। जैसे स्टेबल कॉइन में निवेश कर सकते है या पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई किया जा सकता है। और तो और क्रिप्टो मार्किट की अस्थिरता समय के साथ कम होते जा रहा है। यानि इसकी अस्थिरता भविष्य में ज्यादा मायने नहीं रखेगी।
cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi
what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?
cryptocurrency क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी
cryptocurrency का मतलब क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।
किसने बनाई cryptocurrency?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।
कैसे खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी?
वैसे तो Cryptocurrency को खरीदने के दो प्रमुख तरीके है। लेकिन भारत सहित आज पूरे विश्व में सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। अगर हम भारत की अगर बात करें तो भारत में लोकल के साथ साथ अनेकों अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं जहाँ से आप आसानी से Cryptocurrency में निवेश कर सकते है।
कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (what is cryptocurrency in hindi) के बाद अब दिमाग में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि डिजिटल रूप में कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो आपको बता दें कि दुनिआ में कुल 1800 से क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है।
क्रिप्टो करेंसी में कैसे होता है लेनदेन?
क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल होता है। मतलब जब भी क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है और उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है। cryptocurrency इनक्रिप्टेड यानि कोडेड होती हैं और इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में प्रत्येक लेन-देन एक डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है।
भारत के टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज!
भारत में क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। भारत में सबसे खास बात यह है कि ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज खरीदारी के लिए चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। शुरुआत में ये क्रिप्टो एक्सचेंज आपको cryptocurrency क्या है? समझने में भी हेल्प भी करते हैं। इनके जरिए क्रिप्टो करेंसी को खरीदना-बेचना काफी आसान है।
- CoinDCX
- Coinswitch
- WazirX
- Kuber
- Coinbase
- Binance
क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार का रुख!
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इस समय क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी भारत में कोई कानून नहीं है। भारत में न ही cryptocurrency का कोई रेगुलेशन सिस्टम है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी है कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। इससे यही संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही इसपर कोई टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।
FAQs: cryptocurrency क्या है?
Q: क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। यह एक आभाषी करेंसी होती है जो दिखाई नहीं देती और न ही इसे आप इसे छू सकते हैं। इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं क्योकि इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।
Q: क्रिप्टोकरेंसी को कौन संचालित करता है?
Ans: क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता है। इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। इसके अनियमित होने का यही एक प्रमुख कारण है।
Q: दुनियां की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी कौन सी है?
Ans: बिटक्वाइन(Bitcoin) वर्तमान में दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है।
Q: दुनियां की टॉप डिजिटल मुद्रा कौन हैं?
Ans: दुनियां की टॉप 5 डिजिटल मुद्रा में बिटक्वाइन, इथेरियम, पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।
Q: क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में टेक्नोलॉजी का स्तेमाल किया जाता है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी: भारत में क्या है लीगल स्टेटस? कैसे होती है खरीदी-बिक्री? कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?
बुधवार को पूरी क्रिप्टो दुनिया हिल गई थी. क्योंकि, इसे मार्केट कैप में करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था और Binance और कॉइनबेस सहित कई बड़े ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्रैश हो गए थे, जिससे निवेशकों को निराशा हुई थी. हालांकि, बाद के घंटों में Bitcoin, Ethereum और Dogecoin जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी में सुधार देखने को मिला था. ये हालिया गिरावट वित्तीय और भुगतान संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने से बैन करने के चीन के फैसले के बाद आई थी.
चीन की तीन सरकारी संगठनों नेशनल इंटरनेट फाइनेंस एसोसिएशन ऑफ चाइना, चाइना बैंकिंग एसोसिएशन और पेमेंट एंड क्लियरिंग एसोसिएशन ऑफ चाइना ने सोशल क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी मीडिया पर चेतावनी जारी की थी. संगठनों ने निवेशकों से कहा था कि अगर उन्हें क्रिप्टो-करेंसी इन्वेस्टमेंट ट्रांजैक्शन्स में कोई लॉस होता है तो उनके पास कोई प्रोटेक्शन नहीं होगा.
चीन के फैसले पर बाजार की प्रतिक्रिया और उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट, इन डिजिटल कॉइन्स की अस्थिर प्रकृति को उजागर करती है, जिसे ट्रांजैक्शन का फ्यूचर माना जा रहा है. ये भारत में क्रिप्टो के लीगल स्टेटस और उस पर सरकार के रुख पर भी ध्यान केंद्रित करता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लीगल स्टेटस
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लीगल स्टेटस को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रस्तावित किया था, जिसमें Bitcoin और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था. हालांकि, बाद में इसमें और कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ. एक हालिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया है.
क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता. यानी आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं. यहां तक बतौर इन्वेस्टमेंट इसे रख भी सकते हैं. लेकिन, इसकी देखभाल या सुरक्षा के लिए कोई गवर्निंग बॉडी नहीं है.
WazirX के फाउंडर और CEO निश्चल शेट्टी ने हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे टेक से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, 'भारत में अभी इसे लेकर बहुत कनफ्यूजन है. क्योंकि, देश में इसके लिए कोई रेगुलेशन नहीं है. जब लोग इसके बारे में सुनते हैं तो डर जाते हैं. वास्तव में इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारे चीजें अनरेगुलेटेड हैं. इनमें Ola और Uber के नाम शामिल हैं. यहां तक की ई-कॉमर्स भी अनरेगुलेटेड है.' इन्वेस्टर्स के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि रेगुलेटेड नहीं होने से फ्रॉड और स्कैम की संभावना बढ़ जाती है.
क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
बाजार में ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है. देश में मौजूद पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं.
शेयर बाजारों के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे काम करते हैं. इसका मतलब ये है कि आप हफ्ते में किसी भी दिन और दिन के किसी भी समय पैसे का निवेश और निकासी कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे. इन्वेस्टर्स के पास क्रिप्टो की खरीदी-बिक्री के लिए प्री-डिसाइडेड लिमिट सेट करने का भी ऑप्शन होगा.
क्रिप्टो को खरीदने के लिए कोई लिमिट तय नहीं है. इन्वेस्टर्स बहुत छोटे अमाउंट से भी शुरू कर सकते हैं. चुनौती क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी ये है कि अधिकांश बैंक क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ काम करने को तैयार नहीं हैं, जिसने इससे लेनदेन की प्रक्रिया को मुश्किल बना दिया है.
निश्चल इसे एक्सप्लेन करते हुए कहते हैं 'बैंक हमें सही तरीके से डिपॉजिट एक्सेप्ट करने का ऑप्शन नहीं दे रहे हैं और अगर बैंकिंग सिस्टम क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का सपोर्ट नहीं करेगा, तो वे कैसे ठीक से काम कर सकते हैं. अभी, हमें हर हफ्ते एक नए बैंक को प्लेटफॉर्म पर इंटीग्रेट करना होगा. क्योंकि मौजूदा बैंक काम करना बंद कर देते हैं. इसका सीधा असर यूजर्स पर पड़ता है.'
साफ तौर पर क्रिप्टो इंडस्ट्री भारत में काफी नई है. इनमें UPI ट्रांजैक्शन्स भी काम नहीं आते. ऐसे में इन्वेस्टर्स को इसमें इन्वेस्ट करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना होगा. क्रिप्टोकरेंसी की खरीदी बिक्री के लिए दूसरा ऑप्शन P2P ट्रांजैक्शन्स हैं. यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजैक्शन्स. इसमें आप इंट्रेस्टेड बायर/सेलर ढूंढ कर एक्सचेंज कर सकते हैं.
क्रिप्टो के साथ आप क्या कर सकते हैं?
क्रिप्टो मार्केट ने पिछले कुछ सालों में काफी ग्रोथ पाई है. लेकिन, फैक्ट ये है कि इसके साथ आप ज्यादा कुछ कर नहीं सकते. उदाहरण के तौर पर बात करें तो आप इससे सैंडविच नहीं खरीद सकते. ऐसे में वास्तविक दुनिया में ये बहुत हद तक किसी काम का नहीं है. लेकिन, बतौर 'स्टोर ऑफ वैल्यू' ये बहुत काम आ सकता है. इसकी तुलना चांदी या सोने से की जा सकती है, जिन्हें लोग इसलिए खरीदते हैं क्योंकि उनमें वैल्यू बढ़ने की संभावना देखते हैं.
इस पर शेट्टी ने कहा, 'बिटकॉइन का मकसद बिल्कुल गोल्ड की तरह है, यानी वैल्यू स्टोर करना. वास्तव में, यह सोने की तुलना में ज्यादा एक्सेसिबल है क्योंकि इसे खरीदने के लिए आपको केवल एक मोबाइल फोन और इंटरनेट की जरूरत होती है. लेकिन सोने को बहुत आसानी से यूज किया जा सकता है, यही बात क्रिप्टो को और अधिक अस्थिर बनाता है.
इन सबके अलावा हर क्रिप्टोकरेंसी की अपनी अलग वैल्यू है. जैसे Bitcoin को गोल्ड के सब्सटीट्यूट के तौर पर देखा जाता है. तो वहीं, कुछ Shiba Inu जैसे कॉइन हैं, जिनका कोई काम नहीं है ना इनकी कोई वैल्यू है. ये मीम कॉइन्स हैं. ऐसे में कई फैक्टर्स हैं जो किसी कॉइन का वैल्यू डिसाइड करते हैं.
दुनिया में जो चीज सीमित मात्रा में उपलब्ध होती है, उसकी वैल्यू काफी ज्यादा होती है. यही बात क्रिप्टोकरेंसी पर भी लागू होती है. इसलिए Bitcoin इतना पॉपुलर है. क्योंकि, ये लिमिटेड है. दूसरी तरफ Dogecoins में कोई लिमिट नहीं है. ऐसे मे ये आगे चलकर फेल हो सकता है. साथ ही कॉइन का इस्तेमाल कैसे होगा, ये फैक्टर भी इसकी वैल्यू डिसाइड करता है. अगर इसका इस्तेमाल किसी खास पर्पज के लिए किया जाए, तो इसकी वैल्यू बढ़ सकती है.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी क्रिप्टो करेंसी क्या है व इसकी पूरी जानकारी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.