भारत में ETF

दुनिया भर में ईटीएफ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दस वर्षों में दुनिया भर में ईटीएफ एयूएम भारत में ETF 19 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है. 2020 में यह 7.7 लाख करोड़ डॉलर (562 लाख करोड़ रुपये) का लेवल पार कर दिया है. भारत की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में ईटीएफ एयूएम 65 फीसदी सीएजीआर से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2016 में कुल एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) में ईटीएफ की हिस्सेदारी 2 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 10 फीसदी हो गई. दिलचस्प तथ्य यह भी है कि ईटीएफ में 90 भारत में ETF फीसदी निवेश इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (मुख्य रूप से ईपीएफओ) का है.
निवेशकों के लिए खुशखबरी, मोदी सरकार की इस स्कीम में सुरक्षा के साथ होगी मोटी इनकम
मौजूदा आर्थिक हालात में निवेश के ज्यादातर साधनों को लेकर निवेशकों के मन में आशंकाएं बढ़ गई हैं. निवेशकों को लग रहा है कि जिस इंस्ट्रूमेंट में उन्होंने निवेश किया हुआ है वहां से बेहतर रिटर्न मिलेगा या नहीं. ऐसे हालात में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न के साथ-साथ सबसे सुरक्षित ऑप्शन को पेश किया है. इसमें निवेश करके निवेशक निश्चिंत हो सकते हैं और शानदार रिटर्न भारत में ETF हासिल कर सकते हैं.
भारत बॉन्ड ETF के जरिए 15 हजार करोड़ जुटाने की योजना
भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) का सार्वजनिक निर्गम बृहस्पतिवार को खुल गया. मोदी सरकार इस महत्वाकांक्षी निर्गम के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) भारत में ETF भारत बांड ईटीएफ के निर्गम का प्रबंधन कर रही है. भारत बांड ईटीएफ को हाल में मंजूरी मिली है. बता दें कि यह देश का पहला कॉर्पोरेट बांड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है.
कैसे करें सही ETF का चुनाव? निवेश से पहले इन पैरामीटर्स का रखना चाहिए ध्यान
भारत समेत दुनिया भर में ईटीएफ के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है.
मौजूदा दौर में निवेशकों के सामने निवेश के कई विकल्प हैं. इनमें से एक विकल्प एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) का है जो निवेशकों की पूंजी को कई शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. इसमें पारंपरिक स्टॉक्स और बांड्स से लेकर करेंसीज और कमोडिटीज जैसी मॉडर्न सिक्योरिटीज भी शामिल हैं. कोई भी निवेशक ब्रोकर के जरिए ईटीएफ के अपने शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकता है. इसका कारोबार शेयर बाजार में किया जाता है.
कम एक्पेंस रेशियो (0.06 फीसदी तक कम), एक्टिव फंड्स की तुलना में बेहतर टैक्स एफिशिएंसी, डाइवर्सिफिकेशन बेनेफिट्स और इंडेक्स लिंक्ड रिटर्न के चलते ईटीएफ तेजी से पॉपुलर हो रहा है. हालांकि रिलायंस सिक्योरिटीज के सीईओ लव चतुर्वेदी के मुताबिक जैसे किसी स्टॉक में निवेश से पहले पड़ताल करना जरूरी होता है, वैसे ही ईटीएफ में निवेश से पहले कुछ पहलुओं पर जरूर कर लेना चाहिए.
निवेश से पहले इन पैरामीटर्स पर परखें ईटीएफ को
- ईटीएफ में सिर्फ इक्विटीज की बजाय सभी एसेट क्लासेज शामिल होने भारत में ETF चाहिए.
- ईटीएफ को चुनते समय या उसमें निवेश करने भारत में ETF से पहले निवेशकों को एल4यू स्ट्रेटजी पर भरोसा रखना चाहिए- लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज.
- ईटीएफ की लिक्विडिटी से निवेशकों को स्टॉक भारत में ETF एक्सचेंज पर इसकी खरीद या बिक्री करने में आसानी रहेगी. लिक्विडिटी का मतलब है कि एक्सचेंजों पर ईटीएफ की पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम होनी चाहिए.
- आमतौर पर ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होते हैं लेकिन भारत में ETF निवेशकों को विभिन्न ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो की आपस में तुलना जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह ओवरऑल रिटर्न को प्रभावित भारत में ETF भारत में ETF करता है.
- इंपैक्ट कॉस्ट एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को लेकर इनडायरेक्ट कॉस्ट है. लिक्विडिटी अधिक होने पर इंपैक्ट कॉस्ट कम होता है और इस प्रकार निवेशकों को इनडायरेक्ट टैक्स कम चुकाना पड़ेगा.
- किसी भी ईटीएफ को चुनते समय लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है. इससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है. आमतौर पर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक 0-2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है.
- किसी ईटीएफ का चुनाव करते सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर होता है.
कोटक महिंद्रा AMC भारत का पहला निफ्टी अल्फा 50 ETF करेगी लॉन्च, जानें सबकुछ
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी भारत के अब तक के पहले निफ्टी अल्फा 50 ETF, कोटक निफ्टी अल्फा 50 ETF को लॉन्च करेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी भारत के अब तक के पहले निफ्टी अल्फा 50 ETF, कोटक निफ्टी अल्फा 50 ETF को लॉन्च करेगी. यह निफ्टी अल्फा 50 इंडैक्स को ट्रैक करेगा. यह ओपन एंडेड फंड हाई अल्फा वाले शेयरों के बेहतर डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करने का मौका देता है. एक रिलीज में कहा गया है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों के एक्टिव पोर्टफोलियो को बैलेंस करने के टूल के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
अल्फा को बेहतर रिटर्न के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह टर्म किसी शेयर द्वारा उसके रिस्क क्लास के लिए बाजार की डिमांड से ज्यादा डिमांड से ज्यादा या कम रिटर्न को मापता है.
निवेशकों भारत में ETF के लिए खुशखबरी, मोदी सरकार की इस स्कीम में सुरक्षा के साथ होगी मोटी इनकम
मौजूदा आर्थिक हालात में निवेश के ज्यादातर साधनों को लेकर निवेशकों के मन में आशंकाएं बढ़ गई हैं. निवेशकों को लग रहा है कि जिस इंस्ट्रूमेंट में उन्होंने निवेश किया हुआ है वहां से बेहतर रिटर्न मिलेगा या नहीं. ऐसे हालात में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न के साथ-साथ सबसे सुरक्षित ऑप्शन को पेश किया है. इसमें निवेश करके निवेशक निश्चिंत हो सकते हैं और शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
भारत बॉन्ड ETF के जरिए 15 हजार करोड़ भारत में ETF जुटाने की योजना
भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) का सार्वजनिक निर्गम बृहस्पतिवार को खुल गया. मोदी सरकार इस महत्वाकांक्षी निर्गम के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) भारत बांड ईटीएफ के निर्गम का प्रबंधन कर रही है. भारत बांड ईटीएफ को हाल में मंजूरी मिली है. बता दें कि यह देश का पहला कॉर्पोरेट बांड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है.