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पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों

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E-NAM पोर्टल पर अब मिलेंगी 3 नई सुविधाएं, बढ़ेगी आमदनी

E-NAM: राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) की शुरुआत के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं. वर्षगांठ के उपलक्ष में कृषि मंत्री ने 3 सुविधाओं की सौगात दी है.

  • PTI-भाषा
  • Publish Date - April 14, 2021 / 01:38 PM IST

E-NAM पोर्टल पर अब मिलेंगी 3 नई सुविधाएं, बढ़ेगी आमदनी

राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) की शुरुआत के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं. ई-नाम की पांचवी 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में कृषि मंत्री ने 3 सुविधाओं की सौगात दी है. इसमें ई-नाम पर मंडी जानकारी, ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना का एकीकरण और सहकारी मॉड्यूल जैसी नई सुविधा दी गई है. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ई-नाम प्रोजेक्ट हो या कृषि सुधार बिल, ये सब किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने वाले है, किसानों की आमदनी बढ़ाने वाले हैं, किसानों के घर में समृद्धि लाने वाले हैं, किसानों के बच्चों को कृषि की ओर आकर्षित करने वाले हैं. इसलिए भारत सरकार पूरी दृढ़ता के साथ इस पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों पर काम कर रही है.

E-NAM पर मिलेंगी ये सुविधाएं
ई-नाम किसानों की डिजिटल पहुंच को कई बाजारों और खरीदारों तक डिजिटल रूप से पहुंचाता है और कीमत में सुधार के इरादे से व्यापार लेनदेन में पारदर्शिता लाता है. साथ ही यह गुणवत्ता के अनुसार कीमत और कृषि उपज के लिए “एक राष्ट्र-एक बाजार” की अवधारणा को भी विकसित करता है. किसानों के लिए कृषि उत्पादों के बाजार को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ई- नाम की शुरुआत की गई, जो अब 18 राज्य 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 1000 मंडियों में ई-नाम की सफलता से पहुंच चुकी है. अब इसमें 1000 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है.

इसका उद्देश्य एकीकृत राष्ट्रीय कृषि इलेक्ट्रॉनिक बाजार का निर्माण करना है. इस पोर्टल के अंतर्गत पूरे देश के किसानों और मंडियों को रजिस्टर कराना होता है। फिलहाल, 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्यापारी ई-नाम प्‍लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं.

ये नई सुविधाएं मिलेंगी
– अब इस पोर्टल और ऐप पर मंडी जानकारी पृष्ठ जोड़ा गया है, जो कि किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
– ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्र/ गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है.
– भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी. मौसम सूचना से कटाई करने और बाजार निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी.

लॉकडाउन में किसानों के लिए रहा बेहतर विकल्प
बता दें, कोविड-19 की शुरुआत में हुए लॉकडाउन के दौरान, मंत्रालय ने थोक बाजारों में भीड़ कम करने और आपूर्ति श्रृंखला को चुस्त बनाने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ई-नाम के किसानों और व्यापारियों के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ.

ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड करने पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों का विकल्प
किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्यापारियों के साथ ऑनलाइन माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं और व्‍यापारी किसी भी स्‍थान से ई-नाम पर बिक्री के लिए उपलब्‍ध लॉट की बोली लगा सकते हैं। ई-नाम प्‍लेटफार्म पर अनुमानित 1.30 लाख करोड़ रुपए मूल्य का कुल संयुक्त व्‍यापार रिकॉर्ड किया गया है.

ऑनलाइन और पारदर्शी प्रणाली मोबाइल ऐप भी मौजूद
ई-नाम प्लेटफॉर्म / मोबाइल ऐप को किसानों के अनुकूल सुविधाओं के साथ और मजबूत किया गया है, जैसे कि ऐप के माध्यम से लॉट का एडवांस पंजीकरण, जो बदले में मंडी के प्रवेश गेट पर किसानों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा और बड़ी दक्षता लाएगा और गेट पर कृषि उत्पाद के आगमन की रिकॉर्डिंग की सुविधा देगा, किसान अब अपने मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट देख सकते हैं, मोबाइल के माध्यम से किसान अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति देख सकते हैं और किसान आसपास की मंडियों में कीमतों की वास्तविक समय की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.

BHIM के जरिए भुगतान की सुविधा
वजन तौलने में पारदर्शिता लाने के लिए ई-नाम प्लेटफॉर्म पर बोली लगाने के बाद किसानों की वस्तुओं को सही ढंग से तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू प्रदान किए गए हैं. व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान अब BHIM भुगतान सुविधा का उपयोग करके मोबाइल फोन के माध्यम से किया जा सकता है.

e-NAM की 5वीं वर्षगांठ पर 3 सुविधाओं की सौगात, क्या है e-NAM जो एक राष्ट्र-एक बाजार के तहत किसानों के लिए है गेम चेंजर

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राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई- नाम) की शुरुआत के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ई-नाम की पांचवी 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में कृषि मंत्री ने 3 सुविधाओं की सौगात दी है। इसमें ई-नाम पर मंडी जानकारी, ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना का एकीकरण और सहकारी मॉड्यूल जैसी नई सुविधा दी गई है।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ई-नाम प्रोजेक्ट हो या कृषि सुधार बिल, ये सब किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने वाले है, किसानों की आमदनी बढ़ाने वाले हैं, किसानों के घर में समृद्धि लाने वाले हैं, किसानों के बच्चों को कृषि की ओर आकर्षित करने वाले हैं। इसलिए भारत सरकार पूरी दृढ़ता के साथ इस पर काम कर रही है।

क्या ई-नाम (eNAM)

ई-नाम किसानों की डिजिटल पहुंच को कई बाजारों और खरीदारों तक डिजिटल रूप से पहुंचाता है और कीमत में सुधार के इरादे से व्यापार लेनदेन में पारदर्शिता लाता है। साथ ही यह गुणवत्ता के अनुसार कीमत और कृषि उपज के लिए “एक राष्ट्र-एक बाजार” की अवधारणा को भी विकसित करता है।

किसानों के लिए कृषि उत्पादों के बाजार को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ई- नाम की शुरुआत की गई, जो अब 18 राज्य 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 1000 मंडियों में ई-नाम की सफलता से पहुंच चुकी है। अब इसमें 1000 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य एकीकृत राष्ट्रीय कृषि इलेक्ट्रॉनिक बाजार का निर्माण करना है। इस पोर्टल के अंतर्गत पूरे देश के किसानों और मंडियों को रजिस्टर कराना होता है। फिलहाल, 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्यापारी ई-नाम प्‍लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं।

नई सुविधाएं

>अब इस पोर्टल और ऐप पर मंडी जानकारी पृष्ठ जोड़ा गया है, जो कि किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
>ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्र/ गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है।
>भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी। मौसम सूचना से कटाई करने और बाजार निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी।

लॉकडाउन में किसानों के लिए रहा बेहतर विकल्प

बता दें, कोविड-19 की शुरुआत में हुए लॉकडाउन के दौरान, मंत्रालय ने थोक बाजारों में भीड़ कम करने और आपूर्ति श्रृंखला को चुस्त बनाने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ई-नाम के किसानों और व्यापारियों के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ।

ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड करने का विकल्प

किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्यापारियों के साथ ऑनलाइन माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं और व्‍यापारी किसी भी स्‍थान से ई-नाम पर बिक्री के लिए उपलब्‍ध लॉट की बोली लगा सकते हैं। ई-नाम प्‍लेटफार्म पर अनुमानित 1.30 लाख करोड़ रुपए मूल्य का कुल संयुक्त व्‍यापार रिकॉर्ड किया गया है।

ऑनलाइन और पारदर्शी प्रणाली मोबाइल ऐप भी मौजूद

ई-नाम प्लेटफॉर्म / मोबाइल ऐप को किसानों के अनुकूल सुविधाओं के साथ और मजबूत किया गया है, जैसे कि ऐप के माध्यम से लॉट का एडवांस पंजीकरण, जो बदले में मंडी के प्रवेश गेट पर किसानों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा और बड़ी दक्षता लाएगा और गेट पर कृषि उत्पाद के आगमन की रिकॉर्डिंग की सुविधा देगा, किसान अब अपने मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट देख सकते हैं, मोबाइल के माध्यम से किसान अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति देख सकते हैं और किसान आसपास की मंडियों में कीमतों की वास्तविक समय की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

BHIM के जरिए भुगतान की सुविधा

वजन तौलने में पारदर्शिता लाने के लिए ई-नाम प्लेटफॉर्म पर बोली लगाने के बाद किसानों की वस्तुओं को सही ढंग से तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू प्रदान किए गए हैं। व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान अब BHIM भुगतान सुविधा का उपयोग करके मोबाइल फोन के माध्यम से किया जा सकता है।

Mandi Bhav: इंदौर में आज अनाज और सब्जी के दाम, देखें 29 नवंबर 2022 का मंडी भाव

Mandi Bhav Today

Mandi Bhav : इस खबर में हम आपके लिए मप्र मंडी का ताजा और सटीक भाव लेकर आएं हैं। इंदौर में आज के मंडी भाव की बात करें तो गेंहू के दाम आज 2100 से शुरू 3000 तक बने हुए हैं। वहीं डॉलर चना के शुरुआती भाव 3500 हैं। इसके अलावा यहां आपको दलहन, तिलहन, सोयाबीन, मूंग, मक्का, चना, मसूर, तुअर और सब्जी के भाव मिलेंगे।

सोयाबीन- 1500 से 5540

गेंहू- 2101 से 2950

गेंहू सुजाता- 2700 से 3021

मक्का- 1800 से 2073

डॉलर चना- 3500 से 12775

देशी चना- 3705 से 5000

चना कांटा- 3800 से 4350

मसूर- 5607 से 6070

मूंग- 5790 से 6125

मूंग एवरेज- 4501 से 7501

तुअर- 5000 से 5995

तुअर सफेद महाराष्ट्र – 5000 से 7225

तुअर कर्नाटक- 4276 से 4476

निमाड़ी तुअर- 5620 से 6710

सरसों निमाड़ी- 5800 से 6271

उड़द बोल्ड- 6045 से 6630

उड़द मीडियम- 4700 से 7100

हलका उड़द- 3601 से 4551

सब्जी भाव

सेब- 1500 से 7000

केला- 800 से 2400

टमाटर- 200 से 1000

कद्दू- 600 से 1200

खीरा- 1000 से 2000

भिंडी- 600 से 1800

पालक – 300 से 600

करेला- 1000 से 2500

बेंगन- 400 से 800

फुल गोभी- 400 से 1000

अदरक- 1500 से 5500

हरी मिर्च- 1000 से 2500

पपीता- 800 से 2800

अनानास- 1500 से 4500

पत्ता गोभी- 200 से 600

धनिया- 500 से 1000

शिमला मिर्च- 1000 से 2000

मोसंबी- 1500 से 4500

टेंसी– 200 से 600

प्याज भाव

एक्स्ट्रा सुपर प्याज- 1200

सुपर प्याज- 850 से 1100

एवरेज प्याज- 500 से 800

आलू भाव

एक्स्ट्रा सुपर आलू- 2800

ज्योति आलू- 1800 से 2100

चिप्सोना आलू- 800 से 1700

गुल्ला आलू- 200 से 800

छांटन आलू- 100 से 200

लहसुन भाव

एक्स्ट्रा सुपर लहसुन- 3000

सुपर लहसुन- 1600 से 2000

एवरेज लहसुन- 1200 से 1500

मीडियम लहसुन- 700 से 1000

हलकी लहसुन- 100 से 500

(Disclaimer- यहां दिए गए भाव व्यापारियों की जानकारी के मुताबिक दिए गए है, इनमे उतार चढ़ाव हो सकता है।)

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e-Nam Portal : आपकी फसल का मिलेगा ज्यादा दाम, सरकार से मिलते हैं कई फायदे

e-Nam Portal : आपकी फसल का मिलेगा ज्यादा दाम, सरकार से मिलते हैं कई फायदे

जानें, क्या है राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल और किसानों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती है

किसानों को कृषि क्षेत्र में होने वाली समस्याओं को जानने एवं उनका समाधान करने के लिए केन्द्र सरकार समय-समय पर अभियान चलाती है। इन अभियानों द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को जानकर उनका समाधान करने के लिए योजनाएं बनाई जाती है। अक्सर देखा जाता है कि फसल की बुवाई से लेकर कटाई और फिर इनके बाद किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें नुकसान होता है और अपनी फसल का सही मूल्य भी प्राप्त नहीं कर पाते। इसी क्रम में केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों को अपने फसलों को लेकर होने वाली समस्या को सुलझाने के लिए ई-नाम या राष्ट्रीय कृषि बाजार नाम की योजना को शुरू किया हुआ है।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है, जो कृषि से संबंधित उपजों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा एग्रीकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) मंडी का एक प्रसार है। इस ई-नाम पोर्टल के माध्यम से देश के किसान अपनी फसलों को कहीं से भी और कभी भी ऑनलाइन आसानी से बेच सकते हैं। ऑनलाइन बेची गई फसलों का भुगतान अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से आपको केन्द्र सरकार द्वारा शुरू राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल से संबंधित सभी जानकारी से अवगत करते हैं। इस पोर्टल से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल

किसानों को फसल बिक्री के समय आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल की शुरुआत की गई थी। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इस ई-नाम पोर्टल को लागू किया गया है। यह एक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने हेतु मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोडता है। जिससें देश के किसानों को काफी फायदा होता है। देश के किसान इस भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल पर अपनी फसल ऑनलाइन घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से तय मूल्य पर बेच सकते हैं। देश के किसान ई-नाम पोर्टल पर अपना पंजीकरण ऑनलाइन कर सकते पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों हैं।

इतने किसान और व्यापारी ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकृत हुए

किसानों के लिए कृषि उत्पादों के विपणन को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ई- नाम की शुरूआत की गई, जो अब 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 मंडियों तक पहुँच गई है। भारत सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 8 मार्च तक इस पोर्टल पर पूरे देश की 1 हजार मंडियां रजिस्टर हैं। साथ ही इन 1 हजार मंडियों में पोर्टल पर फिलहाल 1.72 करोड़ से अधिक किसान और 2.19 लाख व्यापारी रजिस्टर हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर के मीडिया में प्रकाशित बयानों के अनुसार 1000 मंडियों में ई-नाम की सफलता को देखते हुए अब 1000 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है।

नई सुविधाओं को किया गया लॉन्च

जानकारी के लिए बता दें कि कृषि उत्पादों के विपणन को आसान बनाने के लिए आरम्भ किए गए ई-नाम पोर्टल को आरम्भ हुए करीब 5 पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों साल से अधिक हो चुके हैं। ई-नाम पोर्टल की पांचवी वर्षगाठ पर केन्द्र कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के किसानों के लिए तीन नयी सुविधाओं को लॉन्च किया था।

मंडी जानकारी पृष्ठ किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

अब ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्रध्/गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है।

भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी। मौसम सूचना से कटाई करने और विपणन निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी।

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