रिपल में कमियां

कैपिटल्स की बल्लेबाज़ी में गहराई की कमी चिंता का विषय लेकिन उनके गेंदबाज़ इसकी भरपाई करने में सक्षम
एक क़रीबी मैच के रिपल में कमियां दौरान जब सामने वाली टीम में एमएस धोनी और आपकी टीम में रबाडा हों तो यह बहुत स्वभाविक है कि आप रबाडा के साथ आख़िरी ओवर में गेंदबाज़ी करवाएंगे। रबाडा और धोनी के बारे में जब हम बात करते हैं तो हमें कानपुर के उस मैच को जरूर याद करना चाहिए, जब रबाडा ने अपनी तेज़ गति और सटीक लेंथ से धोनी को अंतिम ओवर में लक्ष्य को प्राप्त करने से रोक दिया था। आईपीएल में धोनी ने रबाडा के 13 गेंदों का सामना किया है जिसमें उन्होंने सात रन बनाए हैं और एक बार आउट भी हुए हैं। इस बात को लेकर काफ़ी चर्चाएं हुई कि रबाडा की जगह पहले क्वालीफ़ायर के अंतिम ओवर में टॉम करन से पंत ने गेंदबाज़ी क्यों करवाई?
धोनी और मोईन अली का तेज़ गेंदों के ख़िलाफ़ उनकी कमज़ोरी जग ज़ाहिर है, लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि डेथ ओवरों में रबाडा पिछले कुछ समय से बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इस आईपीएल में डेथ ओवरों में कम से कम 10 ओवर फेंकने वाले गेंदबाज़ों में उनकी इकॉनमी रेट सबसे खराब है। डेथ ओवर में वह दिल्ली कैपिटल्स की पहली पसंद नहीं रहे हैं। इस बार आईपीएल में दिल्ली की ओर से आवेश ख़ान ने 22 और रिपल में कमियां रबाडा ने 13 डेथ ओवर फेंके हैं। आवेश ने सुपर किंग्स के खि़लाफ़ 19वां ओवर फेंका, जो अक्सर आपके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी विकल्प के लिए आरक्षित होता है। यह इस बात की पुष्टि थी कि कैपिटल्स को रबाडा पर पूरा भरोसा नहीं था।
संक्षेप में अगर कहें तो रबाडा, धोनी और मोईन के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी करना एक आकर्षक विकल्प हैं, लेकिन वह 2019 के आईपीएल फ़ाइनल के लसिथ मलिंगा नहीं हैं, जो 3-0-42-0 के आंकड़े के बावजूद अंतिम ओवर के लिए कप्तान के लिए सबसे भरोसेमंद पसंद हो। इसके अलावा आवेश ने धीमी गेंद से धोनी को दो बार परेशान किया है, जिसके कारण पंत ने करन को आख़िरी आोवर में गेंद थमाया।
कैपिटल्स के कोच रिकी रिपल में कमियां पोंटिंग ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्होंने अभी तक पंत के साथ उस फै़सले पर चर्चा नहीं की है। बाद में इस पर चर्चा होगी और ख़ारिज कर दिया जाएगा क्योंकि शायद वह जानते हैं कि 40 ओवरों के मैच में एक ओवर पर ज़्यादा ध्यान देना बेमानी होगी।
अगर अंतिम ओवर के बार में फ़ैसला लेना ही है या बात करनी है तो पहली पारी के बारे में चर्चा क्यों ना हो। जब सिर्फ पांच विकेट गिरे थे और पंत अंतिम ओवर में बल्लेबाज़ी कर रहे थे। छठे विकेट के लिए की गई उस साझेदारी में आठ गेंदों में नौ रन आए, जिसमें से चार रन भीतरी किनारे से लग कर आया था।
फिर से आप पंत के दृष्टिकोण के बारे में बहस कर सकते हैं, लेकिन यहां वह बात नहीं है। मुद्दा यह है कि यहां कैपिटल्स टीम की संरचना ही एक समस्या है। ऐसे समय में जब अधिकांश टीमें बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई रखना चाह रही हैं, वहीं कैपिटल्स ने यूएई में अधिकांश बार अक्षर पटेल को नंबर छह और सात पर बल्लेबाज़ी करवाई है। उस टीम की शैली के ख़िलाफ़ बहस करना मुश्किल है, जिसने 15 मैचों में से 10 जीते हैं, पिछले साल वह लीग स्टेज में शीर्ष दो टीमों में शामिल थी और उससे एक साल पहले नंबर तीन पर। उन्होंने इस साल विपक्षी टीमों के ख़िलाफ़ एक ऐसे आक्रमण के साथ खेल को आगे बढ़ाया है, जो इस साल के आईपीएल में खेली गई ज़्यादातर परिस्थितियों के लिए काफ़ी हद तक अनुकूल है। जब मार्कस स्टॉयनिस घायल हो गए तो उन्होंने बल्लेबाज़ी की गहराई की जगह गेंदबाज़ी की गहराई को चुना। परिणाम स्वरूप बल्लेबाज़ों को उसी हिसाब से खुद को ढालना पड़ा।
कैप्टिल्स की टीम को इस साल पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पांच बार हार मिली है। वहीं पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उन्हें सिर्फ एक बार जीत मिली है। उन पराजयों में से एक हार कोलकाता के ख़िलाफ़ आई, जब दिल्ली की बल्लेबाज़ों ने काफ़ी ख़राब प्रदर्शन किया था। वहीं दो और हार ऐसे थे, जहां उनकी टीम ने एक मामूली स्कोर खड़ा किया था और ऐसा इसी कारण से था क्योंकि दिल्ली की बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई नहीं है।
स्टॉयनिस के चोट के बाद कैपिटल्स की टीम ने स्मिथ को भी टीम में लाकर एक चांस लिया गया लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि उनकी गेंदबाजी उनकी ताकत थी और उन्हें इसे बनाए रखने की जरूरत थी। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि उन्हें रबाडा और आर अश्विन के लिए किसी बैकअप की जरूरत थी जो कि अभी अपने सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में नहीं हैं।
अश्विन ने आईपीएल में अपनी 32% गेंदें उस दौरान फेंकी हैं, जब पिच पर दो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ मौजूद थे। • BCCI
पिछले दो मैचों में अश्विन ने सिर्फ़ तीन ओवर फेंके हैं क्योंकि विपक्षी टीमों में काफी ज़्यादा दाएं हाथ के बल्लेबाज़ थे। उन्होंने इस आईपीएल में अपनी 32% गेंदें उस दौरान फेंकी हैं, जब पिच पर दो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ मौजूद थे। यह वास्तव में एक उपलब्धि है क्योंकि आईपीएल में कोई और ऑफ़ स्पिनर नहीं है, जिसने अपनी 18% से अधिक गेंद तब फेंका हो जब पिच पर दो दाएं हाथ के बल्लेबाज़ मौजूद हो। एक साथ रखा जाए तो वॉशिंगटन सुंदर और जयंत यादव ने जब पिच पर दाएं हाथ के दो बल्लेबाज़ हों तो उन्होंने एक बार भी गेंदबाज़ी नहीं की है।
अश्विन एकमात्र ऑफ़ स्पिनर हैं जो अकेले एक गेंदबाज़ के रूप में नियमित रूप से खेल सकते हैं, लेकिन खेल की स्थिति ऐसी है कि जब दो दाएं हाथ के बल्लेबाज पिच पर होते हैं तो उन्हें कुछ देर के लिए गेंदबाज़ी से दूर रखना पड़ सकता है। उन्होंने इस आईपीएल में सिर्फ़ दो ही दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को आउट किया है। अमित मिश्रा, जिन्होंने आईपीएल के पहले हाफ़ में अक्षर की अनुपस्थिति में अच्छा खेला था, अश्विन का एक विकल्प हो सकते हैं। लेकिन क्या दिल्ली कैपिटल्स की टीम किसी ऐसे खिलाड़ी को प्लेऑफ़ में चुनने का साहस कर सकती है जिसने पिछले नौ मैच नहीं खेले हैं?
कैपिटल्स की टीम की यही स्थिति है। जब स्टॉयनिस को चोट लगी तो उनकी जगह पर रिपल पटेल को टीम जगह दी गई लेकिन बाद में फिर से उन्हें ऐसा लगा कि उन्हें एक गेंदबाज़ की जरूरत है। कोई अन्य ऑलराउंडर उपलब्ध नहीं होने के कारण, कैपिटल्स ने खुद को रिपल में कमियां वैसी ही बल्लेबाज़ी के साथ छोड़ दिया। कोई अन्य ऑलराउंडर उपलब्ध नहीं होने के कारण कैपिटल्स ने खुद को उथली बल्लेबाजी के साथ छोड़ दिया। इस तरह की सेट-अप के साथ बल्लेबाज़ी में आप ज़्यादा गलती नहीं कर सकते। 2013 में जब रिकी पोटिंग मुंबई इंडियंस रिपल में कमियां की कप्तानी कर रहे थे तब भी उनकी टीम का हाल तकरीबन आधे सीज़न के लिए कुछ ऐसा ही थी। उस टीम में हरभजन सिंह नंबर सात पर बल्लेबाज़ी करते थे।
पोंटिंग अब उसी तरह की टीम के नेतृत्व समूह का हिस्सा हैं। उनके अगले प्रतिद्वंद्वी कोलकाता नाइट राइडर्स, अपनी गेंदबाज़ी से फिर से कैपिटल्स पर आक्रमण करेंगे। नीतीश राणा किसी न किसी तरह से हमेशा अश्विन को मात देते हैं। साथ ही कोलकाता की टीम में बाएं हाथ के कुछ ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। इसलिए स्टॉयनिस अगर अगला मैच नहीं खेल पाते हैं तो नंबर 6 पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के साथ खेलना जोख़िम भरा हो सकता है। दूसरा क्वालीफ़ायर शारजाह में होगा जहां लीग मैचों के दौरान दिल्ली की टीम केवल 127 रन बना पाई थी। शायद इस पिच पर दिल्ली पहले बल्लेबाज़ी नहीं करना चाहेगी। पोटिंग को पता है कि ऐसी बल्लेबाज़ी क्रम के साथ रिपल में कमियां वह इस टूर्नामेंट को जीत सकते हैं। ऐसा करने के लिए उनकी टीम के गेंदबाज़ों को बढ़िया गेंदबाज़ी करनी होगी, जैसा कि उन्होंने पिछले 15 में से 10 मैचों में किया है।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
जरूरत के मुकाबले उपलब्ध नहीं हो रहा है एक चौथाई भी रक्त
अहमदाबाद. शहर की प्रमुख ब्लड बैंक में इन दिनों रक्त की कमी आने से दान की अपील की गई है। बढ़ती गर्मी, कॉलेजों की छुट्टी, लोगों के घूमने जाना और रमजान माह के चलते यह स्थिति मानी जा रही है। हाल में हालात यह है कि जरूरत के मुकाबले एक चौथाई भी रक्त उपलब्ध नहीं हो रहा है।
मुख्य ब्लड बैंक इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी में ही इन दिनों रक्त की तेजी से कमी आई है। अहमदाबाद ब्लड बैंक रिपल में कमियां की चिकित्सा निदेशक डॉ. रिपल शाह ने बताया कि शहर में प्रतिदिन थेलेसीमिया के २५ से ३० मरीजों को निशुल्क रक्त मुहैया कराया जाता है। कुल मिलाकर प्रतिदिन औसतन १५० यूनिट की जरूरत होती है। उनके अनुसार आमदिनों में इससे अधिक रक्त मिल जाता है , लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि केवल पच्चीस से तीस यूनिट रक्त ही उपलब्ध हो पा रहा है, जो जरूरत की तुलना में एक चौथाई से भी कम है। उनका कहना है कि बैंक के रक्त संग्रह में फिलहाल तीन से चार दिनों की जरूरत ही पूरी हो पाएगी। यही स्थिति रही तो आगामी दिनों में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बैंक प्रबंधक ने आमजन से रक्तदान करने की अपील की है। सूत्रों के अनुसार अकेली रेडक्रॉस ही नहीं अन्य ब्लड बैंकों में भी रक्त संग्रह की स्थिति ठीक नहीं है।
इस बार आई है ज्यादा कमी
डॉ. रिपल शाह मानती हैं कि गर्मी में वैसे तो हर बार ही थोड़ी बहुत कमी आती है लेकिन इस बार यह कमी ज्यादा हो गई है। इस बार गर्मी अधिक होना इसका प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा कॉलेजों की छुट्टी, लोगों का बाहर घूमने जाना और रमजान माह चलना भी इसके कारण हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नियमित दानदाताओं की भी गर्मी ने सोच बदली है। कुछ नियमित दानदाताओं की सोच का हवाला देते हुए चिकित्सक ने बताया कि गर्मी में खून बनने में देरी लगती है। हालांकि चिकित्सक मानते हैं कि गर्मी मेेंं रक्तदान करने से इस तरह की समस्या नहीं होती है।
गुजरात में भीषण गर्मी के कारण ब्लड बैंकों में खून की कमी
अहमदाबाद। राज्य में एक तरफ भीषण गर्मी के कारण लोग परेशान हैं, वहीं ब्लड बैंकों में खून की कमी के कारण थैलेसिमिया, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क हादसे तथा ऑपरेशन जैसे कठिन समय में तो तुरंत ही खून की जरुरत होती है। ऐसे में ब्लड बैंकों द्वारा खून की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है।
रेडक्रॉस के निदेशक डॉ. रिपल शाह ने बताया कि लोगों में ऐसी मान्यता है कि गर्मियों में ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आती है और इससे चक्कर आते हैं। अहमदाबाद रेडक्रॉस में रोज 200 यूनिट खून की मांग है, लेकिन मौजूदा समय में केवल 25 यूनिट ही मिल रहे हैं। कॉलेज, स्कूलों में छुट्टी होने के कारण भी ब्लड बैंकों को रक्तदाता नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस दौरान अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो और खून की जरुरत पड़ती है तो खून के अभाव के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। थैलेसिमिया पीड़ित मरीजों रिपल में कमियां को नियमित रुप से ब्लड चढ़ाना पड़ता है। शहर में ब्लड की आवश्यकता पूर्ण करने के लिए रक्तदान करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के कारण रक्तदाताओं की संख्या में कमी आई है, जिसकी वजह से हमारे पास केवल दो-चार दिन चलने लायक ही खून रिपल में कमियां रिपल में कमियां बचा है। लोगों को फोन कर रक्तदान करने के लिए अपील की जा रही है। स्वयंसेवी संगठनों, मित्र मंडल सहित कई सामाजिक संस्थाओं की मदद से सोशल मीडिया पर रक्तदान करने के लिए लोगों को जागृत किया जा रहा है।
XRP की सामाजिक गतिविधि स्पाइक का इसके नेटवर्क पर यह प्रभाव पड़ेगा
रिपल का [XRP] लूनर क्रश के रूप में सामाजिक उल्लेख और जुड़ाव बढ़ गया की सूचना दी रिपल में कमियां वह XRP की व्यस्तता 24 मिलियन तक बढ़ गई। इसका मतलब यह था कि टोकन हजारों क्रिप्टोकरेंसी के बीच सामुदायिक संपर्क की ऊंचाई पर पहुंच गया।
पढ़ना रिपल की कीमत भविष्यवाणी 2023-2024
रिपल पर बोल्ट को ढीला करना
सेंटिमेंट के अनुसार, स्पाइक के बाद, एक्सआरपी का नेटवर्क विकास प्रवृत्ति का पालन करने में विफल रहा और 2776 तक गिर गया। मीट्रिक पहले 13 नवंबर तक 9878 तक बढ़ गया था।
वर्तमान कमी अभिव्यंजना रिपल चेन पर केवल कुछ नए पते शामिल किए गए हैं। नेटवर्क पर पहले से मौजूद पतों ने महत्वपूर्ण लेनदेन करने पर रोक लगा दी है।
इसके अलावा, इस लेखन के अनुसार लाभ या हानि में लेन-देन की मात्रा 1.445 थी। इस मीट्रिक की स्थिति का अर्थ है कि अंतराल के भीतर लेन-देन की गई संपत्ति केवल मध्यम लाभ और हानि में थी। इसलिए, सामाजिक मीट्रिक वृद्धि ने शायद ही कभी निवेशकों के लिए पर्याप्त लाभ कमाया हो।
ऐसा लगता है कि XRP के निवेशकों ने डेरिवेटिव बाजार में टोकन के व्यापार में अपनी रुचि फिर से जगा दी है। के अनुसार कॉइनग्लास, लगभग सभी एक्सचेंजों में XRP का फ्यूचर ओपन इंटरेस्ट सकारात्मक रहा है।
वास्तव में, यह नवीनीकृत ब्याज दो अंकों की प्रतिशत वृद्धि में था। तो, यह निश्चित था कि डेरिवेटिव बाजार में वॉल्यूम जबरदस्त रूप से भरा हुआ था।
वृद्धि के बावजूद, व्यापारियों ने अपने धन का कुछ हिस्सा बाजार में खो दिया था। प्रेस समय के अनुसार, कुल 24-घंटे के $3.50 मिलियन परिसमापन का एक समान विभाजन प्रतीत होता है। इसका तात्पर्य यह है कि एक्सआरपी मूल्य वृद्धि और रिपल में कमियां गिरावट के बीच झूल रहा है।
ये है औरों का हाल
डेरिवेटिव बाजार के हितों के बावजूद, नकारात्मक भावना क्रिप्टो समुदाय द्वारा प्रदर्शित लाभकारी आशावाद को कम करने की कोशिश में थी। सेंटिमेंट के मुताबिक, नकारात्मक भाव 20.67 के मुकाबले सकारात्मक भाव 30.32 रहा।
इस स्थिति के कारण, यह अत्यधिक संभावना थी कि आने वाले दिनों में एक्सआरपी निवेशकों द्वारा संचय का विषय हो सकता है।
फिर भी, इसका एसईसी के साथ मामला कोई महत्वपूर्ण अद्यतन नहीं किया है। इसलिए, हाल ही में सामाजिक स्पाइक का टोकन के आसपास की चर्चा से कम लेना-देना था।