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2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है

2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है
पुराने और बेकार कानूनों को खत्म करने का एक तरीका कानून बनाते समय उसके लागू रहने की समयावधि तय करने की भी है, जिसे कानूनी भाषा में सनसेट क्लॉज के नाम से जाना जाता है। इस प्रावधान के तहत कानून बनने पर एक निश्चित समय सीमा के बाद वह अपने आप निष्प्रभावी हो जाता है। अगर सरकार को लगता है कि उक्त कानून की प्रासंगिकता बरकरार है तो वह उसे संसद में एक्सटेंड कर सकती है।

(लेखक पब्लिक पॉलिसी मामलों के जानकार हैं)

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साल 2023 में कब और कितने ग्रहण होंगे? भारत में कौन सा ग्रहण कब दिखेगा, जानिए सबकुछ

साल 2023 में कब और कितने ग्रहण होंगे? भारत में कौन सा ग्रहण कब दिखेगा, जानिए सबकुछ

TV9 Bharatvarsh | Edited By: प्रदीप तिवारी

Updated on: Nov 24, 2022 | 4:43 PM

Grahan 2023 Date And Sutak Kaal: खगोलीय और धार्मिक नजरिए से ग्रहण की घटना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. साल 2022 के समापन होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. सभी को नए साल की शुरुआत होने का बेसब्री से इंतजार रहता है. हर कोई यह जानने को उत्सुक रहता है कि आने वाले साल में कब और कितने ग्रहण देखने को मिलेंगे. आइए जानते हैं साल 2023 में कितने सूर्य और कितने चंद्र ग्रहण देखने को मिलेंगे.

वर्ष 2023 में ग्रहण

साल 2023 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे. दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं कब-कब और कहां-कहां ये चारों ग्रहण दिखाई देंगे.

1- पहला सूर्य ग्रहण

साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार को लगेगा. यह ग्रहण एक दुर्लभ और अनोखा आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और दक्षिण-पूर्व एशिया मे दिखाई देगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. पंचांग के अनुसार 20 अप्रैल 2023 को लगने वाला यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.

2- दूसरा सूर्य ग्रहण

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होगा. इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत ही खास होता है, जिसमें रिंग ऑफ फायर का नजारा देखने को मिलता है. रिंग ऑफ फायर में सू्र्य चंद्रमा के चारों ओर अंगूठी के आकार का हो जाता है. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका. उत्तरी अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत और अटलांटिक में दिखाई देगा. भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा 2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है सकेगा. इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

चंद्र ग्रहण 2023

1- पहला चंद्र ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई 2023 को घटित होगा. यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. इस ग्रहण को खुली आंखों से नही देखा जा सकता है. यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंदू और प्रशांत महासागर और अटलांटिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर देर रात 01 बजे तक चलेगा.

2- दूसरा चंद्र ग्रहण

29 अक्टूबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. भारत में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा इस कारण इसका सूतक काल मान्य होगा. चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर रात 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ग्रहण से 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. हिंदू धर्म में 2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है.

कैसे-कैसे कानून अब भी बने हुए हैं..

constitution day

- दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 से यह संविधान पूरे देश में औपचारिक तौर पर लागू हो गया।

- इस दिन की ऐतिहासिकता के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन ने वर्ष 1979 से इसे नेशनल लॉ डे के रूप में मनाने की शुरुआत की।

- वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर गजट नोटिफिकेशन के द्वारा इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की।

गौर करने की बात यह भी है कि इससे पहले 2014 के आम चुनावों के दौरान उन्होंने अपनी जनसभाओं में कानून की किताब से पुराने और बेकार हो चुके कानूनों को समाप्त किए जाने की जरूरत को काफी प्रमुखता दी थी। सरकार गठन होने पर अपने पहले ही कार्यकाल में उन्होंने लगभग 2000 ऐसे कानूनों को समाप्त किया, जो 2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है अब प्रचलन में नहीं रह गए थे।

शिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि

1. मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।

2. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।

3. शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।

ज्योतिष के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व

चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है। गणित ज्योतिष के आंकलन के हिसाब से महाशिवरात्रि के समय सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं और ऋतु-परिवर्तन भी चल रहा होता है। ज्योतिष के अनुसार चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपनी कमज़ोर स्थिति में आ जाते हैं। चन्द्रमा को शिव जी ने मस्तक पर धारण किया हुआ है -- अतः शिवजी के पूजन से व्यक्ति का चंद्र सबल होता है, जो मन का कारक है। दूसरे शब्दों में कहें तो शिव की आराधना इच्छा-शक्ति को मज़बूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।

शिवरात्रि को लेकर बहुत सारी कथाएँ प्रचलित हैं। विवरण मिलता है कि भगवती पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है।

मसूर की कीमतों में सबसे ज्यादा 500 रुपये की वृद्धि

मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे ज्यादा 500 रुपये (9.1 फीसदी) की वृद्धि की वृद्धि की गयी है. इस तरह वर्ष 2023-24 में मसूर का समर्थन मूल्य 6,000 रुपये हो गया है, जो वर्ष 2016-17 में 3,950 रुपये था. इसी तरह रेपसीड एवं सरसों की कीमतों में 400 रुपये की वृद्धि कर दी गयी है. अब इसका समर्थन मूल्य 5,450 रुपये हो गया है, जो वर्ष 2016-17 में 3700 रुपये था. इस तरह मसूर का समर्थन मूल्य 7 साल में 2,150 रुपये बढ़ गया, जबकि रेपसड एवं सरसों तेल का मूल्य 1,750 रुपये और चना का मूल्य 1,335 रुपये बढ़ चुका है.

अरहर, मूंग और उड़द के मूल्य में अब तक क्रमश: 1,550 रुपये, 2530 रुपये और 1600 रुपये की वृद्धि हो चुकी है. अरहर का सर्थन मूल्य सरकार ने 6,600 रुपये कर दिया है, जो वर्ष 2016-17 में 1,550 रुपये था. मूंग का समर्थन मूल्य 7,755 रुपये तय 2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है किया गया है, जो वर्ष 2016-17 में 5,225 रुपये था. उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6,600 रुपये होगा, जो वर्ष 2016-17 में 5,000 रुपये था.

साल 2023 में कब और कितने ग्रहण होंगे? भारत में कौन सा ग्रहण कब दिखेगा, जानिए सबकुछ

साल 2023 में कब और कितने ग्रहण होंगे? भारत में कौन सा ग्रहण कब दिखेगा, जानिए सबकुछ

TV9 Bharatvarsh | Edited By: प्रदीप तिवारी

Updated on: Nov 24, 2022 | 4:43 PM

Grahan 2023 Date And Sutak Kaal: खगोलीय और धार्मिक नजरिए से ग्रहण की घटना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. साल 2022 के समापन होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. सभी को नए साल की शुरुआत होने का बेसब्री से इंतजार रहता है. हर कोई यह जानने को उत्सुक रहता है कि आने वाले साल में कब और कितने ग्रहण देखने को मिलेंगे. आइए जानते हैं साल 2023 में कितने सूर्य और कितने चंद्र ग्रहण देखने को मिलेंगे.

वर्ष 2023 में ग्रहण

साल 2023 में कुल मिलाकर 4 ग्रहण लगेंगे. दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं कब-कब और कहां-कहां ये चारों ग्रहण दिखाई देंगे.

1- पहला सूर्य ग्रहण

साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार को लगेगा. यह ग्रहण एक दुर्लभ और अनोखा आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और दक्षिण-पूर्व एशिया मे दिखाई देगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. पंचांग के अनुसार 20 अप्रैल 2023 को लगने वाला यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 07 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.

2- दूसरा सूर्य ग्रहण

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होगा. इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत ही खास होता है, जिसमें रिंग ऑफ फायर का नजारा देखने को मिलता है. रिंग ऑफ फायर में सू्र्य चंद्रमा के चारों ओर अंगूठी के आकार का हो जाता है. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका. उत्तरी अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत और अटलांटिक में दिखाई देगा. भारत 2023 में 1 बिटकॉइन कितने का है में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

चंद्र ग्रहण 2023

1- पहला चंद्र ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई 2023 को घटित होगा. यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. इस ग्रहण को खुली आंखों से नही देखा जा सकता है. यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंदू और प्रशांत महासागर और अटलांटिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर देर रात 01 बजे तक चलेगा.

2- दूसरा चंद्र ग्रहण

29 अक्टूबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. भारत में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा इस कारण इसका सूतक काल मान्य होगा. चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर रात 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. ग्रहण से 09 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा. हिंदू धर्म में सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है.

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